23-04-2022, 08:06 PM
भाग १४
उसके जाने के बाद मैं दरवाज़ा बंद करने लगी तो वहीं मुझे एक एन्वलोप मिला। उसमें ससुरजी का पैगाम था कि अचानक उन्हें हैमिलटन के साथ एक दिन के लिये फ्रेंकफर्ट जाना पड़ रहा है और वो अगले दिन दोपहर तक लौट आयेंगे। मुझे कॉन्फ्रेंस में कुछ जरूरी सेमीनार अटेंड करने के लिये भी हिदायत दी थी और साथ ही लिखा था कि मैं सशा के साथ इंजॉय करूँ।
घंटे भर बाद ही एक सेमीनार था जो ससुर जी ने मुझे अटेंड करने को कहा था। मेरा मूड तो नहीं था पर सेमीनार में जाना भी जरूरी था। मैं एक बार फिर से नहायी और ट्राऊज़र और शर्ट और हाई हील के सैंडल की दूसरी जोड़ी पहन कर सेमिनार में पहुँच गयी। मेरे कदमों में अभी भी लड़खड़ाहट सी थी क्योंकि मेरा नशा उतरा नहीं था। सेमिनार करीब दो घंटे चला। मेरा ध्यान सेमिनार में ज्यादा था नहीं। खुशकिस्मती से वहाँ स्नैक्स का इंतज़ाम था। पहले तो मैंने पेट भर कर स्नैक्स खाये क्योंकि रात से तो सिर्फ शराब और उन हब्शियों का वीर्य और पेशाब के अलवा कुछ भी पेट में गया नहीं था। ड्रिंक्स का भी इंतज़ाम था पर मैं अपने ऊपर काबू रखा और सिर्फ मिनरल वाटर ही पीया। सेमिनार के दौरान ससुर जी के लिये थोड़े बहुत नोट्स लिये। ज्यादा वक्त तो मैं ऊँघ ही रही थी और पिछली रात की चुदाई बारे में ही सोच रही थी।
सेमिनार के दौरान मुझे सशा कहीं नहीं दिखी तो मैंने अपने कमरे में जाकर आराम करने का फैसला किया। लेकिन लौटते हुए सेमिनार हॉल के बाहर ही मुझे सशा मिल गयी। वो ज़ोर देकर मुझे अपने कमरे में ले गयी। शेंपेन की चुस्कियाँ लेते हुए और सिगरेट स्मोक करते हुए हम गपशप करने लगे। सशा तो चेन स्मोकर थी और जब उसने मुझे सिगरेट पेश की तो मैंने भी मना नहीं किया। मैंने उसे पिछली रात की ऐयाशियों के बारे में तफसील से बताया। “यू आर अ लक्की बिच!” वो मेरी चुदाई की दास्तान सुन कर बोली। मेरी दास्तान सुनते-सुनाते पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों बहक कर एक दूसरे को चूमने सहलाने लगीं और फिर करीब एक घंटे तक हम दोनों लेस्बियन चुदाई का मज़ा उठाया। पूरी रात बेरहमी से चुदने के बाद सशा के साथ नज़ाकत भरी लेस्बियन चुदाई में मज़ा आ गया। नरम मुलायम जिस्मों का आपस में रगड़ना और बहुत ही प्यार भरे और जोशीले चुम्मों की मस्ती तो सिर्फ दूसरी औरत के साथ लेस्बियन चुदाई में ही मुमकीन है। हम दोनों ने कईं बार एक दूसरी की चूत का पानी छुड़ाया। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटी रहीं।