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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
इसके बाद वो फिर मेरे करीब आया और मेरी आँखों में झाँकते हुए बोला, ले राँड! मेरे इस प्यारे लंड को अपने मुँह में ले कर चूस और इसे फिर से खड़ा कर टाँगे में तो तेरी अम्मा (सास) जाग गयी थी तो मज़ा नहीं आया था पर यहाँ पर कोई नहीं आने वाला है! मुझे भी और क्या चाहिये था। मैं भी तो बिल्कुल यही आरज़ू कर रही थी कि उसका अज़ीम लंड अपने लबों में ले लूँ। मैंने लपक कर उसे पकड़ लिया और बड़े चाव से उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। उसका लंड चूसते हुए मैं उसके चूतड़ों को दबाते हुए अपने लंबे नाखूनों से खुरच रही थी। उसका लण्ड फिर से सख्त होने लगा था। मैं दस मिनट तक चुप्पे मार-मार के इतनी ज़ोर-ज़ोर से उसका मोटा लंड चूसती रही की मेरे होंठ दुखने लगे।

वो अब ज़ोर-ज़ोर से कराहते हुए ये अल्फाज़ बोल रहा था, चूस साली और जोर से चूस मेरा लंड तुझे शहर में ऐसा लौड़ा नहीं मिलेगा ऊऊऊहहऽऽऽऽ येऽऽऽ मेरी गाँड भी सहला साली आंआंऽऽऽऽ हाय क्या लौड़ा चूसती है तू तूने तो राँडों को भी पीछे छोड़ दिया लंड चूसने में हायऽऽऽऽ मेरी कुत्तिया बस इसी तरह सेऽऽऽऽ!
 
थोड़ी देर और अपना लंड चुसवाने के बाद उसने मुझे चूसने से रोक दिया, बस बहुत हो गया अब छोड़ मेरे लंड को नहीं तो इसका पानी ऐसे ही निकल जायेगा फिर तेरी चूत प्यासी ही रह जायेगी!
 
मैंने उसका लंड मुँह में से निकाला और उसके अंदाज़ में बोली,साले! अगर अब मेरी चूत प्यासी रह गयी तो तेरे इस लंड को काट के अपने साथ ही ले जाऊँगी। ले - अब जल्दी से मेरी चूत चोद! ये कहते हुए मैंने अपना लहंगा उतार फेंका और चटाई पे लेट कर अपनी चूत उसे दिखाते हुए बोली, अब प्लीज़ जल्दी कर देख कब से मेरी चूत प्यासी है जल्दी से आ और अपने लण्ड से इसकी प्यास बुझा!
 
मैं अब सिर्फ ऊँची पेन्सिल हील की सैंडल पहने बिल्कुल नंगी वहाँ लेटी हुई दो टके की रंडी की तरह उसके लंड की भीख माँग रही थी। वो मेरे करीब आया कुछ पलों के लिये मेरी खुली हुई दिलकश चूत निहारता रहा और फिर बोला, मैंने गाँव में इतनी चूतें देखी और चोदी भी हैं पर एक भी तेरी चूत के जैसी नहीं थी हाय क्या मक्खन के जैसी चूत है तेरी और ये तेरी माँसल जाँघें ये गोरी लंबी टाँगें और ऊँची ऐड़ी की सैंडल में ये प्यारे पैर इन्हें देखकर तो नामर्दों का भी लंड खड़े होकर सलामी देने लग जायेंगे हायऽऽऽ मैं मर जाऊँ तेरी इस अदा पर!
 
उसकी महज़ बातों से मैं झल्ला गयी और बोली, अबे चूतिये अब चोदेगा भी या ऐसे ही खड़ा-खड़ा निहारता रहेगा और शायरी करता रहेगा देख साले मेरी चूत में आग लगी हुई है! मैंने फैसला कर लिया था कि अगर वो मेरे साथ गंदे अल्फाज़ और गालियाँ इस्तेमाल कर सकाता है तो चुदाई के मज़े में इज़ाफे के लिये मैं भी वैसा ही करुँगी।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 20-07-2022, 12:23 AM



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