15-01-2023, 01:31 AM
फिर ताज़ीन अचानक उठी और नशे में झूमती हुई सोफ़े पर खड़ी हो गयी और जगबीर के गले में बाँहें डाल कर झूल गयी। उसने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर जगबीर का लण्ड अपनी चूत में घुसाकर अपनी टाँगें उसकी कमर के चारों ओर कस कर लपेट ली। अब वो जगबीर की गोद में थी और जगबीर का लण्ड उसकी चूत में घुसा हुआ था। जगबीर उसी अंदाज़ में उसे धक्के लगाने लगा। ताज़ीन की चूत पानी छोड़ रही थी जो ज़मीन पर टपक रहा था। जगबीर का लण्ड भी पूरी तरह से भीग गया था। जगबीर के धक्कों की लय में ही ताज़ीन के ऊँची हील के सैंडल जगबीर के चूतड़ों पर तबला बजा रहे थे।
फिर जगबीर उसी हालत में उसे बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर पटक दिया। “ओह जग्गू! आज मेरी चूत तेरा लण्ड खा जायेगी... पीस डालेगी तेरे लण्ड को मेरी जान!” ताज़ीन की गाँड उछल रही थी और नशे में ज़ुबान फिसल रही थी... कुछ शराब और कुछ चुदाई का असर था। अचानक जगबीर ने उसकी चूत से लण्ड को बाहर निकाला और उसकी टाँगें एक दम से उठा दी और अपना लण्ड सीधे ताज़ीन की गाँड में घुसा दिया। एक बार तो ताज़ीन की चींख निकल गयी लेकिन उसने अपने आप को संभाल लिया। फिर जगबीर ने उसकी गाँड मारनी शुरू कर दी। कुछ देर बाद ताज़ीन की सिसकारियाँ फिर कमरे में गूँजने लगी, “ओहह जग्गू! मज़ा आ गया गाँड मरवाने का... मेरे जिस्म में जितने भी छेद हैं... सब में अपना लण्ड घुसा दे जग्गू! मेरी चूत तेरे लण्ड की प्यासी है जग्गू और मेरी गाँड तेरा लण्ड खाने के लिये भूखी है.... मेरी जान आज की चुदाई ज़िंदगी भर याद रहनी चाहिये!”
काफी देर उसकी गाँड मारने के बाद जगबीर ने अपना लण्ड निकाला और ताज़ीन की चूत पर मसलने लगा। “और कितना तड़पायेगा मेरे यार!” ऐसा कहकर ताज़ीन झटके से उठी और जगबीर को नीचे गिरा लिया और उसपर चढ़ बैठी। उसने जगबीर के लण्ड को अपनी चूत में घुसाया और जोर-जोर से उछलने लगी। शराब और चुदाई के नशे में पागल जैसे हो गयी थी वो। “जग्गू देख मेरी चूत तेरे लण्ड का क्या हाल करेगी! पीस कर रख देगी ये तेरे लण्ड को... खा जायेगी तेरा लण्ड!” ऐसा कहते-कहते उसकी रफ्तार तेज़ हो गयी और वो एक दम से जगबीर पर झुक गयी और अपनी गाँड को और ज़ोरों से हिलाने लगी। जगबीर समझ गया कि ये जाने वाली है। उसने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिये। “हाँ जग्गू ऐसे ही... मेरी चूत के पानी में डूबने वाला है तेरा लण्ड! बस ऐसे ही और थोड़े झटके लगा... मैं तेरे लण्ड को नहला दूँगी अपनी चूत के रस से... मेरी चूत में तू भी अपने लण्ड का पानी पिला दे!” तभी वो ज़ोर से उछली और फिर धीरे-धीरे आखिरी दो झटके दिये और जगबीर पर गिर पड़ी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और जगबीर ने भी। वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे कुछ देर।
फिर जगबीर उसी हालत में उसे बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर पटक दिया। “ओह जग्गू! आज मेरी चूत तेरा लण्ड खा जायेगी... पीस डालेगी तेरे लण्ड को मेरी जान!” ताज़ीन की गाँड उछल रही थी और नशे में ज़ुबान फिसल रही थी... कुछ शराब और कुछ चुदाई का असर था। अचानक जगबीर ने उसकी चूत से लण्ड को बाहर निकाला और उसकी टाँगें एक दम से उठा दी और अपना लण्ड सीधे ताज़ीन की गाँड में घुसा दिया। एक बार तो ताज़ीन की चींख निकल गयी लेकिन उसने अपने आप को संभाल लिया। फिर जगबीर ने उसकी गाँड मारनी शुरू कर दी। कुछ देर बाद ताज़ीन की सिसकारियाँ फिर कमरे में गूँजने लगी, “ओहह जग्गू! मज़ा आ गया गाँड मरवाने का... मेरे जिस्म में जितने भी छेद हैं... सब में अपना लण्ड घुसा दे जग्गू! मेरी चूत तेरे लण्ड की प्यासी है जग्गू और मेरी गाँड तेरा लण्ड खाने के लिये भूखी है.... मेरी जान आज की चुदाई ज़िंदगी भर याद रहनी चाहिये!”
काफी देर उसकी गाँड मारने के बाद जगबीर ने अपना लण्ड निकाला और ताज़ीन की चूत पर मसलने लगा। “और कितना तड़पायेगा मेरे यार!” ऐसा कहकर ताज़ीन झटके से उठी और जगबीर को नीचे गिरा लिया और उसपर चढ़ बैठी। उसने जगबीर के लण्ड को अपनी चूत में घुसाया और जोर-जोर से उछलने लगी। शराब और चुदाई के नशे में पागल जैसे हो गयी थी वो। “जग्गू देख मेरी चूत तेरे लण्ड का क्या हाल करेगी! पीस कर रख देगी ये तेरे लण्ड को... खा जायेगी तेरा लण्ड!” ऐसा कहते-कहते उसकी रफ्तार तेज़ हो गयी और वो एक दम से जगबीर पर झुक गयी और अपनी गाँड को और ज़ोरों से हिलाने लगी। जगबीर समझ गया कि ये जाने वाली है। उसने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिये। “हाँ जग्गू ऐसे ही... मेरी चूत के पानी में डूबने वाला है तेरा लण्ड! बस ऐसे ही और थोड़े झटके लगा... मैं तेरे लण्ड को नहला दूँगी अपनी चूत के रस से... मेरी चूत में तू भी अपने लण्ड का पानी पिला दे!” तभी वो ज़ोर से उछली और फिर धीरे-धीरे आखिरी दो झटके दिये और जगबीर पर गिर पड़ी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था और जगबीर ने भी। वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे कुछ देर।