11-08-2022, 02:43 PM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 32
मिली खुद चुदी.
लिली ने अपनी बहन एमी को चूमा और फिर वह दोनों सबसे पहले के पास मिली के पास आई, और वे दोनों स्वर्ग का आनंद अनुभव कर रही अपनी बड़ी बहन को बधाई देने के लिए उसके पास आयी । उनके पीछे-पीछे बाकी लड़किया भी मिली के पास आ गयी । मिली अभी भी उसी आनंद के खुमार में डूबी हुई थी और लगभग आधी बेहोश थी, मैंने सावधानी से अपनी उंगली को उसकी योनी से बाहर निकाला और विजेता की मुद्रा में मैंने उन्हें अपनी ऊँगली को उन्हें दिखाया, जो की गीली, चमकदार और मिली के मलाईदार रस से चिपचिपी थी । तभी लिली ने उस ऊँगली को अपने मुँह में लिया और वह सारा रस चाट गयी और फिर ओंठो से वह रस सबसे पहले एमी और फिर बाकी लड़कियों को उस रस को थोड़ा-थोड़ा चटाया और सबसे आखिर में मेरे ओंठो के साथ अपने ओंठ जो की मिली के मलाईदार रस से चिपचिपे थे लगा दिए।
तभी मिली अर्ध मूर्छा से बाहर निकली और उसने बेचैनी से खुद को हिलाया, फिर एक लंबी सांस ली और जैसी वह किसी सपने से बाहर आ गयी हो वैसे अपनी आँखें खोलीं। जैसे ही उसकी आँखे लिली, मेरे से और अन्य लड़कियों से मिली उसे याद आ गया वह असल में कहाँ थी और क्या कर रही थी। वह शरमा गई, और अपना चेहरा अपने हाथों में दबा लिया, शर्म से बड़बड़ाते हुए बोली, 'ओह, दीपक! ये तुमने क्या किया! ओह दीपक!'
मैंने कहा कि अगर तुम छिपना चाहती हो तो मेरी बाहों में छिप जाओ वह एक दम से मेरी तरफ लपकी और मैंने उसे प्यार से मेरी बाहों में ले लिया और कहा, 'शर्म की कोई बात नहीं है, प्रिय आपकी बहने सखियया और सहायिकाये आपको बधाई देने आयी हैं!' बहुत खुश मिली ने मुझे कृतज्ञतापूर्वक चूमा, लिली फिर बारी-बारी एमी, सपना, शबनम, हुमा और रोजी को गले लगाया, फिर ओह, डार्लिंग! मेरे प्रिय, दीपक बड़बड़ाते हुए खुद को मेरी बाहों में फेंक दिया। मैं तब तक उठ गया था ।
लेकिन मेरा लंड उसके नरम गर्म तल की हरकतों से इतनी कड़ा और सूज गया था कि वह प्रचंड उत्तेजना के कारण कठोर हो गया था। 'ओह, देखो'! लिली बोली और उसने मेरे लंड की ओर इशारा किया और बोली देखो इसकी क्या हालत है फिर मैंने मिली को उसके बिस्तर पर लिटाया उसके नितम्बो के नीचे एक सख्त तकिया रखा और उसकी जाँघों को अलग किया, जिससे मिली की योनि शानदार ढंग से प्रदर्शित हुई, और उसे देख कर मेरे उग्र लण्ड ने एक तुनका लगाया।
बहुत जल्द ही लड़कियों ने आनंददायक उत्साह और प्रत्याशा के साथ झूमते हमे घेर लिया। 'अब दीपक, मिली को चोदो!' लिली बोली। मुझे किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। एक झटके में बिस्तर पर और मिली की टांगों के बीच में था और मैं बस अपना लंड उसकी योनी में डालने ही वाला था थी कि सपना ने मासूमियत से बीच में हस्तक्षेप किया। 'दीपक, क्या मैं इसे महसूस कर सकती हूँ?' उसने पूछा। उसकी इस बात पर हम सब हँसे।
'हाँ प्रिय! क्यों नहीं' मैंने उत्तर दिया, 'बेशक आप इसे महसूस कर सकती हैं और आप चाहे तो अपने अंदर भी ले सकती हैं जो चाहे कर सकती है और आप इसे मिलि की योनि में भी डाल सकती हैं!'
