10-05-2022, 11:53 PM
हीना तब बोली: मेरे ससुराल वाले काफी रईस हैं और रहन-सहन भी काफी मॉडर्न है। मेरी सास उम्र में पचपन की हैं लेकिन पैंतीस-चालीस से ज्यादा की नहीं लगती। वो अक्सर जींस-टॉप वगैरह भी पहनती हैं और किट्टी पार्टियों और लेडिज़-क्लबों में भी काफी एक्टिव हैं। ससुर भी काफी हैंडसम और चार्मिंग शख्सियत वाले इंसान हैं! निकाह के बाद जब घर के सारे मेहमान मेरी ससुराल से चले गये तो ससुराल में मैं, मेरे शौहर, मेरे सास ससुर और मेरी ननद ज़ोया और नन्दोई रशीद रह गये। मेरी ननद और नन्दोई उसी शहर में रहते थे इसलिए वो बाद में जाने वाले थे। मेरी ससुराल वालों को मेरे शौहर की कमियाँ मालूम थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी शादी करवा दी थी।
एक दिन दोपहर में मैंने सास को अपने दामाद से नंगी हो कर चुदवाते देख लिया, या यह कहो कि उन्होंने अपनी चुदाई मुझे दिखला दी। हुआ ऐसे कि एक दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में सो रही थी कि मुझे कुछ खुसुर फुसुर कि आवाज़ सुनाई दी। मैं उठ कर देखने गयी तो देखा कि मेरे नन्दोई और मेरी सास बेडरूम में नंगे लेटे हुए हैं और नन्दोई अपनी सास की चूचियों से खेल रहे हैं। तभी सास नन्दोई से कुछ बोलीं और नन्दोई ने उठ कर सास के पैरों के बीच लेट कर उनकी चूत पे अपना लंड भीड़ा दिया और फिर एक धक्के के साथ अपना लंड सास की चूत के अंदर पेल दिया। फिर सास भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर चुदवाने लगी। मैं कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी सास और दामाद की चुदाई देख रही थी और अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी।
तभी सास की नज़र मेरे ऊपर पड़ गयी और उन्होंने बिना शरम के मुझे कमरे में बुला लिया और मुझसे पूछा, “अरे हीना! कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी क्या देख रही हो? हमारे करीब आओ और करीब बैठ कर हम लोगों की चुदाई देखो। तुम्हें शरमाने की कोई जरूरत नहीं है। यह घर का मामला है।”
मैं तब धीरे-धीरे कमरे के अंदर जा कर बिस्तर के करीब खड़ी हो गयी। मुझे देखते ही नन्दोई मुस्कुरा दिये और अपना हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को दबाना शूरू कर दिया। तब सास मुझे कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए बोली।
एक दिन दोपहर में मैंने सास को अपने दामाद से नंगी हो कर चुदवाते देख लिया, या यह कहो कि उन्होंने अपनी चुदाई मुझे दिखला दी। हुआ ऐसे कि एक दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में सो रही थी कि मुझे कुछ खुसुर फुसुर कि आवाज़ सुनाई दी। मैं उठ कर देखने गयी तो देखा कि मेरे नन्दोई और मेरी सास बेडरूम में नंगे लेटे हुए हैं और नन्दोई अपनी सास की चूचियों से खेल रहे हैं। तभी सास नन्दोई से कुछ बोलीं और नन्दोई ने उठ कर सास के पैरों के बीच लेट कर उनकी चूत पे अपना लंड भीड़ा दिया और फिर एक धक्के के साथ अपना लंड सास की चूत के अंदर पेल दिया। फिर सास भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर चुदवाने लगी। मैं कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी सास और दामाद की चुदाई देख रही थी और अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी।
तभी सास की नज़र मेरे ऊपर पड़ गयी और उन्होंने बिना शरम के मुझे कमरे में बुला लिया और मुझसे पूछा, “अरे हीना! कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी क्या देख रही हो? हमारे करीब आओ और करीब बैठ कर हम लोगों की चुदाई देखो। तुम्हें शरमाने की कोई जरूरत नहीं है। यह घर का मामला है।”
मैं तब धीरे-धीरे कमरे के अंदर जा कर बिस्तर के करीब खड़ी हो गयी। मुझे देखते ही नन्दोई मुस्कुरा दिये और अपना हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को दबाना शूरू कर दिया। तब सास मुझे कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए बोली।