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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
भाग -२
 
करीब सात आठ महीने बाद की बात है। शबाना दो हफ्ते से प्रताप का लण्ड नहीं ले पायी थी क्योंकि परवेज़ की बड़ी बहन ताज़ीन घर आयी हुई थी। वो पूरे दिन घर पर ही रहती थी,  जिस वजह से ना तो शबाना कहीं जा पाती थी और ना ही प्रताप को बुला सकती थी। ताज़ीन चौंतीस साल की थी और शबाना से चार साल ही बड़ी थी। वो भी शादीशुदा थी।

ताज़ीन
[Image: UEc67757.jpg]
 
शबाना! मैं दो दिनों के लिये बाहर जा रहा हूँ,  कुछ ज़रूरी काम है... ताज़ीन आपा घर पर नहीं होती तो तुम्हें भी ले चलता! परवेज़ ने कहा।
 
कोई बात नहीं! आप अपना काम निपटा कर आयें! शबाना को परवेज़ के जाने की कोई परवाह नहीं थी और उसके साथ जाने की तमन्ना भी नहीं थी। वो तो ताज़ीन को भी भगा देना चाहती थी, जिसकी वजह से उसे प्रताप का साथ नहीं मिल पा रहा था - पूरे पंद्रह दिन से। और ताज़ीन अभी और पंद्रह दिन रुकने वाली थी।
 
रात को ताज़ीन और शबाना बेडरूम में बिस्तर पर लेटे हुए फिल्म देख रही थीं। शबाना को नींद आने लगी थी और वो नाइटी पहन कर सो गयी। सोने से पहले शबाना ने लाइट बंद करके मद्दिम लाइट चालू कर दी थी। ताज़ीन किसी दूसरे चैनल पर ईंगलिश फिल्म देखने लगी। फिल्म में काफी खुलापन और चुदाई के सीन थे।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 24-12-2022, 04:29 AM



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