11-08-2022, 02:20 PM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -21
सजा.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 20 में पढ़ा:
बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।
मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "
"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।
मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए।
अब आगे:-
हुमा माफ़ी मांगने लगी तो लिली बोली नहीं हुमा आपको माफ़ी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी इसके लिए आपको साबित करना होगा की आप मास्टर से अपने बर्ताव के लिए शर्मिंदा हैं और अब उनकी आज्ञाकारी हैं आप सबसे पहले घुटनो के बल होकर मास्टर से माफ़ी मांगो
हुमा हो लग रहा था कि बेंत के मार के सामने ये सजा बहुत कम है। हुमा तुरंत घुटनो के बल हो गयी तो सपना बोली अब ऐसे ही घुटनो के बल चलते हुए मास्टर के पास जाओ और उनसे माफ़ी मांगो
हुमा ने अपने हाथ जोड़े और घुटनो के बल धीरे-धीरे चलती हुई मेरे पास आयी तो डेज़ी बोली अब मास्टर के हाथ चूमो और पैर चाटो तो हुमा ने मुँह आगे किया और मेरे हाथ चाटे और फिर मेरे पैर। चाटने लगी । मुझे भी अब मजा आने लगा ये तो मेरी सोची हुई सजा से भी बेहतर था ।
फिर शबनम बोली अब हुमा आप अपने स्तनों को मरोडो और निप्पलों को खींचो और मास्टर के सामने पेश कर उन्हें मसलने और खींचने के लिए प्राथना करो ।
तो हुमा उसकी बात का पालन करते हुए अपने स्तनों को दबाने लगी और अपने निप्पलों को मसलने लगी तो उसके स्तन उत्तेजना में खड़े हो गए और फिर खींच कर मेरे सामने पेश कर बोली मास्टर। प्लीज इन्हे मसलन और खींच कर मुझे सजा दीजिये और प्लीज मुझे माफ़ कर दो
डेज़ी ने हुमा को बोला इन्हे खींच कर मास्टर के मुँह में डालो और फिर मैंने उसके निप्पल को हलके से दांतो से कुत्रा तो हुमा कराहने लगी और बोली आअह्ह्ह मास्टर प्लीज अब मुझे माफ़ कर दो । अब फिर कभी आपको अवज्ञा नहीं करुँगी ।
एमी बोली हुमा आप मास्टर को किश कर मास्टर के हाथ अपने स्तनों पर ले जाएये और मास्टर आप इनके स्तन और फिर नितम्बो को दबाइये हुमा मेरे हाथ अपने स्तनों पर ले गयी और मुझे किस करने लगी और फिर मेरे दुसरे हाथ को अपने नितम्बिओ पर ले गयी और फिर हमने किस की और मैंने उसके स्तन और नितम्ब दबाये और जब हम सांस लेने को रुके तो ।
"अब हुमा फिर से घुटनो के बल बैठो और-और उन्हें और सब लड़कियों के पैरो को चूमो और उन्हें धन्यवाद दो की उन्होंने आपको सजा दी है," मिली ने निर्देश दिया।
अब तक हुमा सब की बात बिना किसी विरोध के मानने लग गयी थी और वह झुकी और मेरे पैरो को चाटा और मुझे बोली मास्टर मुझे सजा देने के लिए आपका धन्यवाद । इससे मुझे मेरा व्यवहार सुधारने में सहायता मिलेगी और आप मुझे माफ़ कर दीजिये और फिर सब लड़कियों के पैरो को चूमा और उन्हें धन्यवाद बोला फिर मेरे पास आयी।
मिली बोली हुमा तुमने जितना तुमने अपराध किया है उसके लिए इतनी सजा काफी नहीं है तुमने न केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे लड़ाई भी की है, उन्हें दुःख पहुँचाया है परेशान किया है और फिर बिना उनकी आज्ञा के उनको छोड़ कर चली गयी थी इसलिए तुम्हे अभी और सजा मिलनी चाहिए जाओ अब मास्टर के घुटनो पर पेट के बल लेट जाओ
मैं बैठ गया और मिली ने हुमा को मेरी गोद में नीचे की ओर मुंह करके लेटने का इशारा किया।
