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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद शबाना ने अपने कंधे उचकाये। जगबीर ने अपना लण्ड उसकी गाँड से निकाला और बाथरूम में घुस गया। शबाना ने प्रताप का लण्ड चाट कर साफ़ किया और उसके पास ही लेट गयी। रात के ग्यारह बज रहे थे।

कैसा लगा शब्बो जान?”
 
एक पर एक तुम्हें नहीं, मुझे फ्री मिला है! फिर दोनों हंसने लगे।
 
लेकिन, जगबीर भरोसे का आदमी तो है ना?”
 
जानूएक दम पक्का भरोसे का है... और वो सरदार है... तुम बिल्कुल बेफ़िक्र रहो... वो उनमें से नहीं है जो तुम्हें परेशान य बदनाम करेगा!
 
बस मैं यही चाहती हूँ!
 
तभी जगबीर बाहर आ गया. शबाना उठी और अपनी सैंडल खटखटाती हुई बाथरूम में घुस गयी। वो भी तज़ीन की तरह ही नशे में झूम रही थी और कदम बहक रहे थे।
 
यार ये तो उम्मीद से दुगना हो गया!
 
हाँ लेकिन ध्यान रहे किसी को पता ना चले! अच्छे घर की हैं ये दोनों!
 
जानता हूँ यार! किसी को बताकर क्या मुझे अपना ही खाना बिगाड़ना है? और मेरी बीवी को पता चलेगा तो मेरी खुद शामत आ जायेगी! वाहे गुरू की कृपा है... हम क्यों किसी को तकलीफ़ में डालेंगे यार! सब कुछ तो है अपने पास! बाथरूम में मूतती हुई शबाना ये सुनकर इत्तमिनान भी हुआ और खुश भी।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 15-01-2023, 01:34 AM



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