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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
शबाना रह-रह कर अपनी गाँड उठा-उठा कर प्रताप के मुँह में चूत दबा रही थी। उसकी चूत से निकल रहा पानी उसकी गाँड तक पहुँच गया था। प्रताप ने अब उंगली चूत से निकाली और शबाना की गाँड पर उंगली फिराने लगा। चूत के पानी की वजह से गाँड में उंगली फिसल कर जा रही थी। शबाना को कुछ होश नहीं था - वो तो चुदाई के नशे से मदहोश हो चुकी थी। आज तक उसे इतना मज़ा नहीं आया था। उसकी सिसकारियाँ बंद नहीं हो रही थी। उसकी गाँड में उंगली और चूत में जीभ घुसी हुई थी और वो नशे में धुत्त शराबी कि तरह बिस्तर पर इधर उधर हो रही थी। उसकी आँखें बंद थी और वो जन्नत की सैर कर रही थी। किसी तेज़ खुशबू की वजह से उसने आँखें खोली तो सामने प्रताप का लण्ड था। उसे पता ही नहीं चला कब प्रताप ने अपने कपड़े उतार दिये और 69 की पोज़िशन में आ गया। शबाना ने प्रताप के लण्ड को पकड़ा और उस पर अपना हाथ ऊपर-नीचे करने लगी। प्रताप के लण्ड से पानी गिर रहा था और वो चिपचिपा हो रहा था। शबाना ने लण्ड को अच्छी तरह सूँघा और उसे अपने चेहरे पर लगाया और फिर उसका अच्छी तरह जायज़ा लेने के बाद उसे चूम लिया। फिर उसने अपना मुँह खोला और लण्ड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वो लण्ड के सुपाड़े को अपने मुँह में लेकर अंदर ही उसे जीभ से लपेटकर अच्छी तरह एक लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और प्रताप अब भी उसकी चूत चूस रहा था।
[Image: 66261978-011-a6ce.jpg]
अचानक जैसे ज्वालामुखी फटा और लावा बहने लगा। शबाना का जिस्म बुरी तरह अकड़ गया और उसकी टाँगें सिकुड़ गयी। प्रताप का मुँह तो जैसे शबाना की जाँघों में पिस रहा था। शबाना बुरी तरह झड़ गयी और उसकी चूत ने एक दम से पानी छोड़ दिया और वो एक दम निढाल गयी। आज एक घंटे में वो दो बार झड़ चुकी थी जबकि अब तक उसकी चूत में लण्ड गया भी नहीं था।
 
अब प्रताप ने अपना लण्ड शबाना के मुँह से निकाला और शबाना की चूत छोड़ कर उसके होंठों को चूमने लगा। शबाना झड़ चुकी थी लेकिन लण्ड की प्यास उसे बाकायदा पागल किये हुए थी। अब वो बिल्कुल नंगी प्रताप के नीचे लेटी हुई थी और प्रताप भी एक दम नंगा उसके ऊपर लेटा हुआ था। प्रताप का लण्ड उसकी चूत पर ठोकर मार रहा था और शबाना अपनी गाँड उठा-उठा कर प्रताप के लण्ड को खाने की फ़िराक में थी। प्रताप अब उसकी टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी टाँगों को उठा कर अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। शबाना आहें भर रही थी और अपने सर के नीचे रखे तकिये को अपने हाथों में पकड़ कर मसल रही थी। प्रताप के लण्ड को खा जाने के लिये उसकी गाँड रह-रह कर उठ जाती थी। मगर प्रताप तो जैसे उसे तड़पा-तड़पा कर चोदना चाहता था। वो उसकी चूत पर ऊपर से नीचे अपने लण्ड को रगड़े जा रहा था। अब शबाना से रहा नहीं जा रहा था - बेहद मस्ती और मज़े की वजह से उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और मुँह से सिसकारियाँ छूट रही थी। प्रताप का लण्ड धीरे-धीरे फिसल रहा था और फिसलता हुआ वो शबाना की चूत में घुस जाता और बाहर निकल जाता।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 21-12-2022, 03:25 AM



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