Thread Rating:
  • 13 Vote(s) - 2.62 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं बिस्तर के ठीक बीचो बीच लेट गया और फिर हीना एक झटके के साथ मेरे ऊपर आ कर मेरी छाती पर बैठ गयी। अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था। मेरे ऊपर बैठ करके हीना कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे लंड पे झुक गयी। अब हीना का मुँह मेरे लौड़े पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी। हीना थोड़ी देर और मेरे लौड़े और मेरे आँडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली, जानू, अब तुम मेरी चूत को चाटो और मैं भी तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी। ठीक है ना?”

मैं हीना की नंगी चूत्तड़ों को सहलाते हुए बोला, मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी। मैं सोच ही रहा था कि जो चूत चोदने में इतना मज़ा आया उसका रस कितना मीठा होग। मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत के रस का स्वाद लेना चाहता हूँ।
 
हीना मेरी बात को सुन कर बहुत खुश हो गयी और अपने आप को मेरे ऊपर ठीक से सैट करने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। थोड़ी देर तक हीना मेरे लंड के सुपाड़े को खोल और बँद कर रही थी। बीच-बीच में वो सुपाड़े को चूम भी रही थी। थोड़ी देर के बाद  हीना ने अपना मुँह खोल कर मेरे सुपाड़े को मुँह के अंदर कर लिया और हल्के-हल्के चूसना शूरू कर दिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी और कभी-कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपनी जीभ से चाटने भी लगती थी। हीना कभी-कभी मेरे सुपाड़े को अपनी आँखों से लगाती और अपनी पलकों से उसे गुदगुदाती या फिर उसे अपने मुँह से निकाल कर अपने गालों पर रगड़ती। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो। कभी-कभी हीना मेरी झाँटों से भी खेल रही थी।
 
थोड़ी देर के बाद मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि हीना मेरा लंड अपनी आँखों के सामने रख कर मँद-मँद मुस्कुरा रही है। ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना के दिमाग के अंदर कुछ हलचल मची हुई हो। लेकिन हीना मेरे लंड को पकड़ कर मुस्कुराती रही। थोड़ी देर के बाद फिर से मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। हीना जैसे-जैसे मेरे लंड को चूस रही थी उसके मुँह से घुटी-घुटी आवाज़ निकल रही थी। तब मैंने अपने हाथों से हीना की चूत को खोल कर उसकी खुली चूत पर एक लम्बा चुम्मा जड़ दिया। मेरे चुम्मे के साथ ही हीना का शरीर एक बार फिर से काँप उठा।
 
मैंने तब अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को ऊपर से चाटना शूरू किया और धीरे-धीरे अपनी जीभ को हीना की चूत के अंदर डालना चलू किया। मेरी जीभ जैसे ही हीना की चूत के अंदर गयी तो हीना ओह! ओह! आह! आह! कर उठी और वो बोलने लगी,हाय मेरे दिलबर! चूसो, चूसो मेरी चूत को! बहुत अच्छा लग रहा है! हकीकत में किसी भी औरत को कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो। हाय मुझे तो नशा सा छा रहा है।
 
इतना बोल कर हीना फिर से मेरे लौड़े को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी। अब तक चुसाई से हीना की चूत ने मीठा-मीठा पानी छोड़ना शूरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से हीना की चूत खूब जोर-जोर से चाट रहा था और चूस रहा था। अब मेरे लंड का सुपाड़ा बहुत फ़ूल गया था और उसको हीना अपने मुँह के अंदर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी और इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चाट रही थी।
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 28-04-2022, 01:14 AM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)