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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
शबाना ने अपने मुँह में काफी थूक भर लिया था और फिर उसने लण्ड के सुपाड़े पर से चमड़ी पीछे की और उसे मुँह में ले लिया। प्रताप का लण्ड शबाना के मुँह में था और शबाना अपनी जीभ में लपेट-लपेट कर उसे चूसे जा रही थी ऊपर से नीचे तक...  सुपाड़े से जड़ तक! उसके होंठों से लेकर गले तक सिर्फ़ एक ही चीज़ थीलण्ड! और वो मस्त हो चुकी थी... उसके एक हाथ की उंगलियाँ उसकी चूत पर थिरक रही थी और दूसरा हाथ प्रताप के लण्ड को पकड़ कर उसे मुँह में खींच रहा था। फिर शबाना ने प्रताप की गोटियों को खींचा जो कि इक्साइटमेंट की वजह से अंदर घुस गयी थी। अब गोटियाँ बाहर आ गयी थी और शबाना ने अपने मुँह से लण्ड को निकाला और उसे ऊपर कर दिया। फिर प्रताप की गोटियों को मुँह में लिया और बेतहाशा चूमने लगी।

 [Image: photo-1146.jpg]
प्रताप की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थी और अब उसके लण्ड को शबाना की चूत में घुसना था। उसने अब शबाना का मुँह अपने लण्ड पर से हटाया और उसे बेड पर लिटा दिया। फिर उसने शबाना की दोनों टाँगों को पकड़ा और ऊपर उठा दिया। फिर प्रताप ने उसकी दोनों जाँघों को पकड़ कर फैलाया और उठा दिया। अब प्रताप का लण्ड शबाना की चूत पर था और धीरे-धीरे अपनी जगह बन रहा था। शबाना ने अपनी आँखें बंद कर लीं और लेट गयी... यही अंदाज़ था उसका। आराम से लेटो और चुदाई का मज़ा लो - जन्नत की सैर करो - लण्ड को खा जाओ - अपनी चूत में अंदर बाहर होते हुए लण्ड को अच्छी तरह महसूस करो - कुछ मत सोचो,  दुनिया भुला दो - कुछ रहे दिमाग में तो सिर्फ़ चुदाई, लण्ड, चूत - और जोरदार ज़बरदस्त चुदाई। प्रताप की सबसे अच्छी बात ये थी कि वो जानता था कि कौनसी औरत कैसे चुदाई करवाना पसंद करती है... और उसके पास वो सब कुछ था जो किसी भी औरत को खुश कर सकता था।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 31-12-2022, 04:40 AM



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