हुमा रुआँसी हो गयी थी, हुमा ने मोज़े और जूतों के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था। किसी भी लड़की ने अब एक शब्द भी नहीं कहा । निराशा और डर के साथ-साथ हुमा को उसकी सबसे बड़ी शर्मिंदगी के साथ अपनी सभी गलतियों का पता चला और हुमा ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया इसलिए वह उसने बेंत को मुँह से उठाया और मेरे पास आकर बोली मास्टर अब मैं आपसे याचना करती हूँ की आप मुझे इस बेंत से सजा दीजिये।
मैंने बेंत पकड़ी और फिर अपना शर्मिंदा चेहरा छिपाने के लिए बहुत उत्सुक हुमा तुरंत मेरे घुटनों पर नीचे मुँह करके लेट गयी।
हुमा का चेहरा बहुत प्यारा थाl, जब वह मुस्कुराती थी तो गालो में डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो नरम और सुनहरे रंग के थेl
जैसे ही हुमा मेरे अपने घुटनों के ऊपर सही ढंग से लेटी और मुझे उसके शानदार नग्न पिछवाड़े के आकर्षणों का दीदार प्रदान किया।, मैंने उसके पीछे के हिस्से और नितम्बो पर देखा तो मैं उसकी चिकनी गांड और नितम्बो पर मोहित हो गया और उन्हें पहले सहलाया और फिर उसके नंगे नितम्बो पर-पर चुटकी काटी जिससे उसे दर्द हुआ और वह दर्द से आह-आह करती हुई कराहने लगी। छड़ी मेरे हाथो से नीचे गिर गयी ।
हुमा के बदन पर सर और आँखों की पलकों और भोहों को छोड़ कर बाल का नाम और निशाँ नहीं था हुमा की बिलकुल चिकनी और दाग रहित त्वचा थी जिसे सहलाने और चुने भर से मेरा तना हुआ हथियार हिचकोले खाने लगा और फुफकारने लगा ।
हुमा अपनी-अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार थी ऊपर से सभी लड़कियों के सामने उसे सजा दी जा रही थी जो की उसके लिए अपमानजनक भी था परन्तु गलती उसी की थी । इसलिए उसका बदन शर्म और आशंका से कांप रहा था और लाल हो चला था ।
उसकी चिकनी और मखमली गांड और गोल नितम्ब मेरे सामने थे । उसके बाद, मैंने उसकी मखमली चिकनी जांघो को धीरे से सहलाया और उसके नितम्बो को दृढ़ता और गोल रूपरेखा को महसूस किया।
और उसकी गांड के छोटे से गुलाबी छेद को देख मैंने अपने ऊँगली उसकी अंदर घुसाई तो वह बहुत टाइट था और ऊँगली अंदर नहीं घुस पायी और हुमा कराहने लगी । फिर मेरा हाथ उसके योनि के निचले हिस्से और गांड के छेद के बीच गया और मैंने वहाँ कुछ देर अपनी उंगलिया चलाई और फिर मेरा हाथ उसके नीचे से दिख रही बाल रहित योनि पर चला गया। उसके गोल नितंब चिकनी और टाइट गांड और मेरी द्वारा चुद चुकी बाल रहित योनी सब मेरी आसान पहुँच के भीतर थी और वह गुलाबी और प्यारी लग रही थी कि उसे मैं उसे सहलाने के लिए अपना हाथ उसके निचले अंगो पर घुमाते हुए उसकी नाभि और कमर तक ले गया। मेरा हाथ जब भी उसकी किसी नए अंग को छूता था वह कराहने लगती थी और मेरा लंड कसमसाने लगता था ।
उसके नीचे की खूबसूरत गोल गुलाबी गोल नितम्बो बीच में उसकी नाजुक गांड बेहद सुंदर लग रही थी। उस तनावपूर्ण मुद्रा और हलात में हुमा आगे को झुकी हुई अपना निचला पिछले भाग मुझे प्रदर्शित कर रही थी। उसकी गुदा का छोटा-सा गुलाबी छेद और उसकी बाल रहित छोटे-छोटे नरम रोयों वाली छोटी से तंग छेद वाली योनि को कोमल कली उसकी, कोमल घाटी के तल पर स्थित किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए मेरी थी और अब मेरे को समर्पित थी ।
जब मेरे हाथ उसकी चिकनी गांड पर गए थे तो बार-बार फिसल रहे थे। जब मैं उसके नितम्बो और गांड के निरीक्षण को और लंबा नहीं कर सका, तो मैंने उसके नितम्बो, गांड, योनि, टांगो कमर और पीठ को और जांघों को प्रशंसा पूर्वक सहलाते हुए हुमा को खड़े होने की आज्ञा दी। वह बोल रही थी वह प्लीज मसस्टर मुझे माफ़ कर दो और अब मेरी हर आज्ञा मानेगी तो मैंने उसकी आज्ञाकारिता को आजमाने का फैसला किया और बोला हुमा बोलो हुमा तुम ही बताओ अब तुम्हे अब क्या सजा मिलनी चाहिए क्योंकि अभी तुम्हारी सजा पूरी नहीं हुुइ है ।
