31-12-2022, 04:42 AM
प्रताप ने अपना फोन निकाला और उन दोनों को फोन में अपने दोस्तों के साथ की कुछ तसवीरें दिखायीं। इरादा पक्का हुआ ‘जगबीर सिंघ’ पर। वो एक सत्ताईस साल का सरदार था और ये भी एक प्लस प्वाइंट था। क्योंकि सरदार आमतौर पर भरोसे के काबिल होते ही हैं। फिर उसकी खुद की भी शादी हो चुकी थी, तो वो किसी को क्यों बताने लगा, वो खुद मुसीबत में आ जाता अगर किसी को पता चल जाता तो!
“हाय जगबीर! प्रताप बोल रहा हूँ...!”
“बोल प्रताप! आज कैसे याद कर लिया?” एक रौबदार आवाज़ ने जवाब दिया।
इधर-उधर की बातें करने के बाद प्रताप सीधे मुद्दे पर आ गया। “आज रात क्या कर रहा है?”
“कुछ नहीं यार... बीवी तो मायके गयी है... घर पर ही हूँ! पार्टी दे रहा है क्या?”
“पार्टी ही समझ ले, शराब और शबाब दोनों की!”
“यार तू तो जानता है कि मैं इन रंडियों के चक्कर में नहीं पड़ता, बिमारियाँ फैली हुई हैं!”
“अबे रंडियों के पास तो मैं भी नहीं जाता... भाभियाँ हैं अच्छे घरों की... इंट्रस्ट है तो बोल... वो आज रात घर पर अकेली हैं, उनके घर पर ही जाना है... बोल क्या बोलता है?”
“नेकी और पूछ पूछ, बता कहाँ आना है?”
प्रताप ने पता वगैरह और समय बता दिया!
“हाय जगबीर! प्रताप बोल रहा हूँ...!”
“बोल प्रताप! आज कैसे याद कर लिया?” एक रौबदार आवाज़ ने जवाब दिया।
इधर-उधर की बातें करने के बाद प्रताप सीधे मुद्दे पर आ गया। “आज रात क्या कर रहा है?”
“कुछ नहीं यार... बीवी तो मायके गयी है... घर पर ही हूँ! पार्टी दे रहा है क्या?”
“पार्टी ही समझ ले, शराब और शबाब दोनों की!”
“यार तू तो जानता है कि मैं इन रंडियों के चक्कर में नहीं पड़ता, बिमारियाँ फैली हुई हैं!”
“अबे रंडियों के पास तो मैं भी नहीं जाता... भाभियाँ हैं अच्छे घरों की... इंट्रस्ट है तो बोल... वो आज रात घर पर अकेली हैं, उनके घर पर ही जाना है... बोल क्या बोलता है?”
“नेकी और पूछ पूछ, बता कहाँ आना है?”
प्रताप ने पता वगैरह और समय बता दिया!