सपना के कोमल कुंवारे हाथ के स्पर्श से मेरा औजार खुशी से और कड़ा हो गया। उसने हाथ से लंड को पकड़ा ओर सहलाया और मेरे लंड को अपनी प्यारी उंगलियों में पकड़े हुए सपना ने बड़ी चतुराई से उसके सिर को मिली की धड़कटी हुई योनी की तरफ निर्देशित किया और खुशी से इंच दर इंच उसे मिली की योनि में गायब होते हुए देखा । मिली अपने अंदर मेरे लंड को महसूस करके उत्साह के साथ कराह रही थी। मैं उसको चुंबन करने लगा और मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे।
अब हम दोनों बहुत उत्तेजित और उत्साहित थे लेकिन मैंने धीरे-धीरे आनंद लेने के लिए निश्चय किया। जैसे ही मिली ने मुझे अपनी योनी के अंदर मह्सूस किया और साथ में मेरी बाहें उसके चारों ओर मजबूती से जकड़ी हुई हैं, और उसके स्तन मेरे सीने में दब कर चपटे हो गए हैं और मैं उसके ओंठो को लगातार चूम रहा था तो उसने खुद को मेरे नीचे बेतहाशा हिलाना शुरू कर दिया । फिर वह कभी लड़खड़ाने तो कभी थरथराने लगी कभी उसने अपने आप को झकझोरा, और फिर अपने पैरों को बेचैनी से मेरे पैरो से रगड़ने लगी और कभी-कभी उन्हें मेरे चारों ओर घुमा के मेरे नितम्बो के ऊपर ले गयी।
इस आनंदमय यौन सम्बंध को लम्बा करने के लिए, मैं उसे जितना संभव हो सके उतना गतिहीन और कठोर हो कर उसके ऊपर लेटा रहा, मैंने उसे वास्तव में खुद को चुदवाने दिया, ताकि उसकी उग्र हरकतें उसे और उत्तेजित करें और उसे जल्दी से चरम उत्कर्ष की और बढ़ जाये और ऐसा ही हुआ, और वह जल्द ही तनाव में आ गई और खुद को उसने तेजी से ऊपर की ओर उछालते हुए ओह, माय डार्लिंग!... माय डार...लिंग बोलते हुए उसने उत्साहपूर्वक स्खलन किया ।
उसकी योनि के कामुक तरकश के संकुचन और तेज झटको ने मुझे भी बहुत उत्तेजित कर दिया । पर मैंने खुद को थोड़ा नियंत्रित किया और जब स्खलन के बाद उसके आनंद की ऐंठन कम हो गयी और उसमे रोमांच कम हो गया तो मैंने उसे मजे ले-ले कर धीरे-धीरे चोदने लगा। लेकिन यौन जुनून, कामुक उत्तेजना और वासना का एक और चक्रवात मिलि के शरीर में उठा और फिर से उसने मेरे नीचे हिलना और उछलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपनी पीठ ऊपर उठा ली और फिर उसका सिर उसकी इच्छाओं के उत्साह में एक तरफ से दूसरी तरफ लुढ़क गया।
अब मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी जम कर तेजी से चुदाई की। मिलि ने खुद को पागलों की तरह ऊपर की ओर झटकते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दिया। फिर दोनों के अंदर एक चक्रवात आया और फिर परमानंद में मैंने मिली के अंदर स्खलन किया और मिली ने आनंद के सबसे कामुक कम्पन के साथ उत्साही स्खलन करते हुए मेरे वीर्य की उबलती हुई श्रद्धांजलि प्राप्त की।
जारी रहेगी
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तभी मिली अर्ध मूर्छा से बाहर निकली और उसने बेचैनी से खुद को हिलाया, फिर एक लंबी सांस ली और जैसी वह किसी सपने से बाहर आ गयी हो वैसे अपनी आँखें खोलीं। जैसे ही उसकी आँखे लिली, मेरे से और अन्य लड़कियों से मिली उसे याद आ गया वह असल में कहाँ थी और क्या कर रही थी। वह शरमा गई, और अपना चेहरा अपने हाथों में दबा लिया, शर्म से बड़बड़ाते हुए बोली, 'ओह, दीपक! ये तुमने क्या किया! ओह दीपक!'