हुमा नीचे झुकी और अपने मुँह में छड़ी उठायी और मुँह मेरी तरफ घुमा दिया और बोली मास्टर आप जो सजा दोगो मुझे मंजूर है और मेरे सामने झुक गयी और अपने हाथों से अपने टखनों को छूआ और अपना पिछवाड़ा सजा के लिए प्रस्तुत कर दिया। मैंने सब लड़कियों को और देखा, सब दरी हुई थी और चुप थी और अब मैंने अपना हाथ जिसमे वह छड़ी थी ऊपर उठाया तो रोजी बोल उठी मास्टर! कृपया रुकिए! मेरे निवेदन पर आप हुमा को इस बार क्षमा कर दे ये इसकी पहली भूल है और हुमा को अपने भूल का आभास हो गया है और उसने आपसे माफ़ी भी मांग ली है आप बहुत दयालु है और आपको हुमा बहुत प्यारी भी है । कृपया मेरे अनुरोध पर आप उसे उसके इस पहले अपराध पर अब क्षमा कर दे।
रोजी के इस प्रस्ताव का सबसे पहले एमी ने अनुमोदन किया और बोली दीपक आप मेरा भी अनुरोध मानिये और इसे अब क्षमा कर दीजिये । । इसके तुरंत बाद सभी लड़किया जो पहले चुप थी अब सब एक सुर में बोली मास्टर अब आप हुमा को क्षमा कर दीजिये । मैंने मिली से पुछा आपकी क्या राय है, मिली?
तो वह बोली हम सब आपके गुस्से को देख डरी हुई थी परन्तु अब सबने थोड़ा साहस जुटा लिया है और आपसे प्राथना है उसे इस बार क्षमा कर दीजिये ।
तो मैंने हुमा से पुछा हुमा तुम्हारी अब क्या इच्छा है तो हुमा बोली मास्टर आप मुझे थोड़ी-सी सजा आवश्य दीजिये ताकि मैं अपना ये सबक याद रखूँ और कभी कोई गलती न करूँ ।
तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।
अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।
"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा.
जारी रहेगी
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सजा.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 20 में पढ़ा:
बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।
मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "
"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।
मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए।
अब आगे:-
हुमा माफ़ी मांगने लगी तो लिली बोली नहीं हुमा आपको माफ़ी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी इसके लिए आपको साबित करना होगा की आप मास्टर से अपने बर्ताव के लिए शर्मिंदा हैं और अब उनकी आज्ञाकारी हैं आप सबसे पहले घुटनो के बल होकर मास्टर से माफ़ी मांगो
हुमा हो लग रहा था कि बेंत के मार के सामने ये सजा बहुत कम है। हुमा तुरंत घुटनो के बल हो गयी तो सपना बोली अब ऐसे ही घुटनो के बल चलते हुए मास्टर के पास जाओ और उनसे माफ़ी मांगो
हुमा ने अपने हाथ जोड़े और घुटनो के बल धीरे-धीरे चलती हुई मेरे पास आयी तो डेज़ी बोली अब मास्टर के हाथ चूमो और पैर चाटो तो हुमा ने मुँह आगे किया और मेरे हाथ चाटे और फिर मेरे पैर। चाटने लगी । मुझे भी अब मजा आने लगा ये तो मेरी सोची हुई सजा से भी बेहतर था ।
फिर शबनम बोली अब हुमा आप अपने स्तनों को मरोडो और निप्पलों को खींचो और मास्टर के सामने पेश कर उन्हें मसलने और खींचने के लिए प्राथना करो ।
तो हुमा उसकी बात का पालन करते हुए अपने स्तनों को दबाने लगी और अपने निप्पलों को मसलने लगी तो उसके स्तन उत्तेजना में खड़े हो गए और फिर खींच कर मेरे सामने पेश कर बोली मास्टर। प्लीज इन्हे मसलन और खींच कर मुझे सजा दीजिये और प्लीज मुझे माफ़ कर दो
