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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं उन्हें कार्ड के बारे में बताने लगा। मैंने कार्ड निकाले तो वो रेशमा और उसके शौहर के कार्ड थे। मैं समझ गया कि ये घर रेशमा का है। मैंने पुष्टिकरण के लिये उसके शौहर के बारे में पूछा तो रेशमा बोली कि वो दुबई में काम करते हैं। मैंने उसके शौहर का कोई पहचान पत्र दिखाने को कहा तो दोनों औरतें अंदर की ओर जाने लगीं। नसरीन मुझसे बोली तुम रुको हम अभी आते हैं! वो अंदर चली गयीं। मैं अपने आप पर गुस्सा कर रहा था कि थोड़ा देर से आता तो आज फिर कुछ देखने को मिलता। हो सकता है ये दोनों अंदर कुछ कर रही हों पर मैं देखूँ कैसे।


तभी दोनों औरतें बाहर आयीं ओर रेशमा दरवाजे की तरफ़ गयी ओर उसने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने पूछा कि आपने दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया?” तो वो बोली, ये टॉमी (कुत्ता) बाहर भाग जायेगा इसलिये इसे बंद रखते हैं!मैं नसरीन की ओर देख कर बोला, आप कहाँ रहती हैं? आप के कार्ड भी दे दूँ! वो बोली, अभी जल्दी क्या है?” मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा कि ये हो क्या रहा है! एक दरवाज़ा बंद कर रही है ओर एक कह रही है कि जल्दी क्या है। दोनों फिर अंदर के कमरे में मुस्कुराते हुए चली गयीं। कुछ देर बाद रेशमा ने मुझे आवाज दी कि अंदर आ जाओ... मैं अपने हसबैंड का आई-डी दिखा देती हूँ! मैं सोचने लगा कि ये औरत अपने शौहर का पहचान-पत्र बाहर ला कर क्यों नहीं दिखा सकती जो मुझे अंदर बुला रही है।

मैं अंदर दूसरे कमरे में गया। पर्दा हटाया तो लगा कि मेरा दिल सीने से बाहर आ गया। मेरे दिल की धड़कन काफी तेज़ हो गयी और मुँह सूख गया। मैं सन्न रह गया था क्योंकि मेरे सामने दोनों औरतें नंगी थीं। सिर्फ़ ब्रा ओर पैंटी और ऊँची हील के सैंडल उनके बदन पर बचे थे। मैं अपनी जगह पर जम गया। वो क्या बोल रही थीं मेरा ध्यान नहीं था। मैं उनके नंगे बदन को आँखें फाड़े देख रहा था।
 
वो दोनों इठलाती हुई मेरे पास आयीं ओर मुझे पकड़ कर बिस्तर पर ले गयीं। मैं उन्हें बस देखता रहा। मैं कुछ कर नहीं पा रहा था। पिर उन्होंने मेरे हाथ ओर पैर बाँध दिये। फिर रेशमा ने मेरी शर्ट खोलनी शुरू की। वो एक-एक बटन धीरे-धीरे खोल रही थी जबकि नसरीन मेरी पैंट खोल रही थी। अब मेरे बदन पर सिर्फ़ अंडरवीयर थी। रेशमा ने मुझे छोड़ा और कुछ दूर जाकर अपनी ब्रा मेरी ओर देखते हुए उतारनी शुरू की। वो साथ में धीर-धीरे हिल रही थी जैसे नाच रही हो। मेरे देखते ही देखते उसने पैंटी भी उतार दी। मेरे सामने उसकी फूली हुई गुलाबी चूत थी जिस पर एक भी बाल नहीं था। क्या खूबसूरत नज़ारा था। फिर वो मेरे पास आयी और मेरे बदन को चाटने लगी जैसे कल कुत्ता चाट रहा था उनकी चूत को। नसरीन भी अब अपनी ब्रा ओर पैंटी उतार रही थी। मैं तो ये नज़ारा देख कर अपना आपा खो चुका था। नसरीन मेरे पास आयी ओर उसने मेरी कमर के नीचे के हिस्से को चूमना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अब तक खड़ा हो चुका था और अंडरवीयर में उसका दम घुट रहा था। उसे बाहर आने की पड़ी थी। तभी नसरीन ने मेरी अंडरवीयर पकड़ी और धीरे-धीरे उतारने लगी।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-04-2022, 08:25 PM



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