31-12-2022, 04:39 AM
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भाग - ३
शबाना के दरवाज़ा खोलते ही प्रताप उसपर टूट पड़ा। उसने शबाना को गोद में उठाया और उसके होंठों को चूसते हुए उसे अंदर बेडरूम में बिस्तर पर ले गया। शबाना ने सिर्फ़ एक गाऊन और ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहन रखे थे। वो प्रताप का ही इंतज़ार रही थी और पिछले पंद्रह दिनों से चुदाई ना करने की वजह से जल्दी में भी थी... चुदाई करवाने की जल्दी!
प्रताप ने उसे बिस्तर पर लिटाया और सीधे नीचे से उसके गाऊन में घुस गया। अब शबाना आहें भर रही थी... उसकी चूत पर तो जैसे चींटियाँ चल रही थीं उसे अपना गाऊन उठा हुआ दिख रहा था और वो प्रताप के सिर और हाथों के हिसाब से ऊपर नीचे हो रहा था। प्रताप ने उसकी चूत को अपने मुँह में दबा रखा था और उसकी जीभ ने शबाना की चूत में घमासान मचा दिया था। अचानक शबाना की गाँड ऊपर उठ गयी, और उसने अपने गाऊन को खींचा और अपने सिर पर से उसे निकाल कर फ़र्श पर फेंक दिया। उसकी टाँगें अब भी बेड से नीचे लटक रही थीं और उसके ऊँची हील के सैंडल वाले पैर भी फर्श तक नहीं पहुँच रहे थे। प्रताप बेड से नीचे बैठा हुआ उसकी चूत खा रहा था।
शबाना उठ कर बैठ गयी और प्रताप ने अब उसकी चूत में उंगली घुसा दी - जैसे वो शबाना की चूत को खाली रहने ही नहीं देना चाहता था। साथ ही वो शबाना के मम्मों को बेतहाशा चूसने और चूमने लगा। शबाना की आँखें बंद थी और वो मज़े ले रही थी। उसकी गाँड रह-रह कर हिल जाती जैसे प्रताप की उंगली को अपनी चूत से खा जाना चाहती थी।
फिर उसने प्रताप के मुँह को ऊपर उठाया और अपने होंठ प्रताप के होंठों पर रख दिये। उसे प्रताप के मुँह का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी ज़ुबान को अपने मुँह में दबाकर वो उसे चूसे जा रही थी। फिर प्रताप खड़ा हो गया। अब शबाना की बैठा थी। उसने बेड पर बैठे हुए ही प्रताप की बेल्ट उतारी। प्रताप की पैंट पर उसके लण्ड का उभार साफ़ नज़र आ रहा था। शबाना ने उस उभार को मुँह में ले लिया और पैंट की हुक और बटन खोल दी। फिर जैसे ही ज़िप खोली तो प्रताप की पैंट सीधे ज़मीन पर आ गिरी जिसे प्रताप ने अपने पैरों से निकाल कर दूर ढकेल दिया। प्रताप ने वी-कट वाली अंडरवीयर पहन रखी थी। शबाना ने उसकी अंडरवीयर नहीं निकाली। उसने प्रताप की अंडरवीयर के साइड में से अंदर हाथ डाल कर उसके लण्ड को अंडरवीयर के बाहर खींच लिया। फिर उसने हमेशा की तरह अपनी आँखें बंद की और लण्ड को अपने चेहरे पर सब जगह घुमाया फिराया और उसे अपनी नाक के पास ले जाकर अच्छी तरह सूँघने लगी। उसे प्रताप के लण्ड की महक मादक लग रही थी और वो मदहोश हुए जा रही थी। उसके चेहरे पर सब जगह प्रताप के लण्ड से निकाल रहा प्री-कम (पानी) लग रहा था। शबाना को ऐसा करना अच्छा लगता था। फिर उसने अपना मुँह खोला और लण्ड को अंदर ले लिया। फिर बाहर निकाला और अपने चेहरे पर एक बार फिर उसे घुमाया।