20-07-2022, 12:25 AM
फिर वो मेरे ऊपर झुककर अपना लंड मेरी चूत में घुसाते हुए बोला, “अभी तेरी इस चूत की आग तो ठंडा कर देता हूँ मेरी रंडी… तू घबरा मत… तेरे पति ने तेरी चूत को नंगी करके क्या चोदा होगा मेरी जान!” जैसे ही उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पे लगाया तो उसका सुपाड़ा इस कदर गरम था कि मुझे लगा जैसे मैं बम की तरह फट पड़ुँगी। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में ढकेला तो मूश्किल से अभी वो अंदर घुसा ही था कि मुझे लगा वो मेरी चूत ही फाड़ डलेगा। मैं ज़ोर से चींखी, “अरे चूतियेऽऽऽ ज़रा धीरे से घुसा… क्या मेरी चूत को ही फाड़ डालेगा आज… प्लीज़ ज़रा धीरे से चोद ना!”
“अभी तो आधा भी नहीं घुसाया है… अभी से ही चिल्लाने लग गय़ी… साली जब पूरा घुस जायेगा तो क्या करेगी… ले और धक्के खा मेरी राँड… तुझे बहुत शौक है ना चुदाने का तो लेऽऽऽ!”
और उसके साथ ही उसने एक झटके में ही तमाम लंड मेरी चूत में घुसा दिया। एक पल के लिये तो मुझे लगा कि दर्द के मारे मेरी जान ही निकल जायेगी। मैं चिल्लाने लगी, “ओहहहऽऽऽ हायऽऽऽ अल्लाहऽऽऽऽऽ मर गयी… मैं तो आज नहीं बचुँगी… आज तो ये हरामी मुझे मार ही डालेगा… हायऽऽऽ प्लीज़ ज़रा धीरे-धीरे तो चोद ना!” लेकिन फिर कुछ देर में आखिरकार दर्द कम हो गया और मुझे उसके लंड के धक्कों का मज़ा आने लगा। वो अब मोतदिल रफ्तार से अपना लंड मेरी चूत में चोद रहा था।
अचानक वो बोला, “अरे कुत्तिया ऐसे क्यों लेटी हुई है… साली चल तू भी अपनी गाँड हिला नीचे से… फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है!”
मैंने भी उसके लंड के धक्कों के साथ-साथ लय में अपने चूतड़ ऊपर-नीचे हिलाने शुरू कर दिये और ऐसे ही कुछ देर चुदाई ज़ारी रही। मुझे लग रहा था कि जैसे मैं ज़न्नत में हूँ। इतनी इशरत मैंने ज़िंदगी में पहले कभी महसूस नहीं की थी। वो मुझे लगातार एक मुस्तकिल रफ्तार से चोद रहा था। मैं जोर से चिल्लाते हुए बोली, “ले साले! तू भी क्या याद रखेगा कि कोई शहर वाली मिली थी तुझे चुदाने के लिये… हायऽऽऽ तेरे गाँव की दस औरतें भी मिल कर तुझे इतना मज़ा नहीं देंगी जितना मैं अकेले दूँगी! ऊऊऊऊहहहऽऽऽऽ मेरे खुदाऽऽऽ! हाय मेरे सनम… बस इसी तरह से मुझते चोदता रह… जन्नत का मज़ा आ रहा है!”
“अभी तो आधा भी नहीं घुसाया है… अभी से ही चिल्लाने लग गय़ी… साली जब पूरा घुस जायेगा तो क्या करेगी… ले और धक्के खा मेरी राँड… तुझे बहुत शौक है ना चुदाने का तो लेऽऽऽ!”
और उसके साथ ही उसने एक झटके में ही तमाम लंड मेरी चूत में घुसा दिया। एक पल के लिये तो मुझे लगा कि दर्द के मारे मेरी जान ही निकल जायेगी। मैं चिल्लाने लगी, “ओहहहऽऽऽ हायऽऽऽ अल्लाहऽऽऽऽऽ मर गयी… मैं तो आज नहीं बचुँगी… आज तो ये हरामी मुझे मार ही डालेगा… हायऽऽऽ प्लीज़ ज़रा धीरे-धीरे तो चोद ना!” लेकिन फिर कुछ देर में आखिरकार दर्द कम हो गया और मुझे उसके लंड के धक्कों का मज़ा आने लगा। वो अब मोतदिल रफ्तार से अपना लंड मेरी चूत में चोद रहा था।
अचानक वो बोला, “अरे कुत्तिया ऐसे क्यों लेटी हुई है… साली चल तू भी अपनी गाँड हिला नीचे से… फिर देख तुझे कितना मज़ा आता है!”
मैंने भी उसके लंड के धक्कों के साथ-साथ लय में अपने चूतड़ ऊपर-नीचे हिलाने शुरू कर दिये और ऐसे ही कुछ देर चुदाई ज़ारी रही। मुझे लग रहा था कि जैसे मैं ज़न्नत में हूँ। इतनी इशरत मैंने ज़िंदगी में पहले कभी महसूस नहीं की थी। वो मुझे लगातार एक मुस्तकिल रफ्तार से चोद रहा था। मैं जोर से चिल्लाते हुए बोली, “ले साले! तू भी क्या याद रखेगा कि कोई शहर वाली मिली थी तुझे चुदाने के लिये… हायऽऽऽ तेरे गाँव की दस औरतें भी मिल कर तुझे इतना मज़ा नहीं देंगी जितना मैं अकेले दूँगी! ऊऊऊऊहहहऽऽऽऽ मेरे खुदाऽऽऽ! हाय मेरे सनम… बस इसी तरह से मुझते चोदता रह… जन्नत का मज़ा आ रहा है!”