23-04-2022, 08:29 PM
(This post was last modified: 28-04-2022, 02:04 AM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने लण्ड पर अपना थूक लगाया ओर नसरीन की गाँड पर रख कर जोर से झटका दिया। अब मेरे लण्ड का टोपा उसकी गाँड में था। नसरीन चींखने को हुई तो रेशमा ने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया जिससे नसरीन की चींख अंदर ही रह गयी। नसरीन भी मचल रही थी और रेशमा भी मजे ले रही थी। मैंने मौका देखा और पूरे जोर से लण्ड को धक्का दिया। नसरीन इतने जोर से धक्के के लिये तयार नहीं थी। वो आगे की ओर नीचे गिरी जिससे रेशमा भी पीछे की ओर गिर गयी। नसरीन के ऊपर मेरे नीचे गिरते ही मेरा लण्ड नसरीन की गाँड में पूरा घुस गया। नसरीन जोर से चिल्लायी, “आआआऊऊऊईईईईई..... अम्मीईईईईई, छोड़ो फट गयीऽऽऽ निकालो फट गयीऽऽऽऽ।” मैं कुछ देर शाँत रहा और थोड़ी देर रुककर मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड में अंदर-बाहर करने लगा। अब नसरीन को मजा आने लगा। वो बोली, “आआआहहहह, मजा आ रहा है.... थोड़ा जोर से अंदर करो! जोर-जोर से! मजा आ रहा है!” उधर रेशमा नसरीन के मम्मे जोर-जोर से दबा रही थी। कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया और मैं नसरीन के ऊपर लेट गया। रेशमा उठी और वो पीछे से मेरे ऊपर आ कर लेट गयी। नसरीन बोली, “रेशमा क्या कर रही है? मुझे मारेगी क्या? गाँड में लण्ड है.... ऊपर से ये ओर उसके ऊपर तू!”
कुछ देर बाद हम अलग हुए। मैंने कपड़े पहनने शुरू किये तो कपड़े पहनते-पहनते भी उन दोनों ने मेरे लण्ड को एक-एक बार चूसा। फिर मैं दूसरे दिन का आने का वादा करके अपने कार्ड ले कर वापस आ गया। वो दोनों नंगी ही सिर्फ सैंडल पहने-पहने ही दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयीं। उनके चेहरे पर अब भी वासना की झलक थी।
दूसरे दिन मैं दोपहर में तीन बजे मैं रेशमा के घर तय वक्त पर पहुँच गया। उसके पहले मैंने काफी घरों में कार्ड बाँट लिये थे। रेशमा ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर मुस्करायी और मुझे खींच कर अंदर ले गयी। अंदर वो अकेली ही थी। मैंने उससे नसरीन के बारे में पूछा तो वो बोली कि वो तो एक घंटा पहले आने वाली थी पर कुछ काम की वजह से नहीं आयी लेकिन थोड़ी देर में आ जायेगी। दिखने में वो कयामत लग रही थी। उसने काले रंग की सिल्क की झीनी कमीज़ और घूटनों तक का सफेद स्कर्ट पहना हुआ था जिस पर काले फूलों का डिज़ाइन था। उसने कमीज़ नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी जिसके कारण उसके मम्मे झीनी कमीज़ के बाहर से साफ दिख रहे थे।
कुछ देर बाद हम अलग हुए। मैंने कपड़े पहनने शुरू किये तो कपड़े पहनते-पहनते भी उन दोनों ने मेरे लण्ड को एक-एक बार चूसा। फिर मैं दूसरे दिन का आने का वादा करके अपने कार्ड ले कर वापस आ गया। वो दोनों नंगी ही सिर्फ सैंडल पहने-पहने ही दरवाजे तक मुझे छोड़ने आयीं। उनके चेहरे पर अब भी वासना की झलक थी।
दूसरे दिन मैं दोपहर में तीन बजे मैं रेशमा के घर तय वक्त पर पहुँच गया। उसके पहले मैंने काफी घरों में कार्ड बाँट लिये थे। रेशमा ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर मुस्करायी और मुझे खींच कर अंदर ले गयी। अंदर वो अकेली ही थी। मैंने उससे नसरीन के बारे में पूछा तो वो बोली कि वो तो एक घंटा पहले आने वाली थी पर कुछ काम की वजह से नहीं आयी लेकिन थोड़ी देर में आ जायेगी। दिखने में वो कयामत लग रही थी। उसने काले रंग की सिल्क की झीनी कमीज़ और घूटनों तक का सफेद स्कर्ट पहना हुआ था जिस पर काले फूलों का डिज़ाइन था। उसने कमीज़ नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी जिसके कारण उसके मम्मे झीनी कमीज़ के बाहर से साफ दिख रहे थे।