31-12-2022, 04:42 AM
कुछ देर में ताज़ीन खड़ी हुई तो प्रताप ने पहली बार उसे ऊपर से नीचे तक देखा। ताज़ीन ने झुक कर उसे चूम लिया। उसके होंठों को अपनी जीभ से चाटा और मुस्कुरा कर बाहर निकल गयी। प्रताप ने इधर उधर देखा लेकिन शबाना भी कमरे में नहीं थी। वो भी उठ कर बाहर आया तो शबाना और ताज़ीन सोफे पर नंगी बैठी थीं।
“क्यों प्रताप कैसी रही?”
“मज़ा आ गया, एक के साथ एक फ़्री!” प्रताप ने हंसते हुए कहा तो शबाना भी मुस्कुरा दी।
ताज़ीन ने भी चुटकी ली, “साली तेरे तो मज़े हैं, प्रताप जैस लण्ड मिल गया है चुदाई के लिये... मन तो करता है मैं भी यहीं रह जाऊँ और रोज चुदाई करवाऊँ... बहुत दमदार लण्ड वाला यार मिला है तुझे!”
“अभी पंद्रह दिन और हैं ताज़ीन आपा... जितने चाहे मज़े ले लो.... और हाँ कल आपका भाई आ जायेगा तो थोड़ा एहतियात से सब करना होगा.... फिर तो आपको जाना ही है... जहाँ आपके कईं यार आपको चोदने के लिये बेताब हो रहे होंगे!”
तभी ताज़ीन ने कहा, “प्रताप तेरा कोई दोस्त है तो उसे भी ले आओ! दोनों तरफ़ दो-दो होंगे तो मज़ा भी ज़्यादा आयेगा!”
“ये क्या बक रही हो ताज़ीन आपा! तुम तो चली जाओगी... मुझे तो यहीं रहना है... किसी को पता चल गया तो मैं तो गयी काम से!”
“आज तक किसी को पता चला क्या? और प्रताप का दोस्त होगा तो भरोसेमंद ही होगा... इस पर तो भरोसा है ना तुझे? और मुझे मौका है तो मैं दो तीन के साथ मज़े करना चाहती हूँ! प्लीज़ शबाना मान जाओ ना, मज़ा आयेगा! फिर मेरे जाने के बाद तेरे लिये भी तो एक से ज्यादा लंड का इंतज़ाम हो जायेगा!”
थोड़ी ना-नुक्कर के बाद शबाना मान गयी।
“क्यों प्रताप कैसी रही?”
“मज़ा आ गया, एक के साथ एक फ़्री!” प्रताप ने हंसते हुए कहा तो शबाना भी मुस्कुरा दी।
ताज़ीन ने भी चुटकी ली, “साली तेरे तो मज़े हैं, प्रताप जैस लण्ड मिल गया है चुदाई के लिये... मन तो करता है मैं भी यहीं रह जाऊँ और रोज चुदाई करवाऊँ... बहुत दमदार लण्ड वाला यार मिला है तुझे!”
“अभी पंद्रह दिन और हैं ताज़ीन आपा... जितने चाहे मज़े ले लो.... और हाँ कल आपका भाई आ जायेगा तो थोड़ा एहतियात से सब करना होगा.... फिर तो आपको जाना ही है... जहाँ आपके कईं यार आपको चोदने के लिये बेताब हो रहे होंगे!”
तभी ताज़ीन ने कहा, “प्रताप तेरा कोई दोस्त है तो उसे भी ले आओ! दोनों तरफ़ दो-दो होंगे तो मज़ा भी ज़्यादा आयेगा!”
“ये क्या बक रही हो ताज़ीन आपा! तुम तो चली जाओगी... मुझे तो यहीं रहना है... किसी को पता चल गया तो मैं तो गयी काम से!”
“आज तक किसी को पता चला क्या? और प्रताप का दोस्त होगा तो भरोसेमंद ही होगा... इस पर तो भरोसा है ना तुझे? और मुझे मौका है तो मैं दो तीन के साथ मज़े करना चाहती हूँ! प्लीज़ शबाना मान जाओ ना, मज़ा आयेगा! फिर मेरे जाने के बाद तेरे लिये भी तो एक से ज्यादा लंड का इंतज़ाम हो जायेगा!”
थोड़ी ना-नुक्कर के बाद शबाना मान गयी।