23-04-2022, 08:28 PM
(This post was last modified: 28-04-2022, 02:03 AM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मुझे निराश देख कर और मेरा खड़ा लण्ड देखकर उन दोनों ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया। रेशमा बेड पर कुत्तिया कि तरह झुक गयी और नसरीन ने मेरा लण्ड पकड़ कर रेशमा की गाँड के छेद पर रख दिया। मैं समझ गया और बोला कि “दर्द होगा तो?” रेशमा बोली, “थोड़ा सा तो होगा पर गाँड मरवाने का भी अपना ही मज़ा है! फिर भी तू धीरे से करना... तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही लंबा-मोटा है! और हाँ... मैं कितनी भी चींखूँ या छटपटाऊँ... तू रुकना मत!”
तब तक मैं उसकी गाँड में लण्ड घुसाने की शुरुआत कर चुका था और मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा उसकी गाँड में था। वो जोर से चिल्लायी, “अल्लाऽऽऽह!” मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये ओर उसके ऊपर झुक गया और उसे उठने नहीं दिया। फिर मैंने उसके मम्म्मे जोर से दबाने शुरू किये और वो “आआआआहह ऊऊऊईईईई अम्मीईईईऽऽऽ” करने लगी। मैंने तभी जोर से लण्ड को झटका मारा और लण्ड आधा अंदर घुस गया। वो चींखी “आँआँईईईईई फट गयी रेऽऽऽ अम्मीईईई फाड़ डाला!” उसकी हिदायत के मुताबिक मैं रुका नहीं और मैंने झटके मारने शुरू किये तो वो भी शाँत हो गयी और मेरा साथ देने लगी। नसरीन सिगरेट के कश लगाती हुई हमें देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने रेशमा की गाँड से लण्ड निकाला तो रेशमा फिर “आआआहहह ऊऊहहह” करने लगी। मैं नसरीन की तरफ़ गया तो नसरीन नखरा करते हुए बोली, “नहीं मुझे डर लग रहा है... मैं इतना बड़ा लण्ड अपनी गाँड में नहीं लुँगी!” उसकी आवाज़ में किसी डर या चिंता की जगह शोखी ज्यादा थी और आँखों में भी वासना ही भरी थी।
रेशमा बोली, “नूरजहाँ की तरह नखरे मत कर... मैंने भी तो करवाया और देख कितना मज़ा आया!”
“पर तू तो गाँड मरवाने में माहिर है.... आज तक कितने ही लण्ड ले चुकी है तू अपनी गाँड में!” नसरीन सिगरेट का धुँआ उड़ाती हुई बोली।
“तेरी गाँड भी कुँवारी नहीं है... पहले मरवायी है तूने भी!” रेशमा बोली, “और फिर इसका दर्द भी बहुत मीठा होता है!”
