02-12-2022, 08:30 PM
“भाभी सही सही बताना, तुमने शादी के पहले भी किसी और के लंड को अपनी चूत में घुसाया है कि नहीं?”
“हाँ मेरे जीजा जो कि आजकल जर्मनी में रहते हैं, उन्होंने मुझको मेरी शादी से पहले भी चोदा है। लेकिन उनके लंड की चुदाई मुझको पसंद नहीं आयी।”
“क्यों?”
“अरे उनका लंड बहुत छोटा और पतला है, लेकिन वो मुझे चोदने के पहले और चोदने के बाद खूब चूत चाटा और चूसा करते थे और उनकी चूत चुसाई अच्छी लगती थी। वो अब जब भी इंडिया आते हैं तो मेरी चूत जरूर चूसते हैं। उनके अलावा कॉलेज के ज़माने में कई लंड लिये हैं.... उस दिन जो ऑर्गी पार्टी की कहानी मैंने सुनायी थी वोह मेरी सहेली की नहीं बल्कि मेरी खुद की थी।”
यह सब बातें करते-करते हम लोग चुदाई का मज़ा लेते रहे और मेरी चुदाई से सायरा भाभी दो बार झड़ीं और फिर मैं भी उनकी चूत के अंदर झड़ गया। फिर मैं दो दिन वहाँ रुका रहा। इन दो दिन हम सिर्फ़ खाना खाने के लिए घर के बाहर जाते थे और बाकी समय घर के अंदर नंगे ही रहते थे। सायरा भाभी को नंगी होकर चाय नाशता बनाना बहुत अच्छा लगत था और इसलिये वो सारे समय घर के अंदर नंगी ही घूमती थीं। इन दो दिनों में सायरा भाभी ने मुझसे कई बार अपनी चूत में मेरा लंड डलवा कर अपनी चूत चुदवायी और मैं भी खूब मज़े ले-ले कर उनकी चूत चोदता रहा। हमलोगों ने उनके घर के हर कोने में... लेट कर, बैठ कर, आमने-सामने घुटनों के बल बैठ कर, भाभी को अपने ऊपर चढ़ा कर, खड़े-खड़े आमने सामने से और कभी उनके पीछे से, बाथरूम में शॉवर के नीचे और यहाँ तक कि टॉयलेट में कमॉड के ऊपर बैठ कर, भाभी को गोदी में उठाये चुदाई की। भाभी ने हर वक्त दिल खोल कर चुदाई में मेर सहयोग दिया।
दिल्ली लौटने से पहले एक दिन मैं मार्केट गया और उनके लिए एक खूबसूरत साड़ी और ज्वेलरी खरीदी और उन्हें प्रेज़ेंट दी और बोला, “यह आपकी शादी का तोहफ़ा है, प्लीज़ इसे स्वीकार कीजिए।”
भाभी बोलीं, “अरे मुझको तो मेरा तोहफ़ा मिल गया है और मुझे कुछ नहीं चाहिए। हाँ, अगर देना ही चाहते हो तो आज रात मेरी गाँड में लंड पेल कर मेरी गाँड की चुदाई करो। बस मुझे अपना तोहफ़ा मिल जायेगा।”
मैं भाभी के मुँह से यह बात सुन कर बोला, “हाँ, भाभी मुझे भी आपके गद्देदार चूत्तड़ देख-देख कर आपकी गाँड मारने का मन कर रहा था। लेकिन मैं चुप था कि कहीं आपको मेरी बात का बुरा ना लगे और आप अपनी चूत भी मुझको ना दें।”
भाभी बोली, “हाय रे बेवकूफ, तुमको अभी भी लग रहा है कि मैं तुम्हारी बातों का बुरा मानूँगी? अरे मैं और मेरी चूत तो तुम्हारे लंड की दिवानी हो गयी है, मेरे जवान जिस्म को जब चाहे, जैसे चाहे चोदो। मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी। मैं तो यह सोच रही हूँ कि कल जब आमिर आ जायेगा तो मैं तुम्हारे मस्त लंड के बिना कैसे रह पाऊँगी? चलो आज रात ही क्यों, तुम अभी इसी वक्त एक बार मेरी गाँड मर लो। रात कि बात रात को देखी जायेगी।”
“हाँ मेरे जीजा जो कि आजकल जर्मनी में रहते हैं, उन्होंने मुझको मेरी शादी से पहले भी चोदा है। लेकिन उनके लंड की चुदाई मुझको पसंद नहीं आयी।”
“क्यों?”