डेज़ी ने हुमा को बोला इन्हे खींच कर मास्टर के मुँह में डालो और फिर मैंने उसके निप्पल को हलके से दांतो से कुत्रा तो हुमा कराहने लगी और बोली आअह्ह्ह मास्टर प्लीज अब मुझे माफ़ कर दो । अब फिर कभी आपको अवज्ञा नहीं करुँगी ।
एमी बोली हुमा आप मास्टर को किश कर मास्टर के हाथ अपने स्तनों पर ले जाएये और मास्टर आप इनके स्तन और फिर नितम्बो को दबाइये हुमा मेरे हाथ अपने स्तनों पर ले गयी और मुझे किस करने लगी और फिर मेरे दुसरे हाथ को अपने नितम्बिओ पर ले गयी और फिर हमने किस की और मैंने उसके स्तन और नितम्ब दबाये और जब हम सांस लेने को रुके तो ।
"अब हुमा फिर से घुटनो के बल बैठो और-और उन्हें और सब लड़कियों के पैरो को चूमो और उन्हें धन्यवाद दो की उन्होंने आपको सजा दी है," मिली ने निर्देश दिया।
अब तक हुमा सब की बात बिना किसी विरोध के मानने लग गयी थी और वह झुकी और मेरे पैरो को चाटा और मुझे बोली मास्टर मुझे सजा देने के लिए आपका धन्यवाद । इससे मुझे मेरा व्यवहार सुधारने में सहायता मिलेगी और आप मुझे माफ़ कर दीजिये और फिर सब लड़कियों के पैरो को चूमा और उन्हें धन्यवाद बोला फिर मेरे पास आयी।
मिली बोली हुमा तुमने जितना तुमने अपराध किया है उसके लिए इतनी सजा काफी नहीं है तुमने न केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे लड़ाई भी की है, उन्हें दुःख पहुँचाया है परेशान किया है और फिर बिना उनकी आज्ञा के उनको छोड़ कर चली गयी थी इसलिए तुम्हे अभी और सजा मिलनी चाहिए जाओ अब मास्टर के घुटनो पर पेट के बल लेट जाओ
मैं बैठ गया और मिली ने हुमा को मेरी गोद में नीचे की ओर मुंह करके लेटने का इशारा किया।
हुमा रुआँसी हो गयी थी, हुमा ने मोज़े और जूतों के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था। किसी भी लड़की ने अब एक शब्द भी नहीं कहा । निराशा और डर के साथ-साथ हुमा को उसकी सबसे बड़ी शर्मिंदगी के साथ अपनी सभी गलतियों का पता चला और हुमा ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया इसलिए वह उसने बेंत को मुँह से उठाया और मेरे पास आकर बोली मास्टर अब मैं आपसे याचना करती हूँ की आप मुझे इस बेंत से सजा दीजिये।
मैंने बेंत पकड़ी और फिर अपना शर्मिंदा चेहरा छिपाने के लिए बहुत उत्सुक हुमा तुरंत मेरे घुटनों पर नीचे मुँह करके लेट गयी।
हुमा का चेहरा बहुत प्यारा थाl, जब वह मुस्कुराती थी तो गालो में डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो नरम और सुनहरे रंग के थेl
जैसे ही हुमा मेरे अपने घुटनों के ऊपर सही ढंग से लेटी और मुझे उसके शानदार नग्न पिछवाड़े के आकर्षणों का दीदार प्रदान किया।, मैंने उसके पीछे के हिस्से और नितम्बो पर देखा तो मैं उसकी चिकनी गांड और नितम्बो पर मोहित हो गया और उन्हें पहले सहलाया और फिर उसके नंगे नितम्बो पर-पर चुटकी काटी जिससे उसे दर्द हुआ और वह दर्द से आह-आह करती हुई कराहने लगी। छड़ी मेरे हाथो से नीचे गिर गयी ।
हुमा के बदन पर सर और आँखों की पलकों और भोहों को छोड़ कर बाल का नाम और निशाँ नहीं था हुमा की बिलकुल चिकनी और दाग रहित त्वचा थी जिसे सहलाने और चुने भर से मेरा तना हुआ हथियार हिचकोले खाने लगा और फुफकारने लगा ।
हुमा अपनी-अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार थी ऊपर से सभी लड़कियों के सामने उसे सजा दी जा रही थी जो की उसके लिए अपमानजनक भी था परन्तु गलती उसी की थी । इसलिए उसका बदन शर्म और आशंका से कांप रहा था और लाल हो चला था ।
उसकी चिकनी और मखमली गांड और गोल नितम्ब मेरे सामने थे । उसके बाद, मैंने उसकी मखमली चिकनी जांघो को धीरे से सहलाया और उसके नितम्बो को दृढ़ता और गोल रूपरेखा को महसूस किया।
