23-04-2022, 08:16 PM
दो तीन महीने में हालत ये हो गयी कि मैं अक्सर दिन में भी माली, दूधवाले, सब्ज़ीवाले से भी चुदवाने लगी। यहाँ तक कि कोरियर वाले या किसी सेल्समैन से चुदवाने से भी बाज़ नहीं आती। मेरे इन ताल्लुकातों के बारे में जावेद अंजान नहीं थे लेकिन हमने कभी इस बारे में बात नहीं की। इस दौरान हम लोग कईं बार फिरोज़ भाई जान और नसरीन भाभी जान के यहाँ भी गये या वो दोनों भी अक्सर हमारे यहाँ आ जाते और हम चारों खूब ऐश करते।
साल भर बाद की बात है कि एक दिन मुझे जोर की उबकायी आयी। मैंने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने प्रेगनेंसी कनफर्म कर दी। मैं खुशी से उछल पड़ी। लेकिन इसका असली बाप कौन? ये क्याल दिमाग में घूमता रहा। मैंने फैमिली में अपने तीनों सैक्स पार्टनर्स जिनसे मैं चुदती थी, ये न्यूज़ दी। तीनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तीनों को मैंने कहा कि वो बाप बनने वाला है।
पहले के लिये: इस उम्र में बाप बनने की खुशी। दूसरे के लिये: उसकी मर्दानगी का सबूत और तीसरे के लिये: उसके घर की पहली खुशी थी।
तीनों ने मुझे प्यार से भर दिया। पूरे घर में हर शख्स खुशी में झूम रहा था। सास, नसरीन भाभी, सभी बिज़ी थे घर के नये मेम्बर के आने की खुशी में। हमारा पूरा खानदान दिल्ली में ताहिर अज़ीज़ खान जी के बंगले पर सिमट आया था। बस मुझे एक अजीब सी उलझन कचोट रही थी कि मेरे होने वाले बच्चे का अब्बा कौन है। मैं तो बस यही दुआ कर रही थी कि चाहे वो जिसका भी हो, अल्लाह करे हो वो इसी घर का खून। देखने बोलने में इसी परिवार का ही नज़र आये। वरना मैंने जितने लोगों के साथ सैक्स किया था, उनमें से किसी और का हुआ तो लोगों को समझा पाना मुश्किल होगा।
साल भर बाद की बात है कि एक दिन मुझे जोर की उबकायी आयी। मैंने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने प्रेगनेंसी कनफर्म कर दी। मैं खुशी से उछल पड़ी। लेकिन इसका असली बाप कौन? ये क्याल दिमाग में घूमता रहा। मैंने फैमिली में अपने तीनों सैक्स पार्टनर्स जिनसे मैं चुदती थी, ये न्यूज़ दी। तीनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तीनों को मैंने कहा कि वो बाप बनने वाला है।
पहले के लिये: इस उम्र में बाप बनने की खुशी। दूसरे के लिये: उसकी मर्दानगी का सबूत और तीसरे के लिये: उसके घर की पहली खुशी थी।
तीनों ने मुझे प्यार से भर दिया। पूरे घर में हर शख्स खुशी में झूम रहा था। सास, नसरीन भाभी, सभी बिज़ी थे घर के नये मेम्बर के आने की खुशी में। हमारा पूरा खानदान दिल्ली में ताहिर अज़ीज़ खान जी के बंगले पर सिमट आया था। बस मुझे एक अजीब सी उलझन कचोट रही थी कि मेरे होने वाले बच्चे का अब्बा कौन है। मैं तो बस यही दुआ कर रही थी कि चाहे वो जिसका भी हो, अल्लाह करे हो वो इसी घर का खून। देखने बोलने में इसी परिवार का ही नज़र आये। वरना मैंने जितने लोगों के साथ सैक्स किया था, उनमें से किसी और का हुआ तो लोगों को समझा पाना मुश्किल होगा।