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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
ये कहते ही टाँगेवाले ने अपना लौड़ा मेरी गाँड में घुसा दिया। अपनी गाँड में उसके लंड के इस तरह ज़बरन घुसने का दर्द मुझसे बर्दाश्त ही नहीं हुआ और बहुत ज़ोर से चींखने की कोशिश की। लेकिन टाँगेवाले को शायद पहले से ही ये अंदाज़ा था कि मैं चीखुँगी इसलिये उसने अपना हाथ मेरे मुँह पे दबा  कर उसे बंद कर रखा था। मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया और मेरी आँखों से आँसू बहने लगे। लेकिन मेरे आँसुओं और दर्द से बेखबर वो दोनों हरामज़ादे मुझे चोदने में लगे रहे। मुझे लगा जैसे दो गरम-गरम फौलादी डंडों ने मेरी चूत और गाँड एक साथ छेद दी हों। ढाबेवाला नीचे से बेहद तेज़ रफ्तार से मुझे चोद रहा था और साथ में मेरे लटक रहे मम्मों को चूसते हुए बेरहमी से मसल रहा था और निप्पलों को खींच-खींच कर मरोड़ रहा था।

ढाबेवाला मेरे मम्मे चूसते हुए बड़बड़ाने लगा,हाय काश इन मम्मों में दूध होता तो मज़ा आ जाता फिर तो आज चोदते-चोदते दूध भी पी लेता!
 
ये सुनकर मैं बोली, अरे भड़वे दूध पीना था तो अपनी अम्मी के पास क्यों नहीं गया?”
 
टाँगेवाला बोला, क्यों कुत्तिया अब तेरा दर्द कहाँ गया अब तो साली कुत्तिया तू मज़े ले-ले कर गाँड मरवा रही है! तब मुझे एहसास हुआ कि मेरा दर्द गायब हो चुका था और मैं एक साथ अपनी चूत और गाँड में डबल धक्कों का मज़ा लेते हुए ज़ोर-ज़ोर से आहें भर रही थी।
 [Image: group200052.jpg]
थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में ढाबेवाले के लंड की मलाई का इखराज शुरू हो गया और मस्ती में बोला, आआआहहहऽऽऽ हाय ले मेरा पानी पी ले राँड हाआआऽऽऽय मैं तो गया चल रंडी साली कुत्तिया ले मेरा सारा पानी पी जा अपने भोंसड़े में आहहाआऽऽऽऽ! मेरी चूत में अपने लंड का पानी भरके ढाबेवाला फारिग हुआ और मेरे नीचे से खिसक कर अलग गया।
 
दूसरी तरफ टाँगेवाला अभी भी मेरे पीछे शिद्दत से डटा हुआ था। मेरी चूत में से ढाबेवाले की मलाई रिसते हुए टपक रही थी और टाँगेवाला मेरी गाँड मारते हुए अपनी एक उंगली मेरी रिसती चूत में घुसा कर उसमें उंगली करने लगा। ढाबेवाले के हलब्बी लंड से पहले ही मेरी चूत दो बार फारिग होकर अपना पानी छोड़ चुकी थी इसलिये टाँगेवाले के उंगली करने से चूत में जलन होने लगी थी। टाँगेवाले को मैं अपनी चूत में से उंगली हटाने के लिये बोली, अरे चूतिये मेरी गाँड तो मार ही रहा ना वो क्या कम है जो मेरी चूत में भी उंगली डाल रहा है क्या एक ही रात में पूरा वसूल करना है चल जल्दी से चूत में से उंगली निकाल वरना गाँड से भी हाथ धो बैठेगा!
 
टाँगेवाला भी अब बुलंदी पर पहुँचने के करीब था और कुछ ही पलों में उसके लंड का माल मेरी चूत में इखराज़ हो गया। कम से कम आधा कप जितनी मलाई उसने मेरी गाँड में छोड़ी होगी।उसकी गाढ़ी मलाई से मुझे अपनी गाँड लबालब भरी हुई महसूस हो रही थी। अपनी तमाम मनि मेरी गाँड में इखराज़ करके वो चटाई पर बैठ गया। मैंने उसकी तरफ देखा तो बहुत थका हुआ नज़र आया। मैं भी थोड़ी देर वहीं लेट गयी।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 12-08-2022, 08:49 PM



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