02-01-2022, 11:49 PM
“शाबाश मेरे शेर!” योगिता ताली बजाने लगी।
“तुम्हें बड़ा मज़ा आ रहा है, इस घिनोनी हर्कत पर?” एम-डी ने घूरते हुए योगिता से कहा।
“क्यों ना आयेगा? ये मेरे बदले का हिस्सा है”, योगिता ने जवाब दिया।
“बदला, मैं तो समझा था कि अपना हिसाब बराबर हो चुका है”, एम-डी ने चौंकते हुए कहा।
“मेरी बे-इज्जती का हिसाब तो बराबर हो चुका है। पर ये बदला मेरे पति की बनायी हुई कंपनी को रंडी खाना बनाने के लिये है”, योगिता बोली।
“ओह गॉड! अगर इन जैसे दोस्त हों तो दुनिया में इंसान को दुश्मनों की जरूरत नहीं है”, कहकर एम-डी वहीं सोफ़े पर ढेर हो गया।
“ओहहहह राज! कितना अच्छा लग रहा है”, रीना सिसक रही थी। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं जोर-जोर से उसकी कसी चूत में धक्के लगा रहा था।
“हाँ! अब और अच्छा लग रहा है...... हाँ और जोर से!!!!! हाँ ऐसे ही चोदो मुझे!!!! ओहहहह राज!!! लगता है कि मेरा छूटने वाला है!!!!” कहकर रीना बिस्तर पर निढाल पड़ गयी।
ये मेरी दूसरी चुदाई थी इसलिये मेरा छूटने में टाईम था। मैं अब भी उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था।
थोड़ी देर में रीना फिर अपने कुल्हे उठा कर मेरी ताल से ताल मिलाने लगी। “ओहहह राज!!! लगता है कि मेरा फिर छूटने वाला है!!!!!! हाँ और जोर से चोदो ना!!! हाँ और जोर से!!! ओहहहह मेरा छूटा!!!” कहते हुए उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया।
मैंने भी जोर के दो चार धक्के और लगा कर अपना वीर्य उसकी चूत में उगल दिया। रीना ने मुझे बाँहों में भींच लिया और चूमने लगी, “ओहहह राज! कितना अच्छा लगा। लंड से चुदवाने में सही में मज़ा आ गया! मिस ब्रिगेंज़ा की जीभ और उंगलियों से तो तुम्हारा लंड लाख दर्ज़े अच्छा है!”
रीना की बात सुन एम-डी चौंक उठा, “ये मिस ब्रिगेंज़ा कौन है?”
“तुम्हें बड़ा मज़ा आ रहा है, इस घिनोनी हर्कत पर?” एम-डी ने घूरते हुए योगिता से कहा।
“क्यों ना आयेगा? ये मेरे बदले का हिस्सा है”, योगिता ने जवाब दिया।
“बदला, मैं तो समझा था कि अपना हिसाब बराबर हो चुका है”, एम-डी ने चौंकते हुए कहा।
“मेरी बे-इज्जती का हिसाब तो बराबर हो चुका है। पर ये बदला मेरे पति की बनायी हुई कंपनी को रंडी खाना बनाने के लिये है”, योगिता बोली।
“ओह गॉड! अगर इन जैसे दोस्त हों तो दुनिया में इंसान को दुश्मनों की जरूरत नहीं है”, कहकर एम-डी वहीं सोफ़े पर ढेर हो गया।
“ओहहहह राज! कितना अच्छा लग रहा है”, रीना सिसक रही थी। मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं जोर-जोर से उसकी कसी चूत में धक्के लगा रहा था।
“हाँ! अब और अच्छा लग रहा है...... हाँ और जोर से!!!!! हाँ ऐसे ही चोदो मुझे!!!! ओहहहह राज!!! लगता है कि मेरा छूटने वाला है!!!!” कहकर रीना बिस्तर पर निढाल पड़ गयी।
ये मेरी दूसरी चुदाई थी इसलिये मेरा छूटने में टाईम था। मैं अब भी उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था।
थोड़ी देर में रीना फिर अपने कुल्हे उठा कर मेरी ताल से ताल मिलाने लगी। “ओहहह राज!!! लगता है कि मेरा फिर छूटने वाला है!!!!!! हाँ और जोर से चोदो ना!!! हाँ और जोर से!!! ओहहहह मेरा छूटा!!!” कहते हुए उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया।
मैंने भी जोर के दो चार धक्के और लगा कर अपना वीर्य उसकी चूत में उगल दिया। रीना ने मुझे बाँहों में भींच लिया और चूमने लगी, “ओहहह राज! कितना अच्छा लगा। लंड से चुदवाने में सही में मज़ा आ गया! मिस ब्रिगेंज़ा की जीभ और उंगलियों से तो तुम्हारा लंड लाख दर्ज़े अच्छा है!”
रीना की बात सुन एम-डी चौंक उठा, “ये मिस ब्रिगेंज़ा कौन है?”
!!!! समाप्त !!!!