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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं चुपचाप टॉयलेट के फ़र्श पर लेटा गया। तब हीना मेरे मुँह के पास अपनी चूत रख कर मेरे सीने के ऊपर अपनी चूत्तड़ रख कर बैठ गयी। बैठने के बाद हीना ने एक बार झुक कर मुझे चूमा और फिर मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पेशाब की धार छोड़ दी। हीना की चूत से निकलती धार ठीक मेरे मुँह पर गिर रही थी और हीना ने मेरे सर को पकड़ रखा था। इसलिए मैं अपना मुँह खोल कर हीना की चूत से निकलते पेशाब की धार को पीने लगा। तीन-चार मिनट तक पेशाब की धार लगातार चल रही थी और फिर रुक-रुक कर मेरे मुँह पर गिरने लगी। मैं समझ गया कि हीना की पेशाब की थैली खाली हो गयी है। तब मैंने अपना हाथ उठा कर हीना की दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा।

पेशाब खतम होते ही हीना मुझसे बोली, कैसा लगा मेरी चूत से निकलती पेशाब की धार पी के? मज़ा आया कि नहीं?”
 
मैं तब हीना से बोला, यार मज़ा आ गया। मैंने तो कहीं एक किताब में पड़ा था कि हसीन औरतों के पेशाब का टेस्ट भी बहुत अच्छा होता है। आज तूने अपना पेशाब पिला कर वो बात साबित कर दी। सही में तेरी इतनी सुंदर चूत से निकलती पेशाब की धार देख कर आज मैं धन्य हो गया।
 
मैंने हीना से पूछा, अब क्या प्रोग्राम है?”
 
तब हीना बोली, अरे अभी तो रात काफी बाकी है और इसका पूरा का पूरा फायदा मुझे उठाना है।
 
ठीक है मैं बोला।
 
तब हीना मेरे ऊपर से उठ कर खड़ी हो गई और बोली, क्या तुझे पेशाब नहीं करना? चल अभी तू भी पेशाब कर ले फिर हमलोग फिर से पलंग पर चलते हैं।
 
मैं तब उठ कर अपना लंड अपने हाथ से पकड़ कर पेशाब करने की तैयारी करने लगा। तब हीना आगे बड़ कर मेरे लंड को पकड़ कर बोली, अरे मैं हूँ ना? तू खुद क्यों पकड़ता है अपना लंड। ला मुझे पकड़ने दे तेरा लंड।
 
इतना कह कर हीना ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली,चल मेरे जानू, अब मुझे भी दिखला तेरे लंड से निकलते पेशाब की धार को।
 
मैं तब हीना की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा। मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ दस-पंद्रह सेकँड ही हुए थे कि हीना ने झुक कर मेरा लंड जिसमे से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ़ देख कर मुझे आँख मार दी। हीना मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटागट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकलना बँद हो गया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होठों को साफ़ किया और बोली,मज़ा आ गया। यह तो स्कॉच से भी ज्यादा अच्छा था। मुझे कईं दिनों से अरमान थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पीयूँ और आज मेरी ख्वाहिश पूरी हुई। थैंक्स।
 
मैंने तब आगे बड़ कर हीना को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गये। हीना झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही। थोड़ी देर के बाद मैं हीना से बोला, यार तू बहुत ही सैक्सी चीज है। मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपनी चूत को खिलाये होंगे। बोल ना कितने लंड खाये अब तक?”
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-04-2022, 01:21 AM



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