“अरे उनका लंड बहुत छोटा और पतला है, लेकिन वो मुझे चोदने के पहले और चोदने के बाद खूब चूत चाटा और चूसा करते थे और उनकी चूत चुसाई अच्छी लगती थी। वो अब जब भी इंडिया आते हैं तो मेरी चूत जरूर चूसते हैं। उनके अलावा कॉलेज के ज़माने में कई लंड लिये हैं.... उस दिन जो ऑर्गी पार्टी की कहानी मैंने सुनायी थी वोह मेरी सहेली की नहीं बल्कि मेरी खुद की थी।”
यह सब बातें करते-करते हम लोग चुदाई का मज़ा लेते रहे और मेरी चुदाई से सायरा भाभी दो बार झड़ीं और फिर मैं भी उनकी चूत के अंदर झड़ गया। फिर मैं दो दिन वहाँ रुका रहा। इन दो दिन हम सिर्फ़ खाना खाने के लिए घर के बाहर जाते थे और बाकी समय घर के अंदर नंगे ही रहते थे। सायरा भाभी को नंगी होकर चाय नाशता बनाना बहुत अच्छा लगत था और इसलिये वो सारे समय घर के अंदर नंगी ही घूमती थीं। इन दो दिनों में सायरा भाभी ने मुझसे कई बार अपनी चूत में मेरा लंड डलवा कर अपनी चूत चुदवायी और मैं भी खूब मज़े ले-ले कर उनकी चूत चोदता रहा। हमलोगों ने उनके घर के हर कोने में... लेट कर, बैठ कर, आमने-सामने घुटनों के बल बैठ कर, भाभी को अपने ऊपर चढ़ा कर, खड़े-खड़े आमने सामने से और कभी उनके पीछे से, बाथरूम में शॉवर के नीचे और यहाँ तक कि टॉयलेट में कमॉड के ऊपर बैठ कर, भाभी को गोदी में उठाये चुदाई की। भाभी ने हर वक्त दिल खोल कर चुदाई में मेर सहयोग दिया।
दिल्ली लौटने से पहले एक दिन मैं मार्केट गया और उनके लिए एक खूबसूरत साड़ी और ज्वेलरी खरीदी और उन्हें प्रेज़ेंट दी और बोला, “यह आपकी शादी का तोहफ़ा है, प्लीज़ इसे स्वीकार कीजिए।”
भाभी बोलीं, “अरे मुझको तो मेरा तोहफ़ा मिल गया है और मुझे कुछ नहीं चाहिए। हाँ, अगर देना ही चाहते हो तो आज रात मेरी गाँड में लंड पेल कर मेरी गाँड की चुदाई करो। बस मुझे अपना तोहफ़ा मिल जायेगा।”
मैं भाभी के मुँह से यह बात सुन कर बोला, “हाँ, भाभी मुझे भी आपके गद्देदार चूत्तड़ देख-देख कर आपकी गाँड मारने का मन कर रहा था। लेकिन मैं चुप था कि कहीं आपको मेरी बात का बुरा ना लगे और आप अपनी चूत भी मुझको ना दें।”
भाभी बोली, “हाय रे बेवकूफ, तुमको अभी भी लग रहा है कि मैं तुम्हारी बातों का बुरा मानूँगी? अरे मैं और मेरी चूत तो तुम्हारे लंड की दिवानी हो गयी है, मेरे जवान जिस्म को जब चाहे, जैसे चाहे चोदो। मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी। मैं तो यह सोच रही हूँ कि कल जब आमिर आ जायेगा तो मैं तुम्हारे मस्त लंड के बिना कैसे रह पाऊँगी? चलो आज रात ही क्यों, तुम अभी इसी वक्त एक बार मेरी गाँड मर लो। रात कि बात रात को देखी जायेगी।”