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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
उधर ढाबेवाला चींख रहा था, हाय मेरे दोस्त! इस राँड का मुँह इतना गरम है कि लगता है कि इसकी चूत में ही लंड पेल रहा हूँ हाय इसकी चूत कितनी गरम होगी हायऽऽऽ आज तो मज़ा आ जायेगा! चूस साली कुत्तिया तुझे तो मैं गालियाँ दे-दे कर तेरे दोनों मम्मे खींच-खींच कर चोदुँगा साली बापचुदी कुत्तिया उफ़फ़फ़...  हाय मेरी जान ज़रा मुँह और खोल ना साली तेरी छतियों को चोदूँ!

मैं कुछ बोले बगैर उनकी मर्ज़ी के हिसाब से उन्हें अपने जिस्म से खेलने दे रही थी। दर‍असल एक साथ दो-दो मर्दों के लौड़ों अपने हुस्न की गिरफ्त में करके बेहद अच्छा लग रहा था और कुछ भी बोलकर मैं उनसे मिलने वाला मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहती थी। ढाबेवाले का सब्र अब खत्म होने लगा था और वो अपना लंड जल्द से जल्द मेरी चूत में घुसेड़ने की तलब में मुझसे चटाई पर लेटने को बोला ताकि वो मुझे चोद सके। लेकिन टाँगेवाला मेरी गाँड छोड़ने को तैयार नहीं था इसलिये उन्होंने फैसला किया कि ढाबेवाला मेरे नीचे लेट कर नीचे से मेरी चूत में लंड चोदेगा और टाँगेवाला पीछे से मेरी सवारी करते हुए मेरी गाँड मारेगा।
 
मैं तो खुद कब से उनके लौड़े एक साथ अपनी चूत और गाँड में लेने की आरज़ू कर रही थी लेकिन फिर भी मैं उन्हें तड़पाने के लिये झूठा नखरा करते हुए बोली, अरे तुम दोनों एक साथ करोगे तो मेरी चूत और गाँड दोनों फट जायेंगी इसलिये प्लीज़ एक-एक करके मेरे साथ मज़े लो पर एक साथ मत चोदो नहीं तो मैं मर जाऊँगी!
 
चुप साली छोड़ ये सब मरने-जीने की बातें तुझे तो दो क्या एक साथ चार-चार आदमी भी चोदें तो भी तेरा कुछ नहीं बिगड़ने वाला पहले दर्जे की राँड है तू तो अपने शौहर के सामने ही दूसरे मर्दों से सारी-सारी रात चुदवाती होगी तू तो इसलिये तू चिंता मत कर और वैसे भी हम तुझे इतने प्यार से चोदेंगे कि तुझे कुछ भी पता नहीं चलेगा चल जल्दी से मेरे दोस्त के ऊपर कुत्तिया के जैसी हो जा फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है और वैसे भी तूने वादा किया है कि हम दोनों दोस्तों को एक साथ मज़ा करायेगी!
 
मैं मुस्कुराते हुए अदा से बोली,वादा तो किया था पर मुझे क्या खबर थी कि तेरे साथ-साथ तेरे दोस्त का लौड़ा भी घोड़े के जैसा है और फिर तुम तो मुझे भले ही प्यार से चोदोगे पर अपने इन लौड़ों के साइज़ का क्या करोगे ये तो इतने ही बड़े ही रहेंगे ना इन्हें तो छोटा नहीं कर सकते हो! मैं शराब के नशे में मदमस्त थी और मेरा सिर घूम रहा था और आवाज़ भी ऊँची होने के साथ ज़रा लड़खड़ा रही थी।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 12-08-2022, 08:05 PM



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