और उसकी गांड के छोटे से गुलाबी छेद को देख मैंने अपने ऊँगली उसकी अंदर घुसाई तो वह बहुत टाइट था और ऊँगली अंदर नहीं घुस पायी और हुमा कराहने लगी । फिर मेरा हाथ उसके योनि के निचले हिस्से और गांड के छेद के बीच गया और मैंने वहाँ कुछ देर अपनी उंगलिया चलाई और फिर मेरा हाथ उसके नीचे से दिख रही बाल रहित योनि पर चला गया। उसके गोल नितंब चिकनी और टाइट गांड और मेरी द्वारा चुद चुकी बाल रहित योनी सब मेरी आसान पहुँच के भीतर थी और वह गुलाबी और प्यारी लग रही थी कि उसे मैं उसे सहलाने के लिए अपना हाथ उसके निचले अंगो पर घुमाते हुए उसकी नाभि और कमर तक ले गया। मेरा हाथ जब भी उसकी किसी नए अंग को छूता था वह कराहने लगती थी और मेरा लंड कसमसाने लगता था ।
उसके नीचे की खूबसूरत गोल गुलाबी गोल नितम्बो बीच में उसकी नाजुक गांड बेहद सुंदर लग रही थी। उस तनावपूर्ण मुद्रा और हलात में हुमा आगे को झुकी हुई अपना निचला पिछले भाग मुझे प्रदर्शित कर रही थी। उसकी गुदा का छोटा-सा गुलाबी छेद और उसकी बाल रहित छोटे-छोटे नरम रोयों वाली छोटी से तंग छेद वाली योनि को कोमल कली उसकी, कोमल घाटी के तल पर स्थित किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए मेरी थी और अब मेरे को समर्पित थी ।
जब मेरे हाथ उसकी चिकनी गांड पर गए थे तो बार-बार फिसल रहे थे। जब मैं उसके नितम्बो और गांड के निरीक्षण को और लंबा नहीं कर सका, तो मैंने उसके नितम्बो, गांड, योनि, टांगो कमर और पीठ को और जांघों को प्रशंसा पूर्वक सहलाते हुए हुमा को खड़े होने की आज्ञा दी। वह बोल रही थी वह प्लीज मसस्टर मुझे माफ़ कर दो और अब मेरी हर आज्ञा मानेगी तो मैंने उसकी आज्ञाकारिता को आजमाने का फैसला किया और बोला हुमा बोलो हुमा तुम ही बताओ अब तुम्हे अब क्या सजा मिलनी चाहिए क्योंकि अभी तुम्हारी सजा पूरी नहीं हुुइ है ।
हुमा नीचे झुकी और अपने मुँह में छड़ी उठायी और मुँह मेरी तरफ घुमा दिया और बोली मास्टर आप जो सजा दोगो मुझे मंजूर है और मेरे सामने झुक गयी और अपने हाथों से अपने टखनों को छूआ और अपना पिछवाड़ा सजा के लिए प्रस्तुत कर दिया। मैंने सब लड़कियों को और देखा, सब दरी हुई थी और चुप थी और अब मैंने अपना हाथ जिसमे वह छड़ी थी ऊपर उठाया तो रोजी बोल उठी मास्टर! कृपया रुकिए! मेरे निवेदन पर आप हुमा को इस बार क्षमा कर दे ये इसकी पहली भूल है और हुमा को अपने भूल का आभास हो गया है और उसने आपसे माफ़ी भी मांग ली है आप बहुत दयालु है और आपको हुमा बहुत प्यारी भी है । कृपया मेरे अनुरोध पर आप उसे उसके इस पहले अपराध पर अब क्षमा कर दे।
रोजी के इस प्रस्ताव का सबसे पहले एमी ने अनुमोदन किया और बोली दीपक आप मेरा भी अनुरोध मानिये और इसे अब क्षमा कर दीजिये । । इसके तुरंत बाद सभी लड़किया जो पहले चुप थी अब सब एक सुर में बोली मास्टर अब आप हुमा को क्षमा कर दीजिये । मैंने मिली से पुछा आपकी क्या राय है, मिली?
तो वह बोली हम सब आपके गुस्से को देख डरी हुई थी परन्तु अब सबने थोड़ा साहस जुटा लिया है और आपसे प्राथना है उसे इस बार क्षमा कर दीजिये ।
तो मैंने हुमा से पुछा हुमा तुम्हारी अब क्या इच्छा है तो हुमा बोली मास्टर आप मुझे थोड़ी-सी सजा आवश्य दीजिये ताकि मैं अपना ये सबक याद रखूँ और कभी कोई गलती न करूँ ।
तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।
अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।
"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा.
जारी रहेगी
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