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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
जावेद के लौट आने के बाद हम वापस मथुरा शिफ़्ट हो गये। ताहिर अज़ीज़ खान जी ने मुझे चोदने का एक रास्ता खुला रखा। उन्होंने जावेद को कह दिया, “शहनाज़ एक बहुत अच्छी सेक्रेटरी है। अभी जो सेक्रेटरी है वो इतनी एफ़िश्येंट नहीं है। इसलिये कम से कम हफ़्ते-दो-हफ़्ते में इसे भेज देना दिल्ली। मेरे जरूरी काम निबटा कर चली जायेगी।“


जावेद राज़ी हो गया कि मैं हर दूसरे हफ़्ते में एक दो दिन के लिये ससुर जी के ऑफिस चली जाया करुँगी और सारे पेंडिंग काम निबटा कर आ जाया करुँगी। लेकिन असल में मैंने कभी भी ऑफिस में कदम नहीं रखा। ताहिर अज़ीज़ खान जी ने एक फ़ाईव स्टार होटल में सुईट ले रखा था जहाँ मैं सीधी चली जाती और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से अपनी प्यास बुझाते।

मथुरा में तो मेरी अय्याशियों पर कोई रोक-टोक नहीं थी। शुरू-शुरू में जावेद थोड़ा हैरान हुए और उन्होंने थोड़ा एतराज़ भी जताया पर धीरे-धीरे मेरी स्मोकिंग और रोज़-रोज़ शराब पीने की आदत को उन्होंने चुपचाप कुबूल कर लिया। चुदाई के लिये मेरे नये जोश और खुल्लेपन से तो उन्हें बेहद खुशी हुई। सैक्स के मामले में तो जावेद भी काफी ओपन नज़रिये वाले हैं। अब तो सोसायटी पार्टियों में मैं पहले से भी ज्यादा बढ़चढ़ कर इंजॉय करती और हम लोग अब वाइफ स्वैपिंग में भी शरीक होने लगे। जावेद कईं बार बिज़नेस टूर या और मसरूफियत की वजह से इन पर्टियों में नहीं जा पाते तो भी मैं इन पार्टियों में जाने का मौका नहीं छोड़ती। जब भी मौका मिलता मैं उनकी गैरहाज़री में भी अकेली ही क्लबों में और दूसरी पर्टियों में शरीक होती। इस तरह मुझे कईं बार ग्रूप सैक्स का भी मौका मिल जाता। जावेद को दूसरे मर्दों से मेरे तल्लुकातों से बिल्कुल एतराज़ नहीं था। उनके बिज़नेस रिलेशन्स के लिये भी अच्छा था क्योंकि शायद ही उनका कोई क्लायंट या कॉन्ट्रक्टर होगा जिसके साथ मैंने अय्याशी ना की हो।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 23-04-2022, 08:16 PM



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