23-04-2022, 08:32 PM
(This post was last modified: 28-04-2022, 02:07 AM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रेशमा ने अपना पूरा भार छोड़ दिया और मेरा लण्ड उसकी चूत मैं पूरा घुस गया। रेशमा जोर से चींखी, “आआआआहहह अल्लाऽऽहहह , ऊऊऊऊईईईईई, मेरी चूऽऽऽत.... हायऽऽऽ अम्मीईईई आँईईईईई ऊँहहह!” नसरीन उसके मम्मे और जोर से दबाने लगी। रेशमा की आँखें पूरी तरह से बंद थीं। उसका चेहरा लाल हो गया और उसके मम्मे नसरीन ने दबा- दबा कर लाल कर दिये। रेशमा के मुँह से निकलने वाली चींखें और तेज़ हो गयीं और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया जो मेरे लण्ड के आसपास जमा हो गया, जिसकी गर्मी मुझे महसूस हो रही थी। मैंने रेशमा की नंगी गाँड को पकड़ा ओर उसे इशारे से ऊपर-नीचे करने को कहा क्योंकि मेरे मुँह में नसरीन ने अपने मम्मे ठूँस रखे थे। रेशमा पहले धीरे-धीरे झटके मारने लगी। फिर धीरे-धीरे उसने झटकों को तेज किया ओर फिर जोर-जोर से ऊपर-नीचे उछलने लगी। मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया लेकिन रेशमा जोर-जोर से झटके मारती रही। कुछ देर बाद वो फिर एक और बार चींखते हुए झड़ गयी और मेरी गोद में से फिसल कर नीचे बैठ गयी और हाँफने लगी।
नसरीन भी अब सामने आ गयी थी। नसरीन के मम्मे भी लाल-लाल हो गये थे और उन पर मेरे दाँतों के निशान भी थे। रेशमा का बुरा हाल था। वो जोर-जोर से हाँफ रही थी और माथे पर पसीना था। उसकी चूत गीली थी पर गुलाबी थी। रेशमा घूम कर मेरे पैरों के पास आयी ओर मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चाटते हुए हम दोनों के पानी का स्वाद लेने लगी। फिर धीरे-धीरे रेशमा मेरे पूरे शरीर पर किस करने लगी। ये देख नसरीन ने भी मेरे शरीर से खेलना शुरू कर दिया। उसका एक हाथ सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहला रहा था। फिर वो मेरे लण्ड को जो कि निढाल हो गया था, अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर टनटनाने लगा था। नसरीन भी अब नशे में चूर थी जिस वजह से वो अपनी सलवार का नाड़ा नहीं खोल पा रही थी। रेशमा भी उसकी मदद करने लगी और आखिर में जैसे ही नाड़ा खुला, दरवाजे पर घंटी बज गयी।
हम तीनों डर गये। रेशमा ने उठ कर वहाँ पड़ा नसरीन का बुर्का नंगे जिस्म पर पहन लिया। इतने में नसरीन ने फटाफट शराब की बोतल और ग्लास उठायी और मैंने सब कपड़े समेटे और हम दोनों अंदर कमरे में आ गये। नसरीन बहुत गुस्से में नज़र आ रही थी।
दो मिनट बाद ही आने वाले को सोफे पर बिठा कर रेशमा भी अंदर कमरे में आयी और फुसफुसाते हुए हमें बताया कि उसकी कोई बुजुर्ग रिश्तेदार आयी है जो एक घंटे के पहले जाने का नाम नहीं लेगी। उसने नसरीन से कहा कि मुझे पीछे के दरवाज़े से बाहर कर दे। फिर रेशमा ने बुर्का उतार कर जल्दी से कपड़े पहने और खुद को ठीकठाक करके बाहर चली गयी। लेकिन उसके कदम अभी भी लड़खड़ा रहे थे। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये थे लेकिन नसरीन अभी भी उसी हालत में बैठी थी और बुदबुदाती हुई अपनी किस्मत को कोस रही थी।
नसरीन भी अब सामने आ गयी थी। नसरीन के मम्मे भी लाल-लाल हो गये थे और उन पर मेरे दाँतों के निशान भी थे। रेशमा का बुरा हाल था। वो जोर-जोर से हाँफ रही थी और माथे पर पसीना था। उसकी चूत गीली थी पर गुलाबी थी। रेशमा घूम कर मेरे पैरों के पास आयी ओर मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चाटते हुए हम दोनों के पानी का स्वाद लेने लगी। फिर धीरे-धीरे रेशमा मेरे पूरे शरीर पर किस करने लगी। ये देख नसरीन ने भी मेरे शरीर से खेलना शुरू कर दिया। उसका एक हाथ सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहला रहा था। फिर वो मेरे लण्ड को जो कि निढाल हो गया था, अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर टनटनाने लगा था। नसरीन भी अब नशे में चूर थी जिस वजह से वो अपनी सलवार का नाड़ा नहीं खोल पा रही थी। रेशमा भी उसकी मदद करने लगी और आखिर में जैसे ही नाड़ा खुला, दरवाजे पर घंटी बज गयी।
हम तीनों डर गये। रेशमा ने उठ कर वहाँ पड़ा नसरीन का बुर्का नंगे जिस्म पर पहन लिया। इतने में नसरीन ने फटाफट शराब की बोतल और ग्लास उठायी और मैंने सब कपड़े समेटे और हम दोनों अंदर कमरे में आ गये। नसरीन बहुत गुस्से में नज़र आ रही थी।
दो मिनट बाद ही आने वाले को सोफे पर बिठा कर रेशमा भी अंदर कमरे में आयी और फुसफुसाते हुए हमें बताया कि उसकी कोई बुजुर्ग रिश्तेदार आयी है जो एक घंटे के पहले जाने का नाम नहीं लेगी। उसने नसरीन से कहा कि मुझे पीछे के दरवाज़े से बाहर कर दे। फिर रेशमा ने बुर्का उतार कर जल्दी से कपड़े पहने और खुद को ठीकठाक करके बाहर चली गयी। लेकिन उसके कदम अभी भी लड़खड़ा रहे थे। मैंने भी अपने कपड़े पहन लिये थे लेकिन नसरीन अभी भी उसी हालत में बैठी थी और बुदबुदाती हुई अपनी किस्मत को कोस रही थी।