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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। मैं चुप रही और ढाबेवाले ने अपने दोस्त के हाथ से बोतल ले कर मेरे होंठों से लगा दी। मैंने हिचकिचाते हुए अपने होंठ खोल दिये और उसने तीन-चार बड़े-बड़े घूँट मेरे हलक में डाल दिये। जब वो देसी शराब मेरे हलक में लगी तो जलन और दम सा घुटने की वजह से मैं अपने सीने पे मुक्के मारते हुए लंबी साँसें भरने लगी। कुछ ही पलों में मुझे शराब का सुरूर और अपना सिर हल्का सा घूमता महसुस होने लगा। दर असल मुझे वो सुरूर बेहद खुशनुमा लगा और मैंने वो पव्वा अपने हाथों में ले लिये और धीरे-धीरे चुस्कियाँ लेने लगी।

ढाबेवाला ने इस दौरान मेरे लहंगे का नाड़ा खोल कर उसे मेरे जिस्म से जुदा कर दिया। अब मैं सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी खड़ी देसी शराब की चुस्कियाँ ले रही थी और उसने मेरे जिस्म से चिपक कर मुझे बेरहमी से मसलना शुरू कर दिया था। उसने अपनी धोती में से अपना लंड निकाल लिया था और उसे मेरी नंगी जाँघों पर रगड़ रहा था। ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ करते हुए मेरे मम्मों को चाटत चूसते हुए टाँगेवाले से बोला, अरे यार तू क्या बैठा देख रहा है आजा तू भी मज़ा कर ले आ दोनों मिल कर इस शहरी मेम की चूत और गाँड को चोदते हैं!
 
अरे यार पहले तू तो पूरा मज़ा ले ले तब तक मैं भी तुझे मज़े लेते देख कर थोड़ा गरम हो जाता हूँ फिर दोनों मिलकर इसे साथ-साथ चोदेंगे वैसे इसकी चूत के साथ इस राँड को भी पानी-पानी कर दिया है साली दारू पी कर मस्त हो गयी है! और फिर अपने लतीफे पे खुद ही हंसने लगा। मैं इसकी गाँड में अपना गरम लौड़ा डाल कर इसकी गाँड मारूँगा और तू इसकी चूत का भोंसड़ा बनाना!
 
मैं उस लम्हे के बारे में सोचने लगी जब दो बड़े-बड़े लंड एक ही वक्त में मेरे दोनों छेदों में एक साथ चोदेंगे। ये ख्याल आते ही मेरे जिस्म में सनसनाहट भरी लहरें दौड़ने लगी। ढाबेवाले ने दो उंगलियाँ मेरी चूत में घुसेड़ दीं और मेरी चूत को उंगलियों से चोदने लगा। हर गुज़रते लम्हे के साथ वो बेकाबू सा होता जा रहा था। मैंने उससे कहा, हाय मादरचोद थोड़ा धीरे-धीरे उंगली घुसा इतनी जल्दी क्या है आज की पूरी रात मैं तुम दोनों की ही हूँ चाहे जैसे मुझे चोदना मैं एतराज़ नहीं करुँगी थोड़ा प्यार से सब करेगा तो तुझे भी मज़ा आयेगा और मुझे भी! लेकिन उसने तो जैसे कुछ सुना ही नहीं और पहले जैसे ही मेरी चूत बेरहमी से अपनी उंगलियों से चोदना ज़ारी रखा।
[Image: 1943H006.jpg]
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 22-07-2022, 11:31 PM



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