मैंने कहा कि अगर तुम छिपना चाहती हो तो मेरी बाहों में छिप जाओ वह एक दम से मेरी तरफ लपकी और मैंने उसे प्यार से मेरी बाहों में ले लिया और कहा, 'शर्म की कोई बात नहीं है, प्रिय आपकी बहने सखियया और सहायिकाये आपको बधाई देने आयी हैं!' बहुत खुश मिली ने मुझे कृतज्ञतापूर्वक चूमा, लिली फिर बारी-बारी एमी, सपना, शबनम, हुमा और रोजी को गले लगाया, फिर ओह, डार्लिंग! मेरे प्रिय, दीपक बड़बड़ाते हुए खुद को मेरी बाहों में फेंक दिया। मैं तब तक उठ गया था ।
लेकिन मेरा लंड उसके नरम गर्म तल की हरकतों से इतनी कड़ा और सूज गया था कि वह प्रचंड उत्तेजना के कारण कठोर हो गया था। 'ओह, देखो'! लिली बोली और उसने मेरे लंड की ओर इशारा किया और बोली देखो इसकी क्या हालत है फिर मैंने मिली को उसके बिस्तर पर लिटाया उसके नितम्बो के नीचे एक सख्त तकिया रखा और उसकी जाँघों को अलग किया, जिससे मिली की योनि शानदार ढंग से प्रदर्शित हुई, और उसे देख कर मेरे उग्र लण्ड ने एक तुनका लगाया।
बहुत जल्द ही लड़कियों ने आनंददायक उत्साह और प्रत्याशा के साथ झूमते हमे घेर लिया। 'अब दीपक, मिली को चोदो!' लिली बोली। मुझे किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। एक झटके में बिस्तर पर और मिली की टांगों के बीच में था और मैं बस अपना लंड उसकी योनी में डालने ही वाला था थी कि सपना ने मासूमियत से बीच में हस्तक्षेप किया। 'दीपक, क्या मैं इसे महसूस कर सकती हूँ?' उसने पूछा। उसकी इस बात पर हम सब हँसे।
'हाँ प्रिय! क्यों नहीं' मैंने उत्तर दिया, 'बेशक आप इसे महसूस कर सकती हैं और आप चाहे तो अपने अंदर भी ले सकती हैं जो चाहे कर सकती है और आप इसे मिलि की योनि में भी डाल सकती हैं!'
सपना के कोमल कुंवारे हाथ के स्पर्श से मेरा औजार खुशी से और कड़ा हो गया। उसने हाथ से लंड को पकड़ा ओर सहलाया और मेरे लंड को अपनी प्यारी उंगलियों में पकड़े हुए सपना ने बड़ी चतुराई से उसके सिर को मिली की धड़कटी हुई योनी की तरफ निर्देशित किया और खुशी से इंच दर इंच उसे मिली की योनि में गायब होते हुए देखा । मिली अपने अंदर मेरे लंड को महसूस करके उत्साह के साथ कराह रही थी। मैं उसको चुंबन करने लगा और मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे।
अब हम दोनों बहुत उत्तेजित और उत्साहित थे लेकिन मैंने धीरे-धीरे आनंद लेने के लिए निश्चय किया। जैसे ही मिली ने मुझे अपनी योनी के अंदर मह्सूस किया और साथ में मेरी बाहें उसके चारों ओर मजबूती से जकड़ी हुई हैं, और उसके स्तन मेरे सीने में दब कर चपटे हो गए हैं और मैं उसके ओंठो को लगातार चूम रहा था तो उसने खुद को मेरे नीचे बेतहाशा हिलाना शुरू कर दिया । फिर वह कभी लड़खड़ाने तो कभी थरथराने लगी कभी उसने अपने आप को झकझोरा, और फिर अपने पैरों को बेचैनी से मेरे पैरो से रगड़ने लगी और कभी-कभी उन्हें मेरे चारों ओर घुमा के मेरे नितम्बो के ऊपर ले गयी।
इस आनंदमय यौन सम्बंध को लम्बा करने के लिए, मैं उसे जितना संभव हो सके उतना गतिहीन और कठोर हो कर उसके ऊपर लेटा रहा, मैंने उसे वास्तव में खुद को चुदवाने दिया, ताकि उसकी उग्र हरकतें उसे और उत्तेजित करें और उसे जल्दी से चरम उत्कर्ष की और बढ़ जाये और ऐसा ही हुआ, और वह जल्द ही तनाव में आ गई और खुद को उसने तेजी से ऊपर की ओर उछालते हुए ओह, माय डार्लिंग!... माय डार...लिंग बोलते हुए उसने उत्साहपूर्वक स्खलन किया ।
उसकी योनि के कामुक तरकश के संकुचन और तेज झटको ने मुझे भी बहुत उत्तेजित कर दिया । पर मैंने खुद को थोड़ा नियंत्रित किया और जब स्खलन के बाद उसके आनंद की ऐंठन कम हो गयी और उसमे रोमांच कम हो गया तो मैंने उसे मजे ले-ले कर धीरे-धीरे चोदने लगा। लेकिन यौन जुनून, कामुक उत्तेजना और वासना का एक और चक्रवात मिलि के शरीर में उठा और फिर से उसने मेरे नीचे हिलना और उछलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपनी पीठ ऊपर उठा ली और फिर उसका सिर उसकी इच्छाओं के उत्साह में एक तरफ से दूसरी तरफ लुढ़क गया।
अब मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी जम कर तेजी से चुदाई की। मिलि ने खुद को पागलों की तरह ऊपर की ओर झटकते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दिया। फिर दोनों के अंदर एक चक्रवात आया और फिर परमानंद में मैंने मिली के अंदर स्खलन किया और मिली ने आनंद के सबसे कामुक कम्पन के साथ उत्साही स्खलन करते हुए मेरे वीर्य की उबलती हुई श्रद्धांजलि प्राप्त की।
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