23-04-2022, 08:07 PM
शाम को सात बजे के आसपास हम दोनों ने उसी होटल में नीचे रेस्टोरेंट में डिनर किया। उसके बाद सशा ने पैरिस घूमने की पेशकश की। मैंने उसे बताया कि मैं पैरिस का टूर कर चुकी हूँ तो वो हंसने लगी। “ओह नो डर्लिंग! ऑय डिड नॉट मीन साइट-सींग! लेट अस गो एंड सी नाइट-लाइफ ऑफ पैरिस! सैक्स डिस्ट्रिक्ट... हैव सम अडल्ट फन!”
हम दोनों अपने-अपने कमरे में जा कर सैक्सी कपड़े और सैंडल पहन कर तैयार हुईं और अय्याशी करने निकल पड़ीं। हम मेट्रो में बैठ कर पिगाल डिस्ट्रिक्ट पहुँचे जहाँ हर तरफ बस सैक्स बूटीक और स्ट्रिप क्लब वगैरह थे। सबसे पहले हमने वहाँ का इरोटिक म्यूज़ीयम देखा। इस सात मंज़िला इमारत की हर मंज़िल पर चुदाई से ताल्लुक तरह-तरह के स्कल्प्चर, तसवीरें वगैरह थीं। पहली दो मंज़िलों पर तो बड़े-बड़े लौड़ों के बुत्त देख कर मेरा मन मचल उठा। सशा अपने डिजिटल कैमरा साथ लायी थी। हमने लौड़ों के बड़े-बड़े स्कल्प्चरों से चिपक-चिपक कर कईं फोटो खींची। उसके बाद हम एक बहुत ही बड़े सैक्स बूटिक में गये जहाँ हर तरह की अश्लील किताबें, हर किस्म की ब्लू-फिल्मों की डी-वी-डी और तरह-तरह के सैक्स टॉयज़ बिक्री के लिये सजे हुए थे। जावेद और मैं अक्सर ब्लू-फिल्मों का मज़ा लिया करते थे। इसलिये मैंने अलग-अलग कैटगोरी की ब्लू-फिल्मों कुछ डी-वी-डी खरीद लीं। सशा के जोर देने पर मैंने एक डिल्डो भी खरीद लिया। रबड़ का नौ इंच लंबा काला डिल्डो बिल्कुल असली लंड की तरह हकीकी लग रहा था। उसका हर हिस्सा जैसे कि नसें, मोटा फुला हुआ सुपाड़ा, गोटियों की झुर्रिदार थैली, सब बहुत ही तफसील से तराशा हुआ था। वो काला डिल्डो मुझे ओरिजी और माइक के लौड़ों की याद दिला रहा था, इसलिये उनके साथ बितायी मस्ती भरी रात की यादगार समझ कर मैंने वो खरीद लिया।
हम दोनों अपने-अपने कमरे में जा कर सैक्सी कपड़े और सैंडल पहन कर तैयार हुईं और अय्याशी करने निकल पड़ीं। हम मेट्रो में बैठ कर पिगाल डिस्ट्रिक्ट पहुँचे जहाँ हर तरफ बस सैक्स बूटीक और स्ट्रिप क्लब वगैरह थे। सबसे पहले हमने वहाँ का इरोटिक म्यूज़ीयम देखा। इस सात मंज़िला इमारत की हर मंज़िल पर चुदाई से ताल्लुक तरह-तरह के स्कल्प्चर, तसवीरें वगैरह थीं। पहली दो मंज़िलों पर तो बड़े-बड़े लौड़ों के बुत्त देख कर मेरा मन मचल उठा। सशा अपने डिजिटल कैमरा साथ लायी थी। हमने लौड़ों के बड़े-बड़े स्कल्प्चरों से चिपक-चिपक कर कईं फोटो खींची। उसके बाद हम एक बहुत ही बड़े सैक्स बूटिक में गये जहाँ हर तरह की अश्लील किताबें, हर किस्म की ब्लू-फिल्मों की डी-वी-डी और तरह-तरह के सैक्स टॉयज़ बिक्री के लिये सजे हुए थे। जावेद और मैं अक्सर ब्लू-फिल्मों का मज़ा लिया करते थे। इसलिये मैंने अलग-अलग कैटगोरी की ब्लू-फिल्मों कुछ डी-वी-डी खरीद लीं। सशा के जोर देने पर मैंने एक डिल्डो भी खरीद लिया। रबड़ का नौ इंच लंबा काला डिल्डो बिल्कुल असली लंड की तरह हकीकी लग रहा था। उसका हर हिस्सा जैसे कि नसें, मोटा फुला हुआ सुपाड़ा, गोटियों की झुर्रिदार थैली, सब बहुत ही तफसील से तराशा हुआ था। वो काला डिल्डो मुझे ओरिजी और माइक के लौड़ों की याद दिला रहा था, इसलिये उनके साथ बितायी मस्ती भरी रात की यादगार समझ कर मैंने वो खरीद लिया।