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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
करीब पाँच मिनट मुझसे लंड चुसवाने के बाद टाँगेवाला बोला,बड़ी मादरचोद औरत है तू साली क्या लौड़ा चूसती हैतेरे बाप ने तुझे सिखाया होगा क्यों चल अब मेरा लंड छोड़ इसे तेरी गाँड में घुसाने का वक्त आ गया है! ये कहते हुए वो अपना लंड मेरे मुँह में से निकाल कर मेरे पीछे की तरफ चला गया।

टाँगेवाला बोला, अबे साले अभी तक इसकी ले ही रहा है फाड़ दे साली की चूत चल हट अभी तक मैं होता तो इसकी चूत और गाँड दोनों एक हो जाते चल हट राँड के नीचे लेट और नीचे से चूत मार इसकी बहुत प्यार आ रहा है इस गुदमरानी पर अरे मैं सब जानता हूँ इस जैसी औरत का तो एक आदमी से काम नहीं चलने वाला ऊपफ गाँड देखी ना तूने इसकी और इसकी चूत अभी भी लगता है कि भोंसड़ी की चूत कुँवारी ही है इसका शौहर तो इसकी गुलामी करता होगा इसकी सैंडल के तलवे चाटता होगा और खुद इसके लिये नये-नये मर्दों का इंतज़ाम करता होगा! अब तक मुझे भी उनकी ये ज़लील बातें अच्छी लगने लगी थीं।मेरे बारे में ये सब ज़लील बातें बोलकर ये दोनों मुस्टंडे शायद अपनी खुद की मस्ती में इज़ाफा कर रहे थे।
 
क्या कह रहा है सच में?” ढाबेवाला मेरे नीचे लेटते हुए बोला और छोटे बच्चे की तरह मेरे मम्मे पकड़ कर फिर से चूसने लगा। मैंने उसके हलब्बी लौड़े पर बैठ कर उसे अपनी चूत में ले लिया। ज़रा वक्त तो लगा पर आहिस्ता से मैंने उसका तमाम लौड़ा चूत में ले लिया और उसके गोटे मुझे गाँड के करीब महसूस होने लगे।
 
टाँगेवाले ने पीछे से दो उंगलियाँ मेरी गाँड में घुसा दीं। उसकी दोनों उंगलियों को मेरी गाँड में घुसने में ज्यादा दिक्कत नहीं आयी । ये देख कर वो बेहद खुश हुआ और बोला, देख साली कुत्तिया! अब तो तेरी गाँड भी लंड खाने के लिये तैयार हो गयी ले अब संभाल मेरा मूसल अपनी गाँड में!
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 12-08-2022, 08:48 PM



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