23-04-2022, 08:10 PM
हम दोनों स्मोक करते हुए अगल-बगल बैठ कर स्कॉच के पैग पीते हुए सामने स्क्रीन पर ब्लू-फिल्म देखने लगीं। मैं नहीं जानती कि ये इत्तेफक था या फिर सशा ने जानबूझ कर ये फिल्म चुनी थी क्योंकि इस ब्लू फिल्म में दो गोरी औरतों का दस-बारह काले हब्शियों से गैंग-बैंग दिखाया गया था। उन गोरी औरतों को मोटे-मोटे काले लौड़े चूसते देख कर मुझे ओरिजी और उसके दोस्तों की याद आ गयी। मेरे मुँह और चूत दोनों से लार टपकने लगी। तभी सशा मेरी गोद में आ कर बैठ गयी और मेरे होंठ चूमते हुए फुसफुसायी, “फिनिश अप योर ड्रिंक फास्ट!” जैसे ही मैंने अपना पैग दो घूँट में खत्म किया तो उसने हाथ से ग्लास लेकर सामने टेबल पर रख दिया। फिर से मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड़ दी। हम दोनों ने ऐसे ही एक दूसरे के जिस्म सहलाए और होंठ चूमते हुए एक दूसरे के कपड़े उतार दिये। हाई हील सेंडलों को छोड़कर हम दोनों ही अब बिल्कुल नंगी थीं। वो मेरी तरफ मुँह करके मेरी गोद में बैठी थी और हम दोनों चिपक कर चूमते हुए एक दूसरे के मम्मों से मम्मे रगड़ते हुए आँहें भरने लगीं। केबिन में गूँज रही ब्लू-फिल्म की चुदाई की मस्ती भरी आवाज़ें हमें और ज्यादा भड़का रही थीं।
करीब दस मिनट बाद जब वो मेरी गोद में से उठ कर खड़ी हुई तो हम दोनों बेहद गरम हो चुकी थीं। मेरा हाथ पकड़ कर सशा मुझे अपने साथ खींचते हुए ज़मीन पर अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और हम दोनों ने एक ही दीवार में अगल-बगल के ग्लोरी-होल के बटन दबा दिये। बटन दबाते ही उन छेदों के पीछे के शटर खुल गये और कुछ ही पलों बाद दोनों छेदों में से दो मोटे-मोटे लौड़े निकल कर लहराने लगे। बस फिर क्या था, हम दोनों एक-एक लौड़े पर भूखी शेरनियों की तरह टूट पड़ीं और उन्हें मुठिया-मुठिया कर चूसने लगीं। स्कॉच की बोतल हम दोनों ने अपने बीच में रख ली ताकि लौड़े चूसते हुए बीच-बीच में एक-दो घूँट पी सकें। जब पहला लौड़ा झड़ा तो मैं भौंचक्की रह गयी। झड़ते हुए लौड़ों में से सैलाब की तरह इस कदर वीर्य उमड़ा कर मेरे मुँह में भरने लगा कि उतनी तेज़ी से उसे निगलते हुए लौड़ा मुँह में रख पाना मेरे बस में नहीं था। हार कर मैंने लौड़ा अपने मुँह से बाहर निकाला तो भी वो लगातार वीर्य की पिचकरियाँ मेरे चेहरे, गले और चूचियों पर दागता रहा। जब उसका झड़ना बंद हुआ तो वो लौड़ा पीछे खींच लिया गया और कुछ ही पलों में एक नया लौड़ा उस ग्लोरी-होल में से निकल कर हाज़िर हो गया। इसी बीच में सशा अपना वाला लौड़ा मुठियाते हुए मेरे पास खिसक कर वीर्य से सना हुआ मेरा चेहरे चाट कर साफ करने लगी।
करीब दस मिनट बाद जब वो मेरी गोद में से उठ कर खड़ी हुई तो हम दोनों बेहद गरम हो चुकी थीं। मेरा हाथ पकड़ कर सशा मुझे अपने साथ खींचते हुए ज़मीन पर अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और हम दोनों ने एक ही दीवार में अगल-बगल के ग्लोरी-होल के बटन दबा दिये। बटन दबाते ही उन छेदों के पीछे के शटर खुल गये और कुछ ही पलों बाद दोनों छेदों में से दो मोटे-मोटे लौड़े निकल कर लहराने लगे। बस फिर क्या था, हम दोनों एक-एक लौड़े पर भूखी शेरनियों की तरह टूट पड़ीं और उन्हें मुठिया-मुठिया कर चूसने लगीं। स्कॉच की बोतल हम दोनों ने अपने बीच में रख ली ताकि लौड़े चूसते हुए बीच-बीच में एक-दो घूँट पी सकें। जब पहला लौड़ा झड़ा तो मैं भौंचक्की रह गयी। झड़ते हुए लौड़ों में से सैलाब की तरह इस कदर वीर्य उमड़ा कर मेरे मुँह में भरने लगा कि उतनी तेज़ी से उसे निगलते हुए लौड़ा मुँह में रख पाना मेरे बस में नहीं था। हार कर मैंने लौड़ा अपने मुँह से बाहर निकाला तो भी वो लगातार वीर्य की पिचकरियाँ मेरे चेहरे, गले और चूचियों पर दागता रहा। जब उसका झड़ना बंद हुआ तो वो लौड़ा पीछे खींच लिया गया और कुछ ही पलों में एक नया लौड़ा उस ग्लोरी-होल में से निकल कर हाज़िर हो गया। इसी बीच में सशा अपना वाला लौड़ा मुठियाते हुए मेरे पास खिसक कर वीर्य से सना हुआ मेरा चेहरे चाट कर साफ करने लगी।