“ठीक है लेकिन ज़रा एहतियात से करना.... मेरी गाँड रेशमा बेगम की खेली-खायी गाँड की तरह नहीं है!” नसरीन शोखी से मुस्कुराती हुई तैयार हो गयी। अपनी सिगरेट ऐश-ट्रे में बुझा कर वो भी कुत्तिया बन गयी। अब उसकी गाँड मेरे सामने थी। मैंने पहले उसकी गाँड को अपने हाथों से सहलाया जिससे वो गरम होने लगी। फिर मैंने उसकी गाँड के मुँह पर अपना लण्ड रख कर धक्का दिया। उसकी गाँड का छेद थोड़ा छोटा था और लण्ड को जाने के लिये आसानी से रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे जोर लगाने लगा और जैसे-जैसे मैं जोर लगाता, नसरीन मचल जाती। वो अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगी थी। अपने होंठ उसने दाँतों में दबा लिये जिससे चींख ना निकले। रेशमा उठी ओर उसके सामने बैठ गयी और पैर फैला कर अपनी चूत नसरीन के मुँह के सामने पेश कर दी। रेशमा ने अपनी सहेली का सिर पकड़ा ओर उसका मुँह अपनी चूत पर ले गयी। नसरीन अब उसकी चूत चाटने लगी ओर रेशमा नसरीन के मम्मे दबा रही थी। रेशमा ने मुझे आँख मारी और मैं समझ गया कि ये लण्ड अंदर डालने को कह रही है।
तब तक मैं उसकी गाँड में लण्ड घुसाने की शुरुआत कर चुका था और मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा उसकी गाँड में था। वो जोर से चिल्लायी, “अल्लाऽऽऽह!” मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये ओर उसके ऊपर झुक गया और उसे उठने नहीं दिया। फिर मैंने उसके मम्म्मे जोर से दबाने शुरू किये और वो “आआआआहह ऊऊऊईईईई अम्मीईईईऽऽऽ” करने लगी। मैंने तभी जोर से लण्ड को झटका मारा और लण्ड आधा अंदर घुस गया। वो चींखी “आँआँईईईईई फट गयी रेऽऽऽ अम्मीईईई फाड़ डाला!” उसकी हिदायत के मुताबिक मैं रुका नहीं और मैंने झटके मारने शुरू किये तो वो भी शाँत हो गयी और मेरा साथ देने लगी। नसरीन सिगरेट के कश लगाती हुई हमें देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने रेशमा की गाँड से लण्ड निकाला तो रेशमा फिर “आआआहहह ऊऊहहह” करने लगी। मैं नसरीन की तरफ़ गया तो नसरीन नखरा करते हुए बोली, “नहीं मुझे डर लग रहा है... मैं इतना बड़ा लण्ड अपनी गाँड में नहीं लुँगी!” उसकी आवाज़ में किसी डर या चिंता की जगह शोखी ज्यादा थी और आँखों में भी वासना ही भरी थी।
रेशमा बोली, “नूरजहाँ की तरह नखरे मत कर... मैंने भी तो करवाया और देख कितना मज़ा आया!”
“पर तू तो गाँड मरवाने में माहिर है.... आज तक कितने ही लण्ड ले चुकी है तू अपनी गाँड में!” नसरीन सिगरेट का धुँआ उड़ाती हुई बोली।
“तेरी गाँड भी कुँवारी नहीं है... पहले मरवायी है तूने भी!” रेशमा बोली, “और फिर इसका दर्द भी बहुत मीठा होता है!”
“ठीक है लेकिन ज़रा एहतियात से करना.... मेरी गाँड रेशमा बेगम की खेली-खायी गाँड की तरह नहीं है!” नसरीन शोखी से मुस्कुराती हुई तैयार हो गयी। अपनी सिगरेट ऐश-ट्रे में बुझा कर वो भी कुत्तिया बन गयी। अब उसकी गाँड मेरे सामने थी। मैंने पहले उसकी गाँड को अपने हाथों से सहलाया जिससे वो गरम होने लगी। फिर मैंने उसकी गाँड के मुँह पर अपना लण्ड रख कर धक्का दिया। उसकी गाँड का छेद थोड़ा छोटा था और लण्ड को जाने के लिये आसानी से रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे जोर लगाने लगा और जैसे-जैसे मैं जोर लगाता, नसरीन मचल जाती। वो अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगी थी। अपने होंठ उसने दाँतों में दबा लिये जिससे चींख ना निकले। रेशमा उठी ओर उसके सामने बैठ गयी और पैर फैला कर अपनी चूत नसरीन के मुँह के सामने पेश कर दी। रेशमा ने अपनी सहेली का सिर पकड़ा ओर उसका मुँह अपनी चूत पर ले गयी। नसरीन अब उसकी चूत चाटने लगी ओर रेशमा नसरीन के मम्मे दबा रही थी। रेशमा ने मुझे आँख मारी और मैं समझ गया कि ये लण्ड अंदर डालने को कह रही है।