06-07-2022, 10:13 PM
इसलिये रुख़साना मैडम पीठ के बल टेबल पे ऐसे लेट गयीं कि उनका मुँह नीचे टेबल के किनारे आ गया। उन्होंने मुझे अपने करीब बुलाया और मेरा लोहे सा सख्त लंड फिर से अपने मुँह में भर लिया। उन्होंने सुपड़-सुपड़ करके चटपटा लौड़ा चूसना शुरु किया । मैं तो मस्ती से झूम उठा और सिसकने लगा। अपने चूतड़ चलाने से मैं खुद को रोक नहीं सका और मेरा लंड रुख़साना मैडम के गले में टकराने लगा। मैंने देखा की रुख़साना मैडम एक हाथ से नीचे अपनी चूत भी सहला रही थीं।
फिर अचानक रुख़साना मैडम मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकल कर बोली, “जब तक मैं तेरा लंड चूसती हूँ… तू भी मेरी चूत चाट!” ये कहते हुए किसी जिमनास्ट की तरह रुख़साना मैडम अपनी कमर उठा कर चक्र की तरह मोड़ते हुए अपनी टांगें मेरे कंधों पर रखकर अपनी चूत को मेरे मुँह के करीब ले आयीं। उनके जिस्म का लचीलापन देख कर मैं हैरान था। उन्होंने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी। मेरा लौड़ा उनके मुँह में गले तक अंदर था और मेरी जीभ कभी उनकी गाँड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। रुख़साना मैडम सिसकारियाँ निकाल रही थी पर मुँह भरा होने के चलते चिल्लाना असंभव था । पाँच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे।
रुख़साना मैडम केबिन के शीशे का सहारा लेकर आगे झुककर अपनी टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गयी। उँची हील की सैंडल पहने इस तरह खड़े होने से उनकी गाँड पीछे निकल कर उठी हुई बहुत सैक्सी लग रही थी। “चल जल्दी से घुसेड़ दे अपना लंड मेरी चूत में!” वो मेरी तरफ गर्दन घुमा कर बेक़रारी से बोली! मैंने उनकी कमर पकड़ कर पीछे से उनकी चूत में अपना बड़ा लौड़ा घुसा दिया। अब वो मरमराने लगी थी और उनकी चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए मेरा अनाकोंडा जैसा लंड अंदर घुसने लगा। वो काफी चुदी चुदाई औरत थी और शायद इसीलिये मेरे लंड की मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी और उसे तकलीफ नहीं हुई। धकपक करते हुए लंड उनकी चूत में अंदर तक घुसेड़ते ही मैंने पीछे से उनकी चूचियाँ कस कर पकड़ लीं। उन्होंने अपनी गरदन पीछे करके अपने होंठ मेरे होंठों से छुआ दिये। चूत, होंठ और चूचियाँ तीनो जगह से मजे लेते हुए उन्होंने जबरदस्त चुदासी हो गयी थी। लंबे मोटे लंड से उनकी चूत भर आयी थी मारे मजे के उनकी आँखें बंद हुई जा रही थी। बीस मिनट तक ऐसी ही घमासान चुदाई के बाद मैंने उनकी गाँड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उन्हें पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। हमेशा अच्छे मार्क्स मिले और मैं हो गया बीएड टापर। जब मन चाहा मैडम को चोदा।
फिर अचानक रुख़साना मैडम मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकल कर बोली, “जब तक मैं तेरा लंड चूसती हूँ… तू भी मेरी चूत चाट!” ये कहते हुए किसी जिमनास्ट की तरह रुख़साना मैडम अपनी कमर उठा कर चक्र की तरह मोड़ते हुए अपनी टांगें मेरे कंधों पर रखकर अपनी चूत को मेरे मुँह के करीब ले आयीं। उनके जिस्म का लचीलापन देख कर मैं हैरान था। उन्होंने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी। मेरा लौड़ा उनके मुँह में गले तक अंदर था और मेरी जीभ कभी उनकी गाँड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। रुख़साना मैडम सिसकारियाँ निकाल रही थी पर मुँह भरा होने के चलते चिल्लाना असंभव था । पाँच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे।
रुख़साना मैडम केबिन के शीशे का सहारा लेकर आगे झुककर अपनी टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गयी। उँची हील की सैंडल पहने इस तरह खड़े होने से उनकी गाँड पीछे निकल कर उठी हुई बहुत सैक्सी लग रही थी। “चल जल्दी से घुसेड़ दे अपना लंड मेरी चूत में!” वो मेरी तरफ गर्दन घुमा कर बेक़रारी से बोली! मैंने उनकी कमर पकड़ कर पीछे से उनकी चूत में अपना बड़ा लौड़ा घुसा दिया। अब वो मरमराने लगी थी और उनकी चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए मेरा अनाकोंडा जैसा लंड अंदर घुसने लगा। वो काफी चुदी चुदाई औरत थी और शायद इसीलिये मेरे लंड की मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी और उसे तकलीफ नहीं हुई। धकपक करते हुए लंड उनकी चूत में अंदर तक घुसेड़ते ही मैंने पीछे से उनकी चूचियाँ कस कर पकड़ लीं। उन्होंने अपनी गरदन पीछे करके अपने होंठ मेरे होंठों से छुआ दिये। चूत, होंठ और चूचियाँ तीनो जगह से मजे लेते हुए उन्होंने जबरदस्त चुदासी हो गयी थी। लंबे मोटे लंड से उनकी चूत भर आयी थी मारे मजे के उनकी आँखें बंद हुई जा रही थी। बीस मिनट तक ऐसी ही घमासान चुदाई के बाद मैंने उनकी गाँड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उन्हें पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। हमेशा अच्छे मार्क्स मिले और मैं हो गया बीएड टापर। जब मन चाहा मैडम को चोदा।