02-01-2022, 11:46 PM
“क्यों नहीं? वैसे भी मुझे इतनी जोर से म्यूज़िक बजता अच्छा नहीं लगता”, एम-डी अपने स्टडी रूम की ओर बढ़ता हुआ बोला। “रजनी! रीना को सिर्फ़ चार बिस्कुट देना खाने के लिये.... ज्यादा नहीं!” प्रीती रजनी के कान में फुसफुसायी और लड़खड़ाते कदमों से सैंडल खटपटाती हुई एम-डी के पीछे चल पड़ी। उसने काफी शराब पी रखी थी और इतने नशे में होने के बावजूद उसे अपना मकसद याद था।
“तुम इस बात की चिंता मत करो”, रजनी ने कहा।
जब स्टडी रूम में पहुँचे तो योगिता को छोड़ कर हम सबने अपने कपड़े उतार दिये। “क्या बात है डार्लिंग! क्या आज तुम हमे अपनी चूत नहीं दिखाओगी?” एम-डी ने पूछा।
“आज मैं तुम लोगों का साथ नहीं दे पाऊँगी। मेरी तबियत ठीक नहीं है”, योगिता ने जवाब दिया।
“मेरी जान अगर तुम्हारी चूत बिमार है तो क्या हुआ..... हम तुम्हारी गाँड तो मार ही सकते हैं”, एम-डी ने हँसते हुए कहा।
“जब कोई मेरी गाँड मारना चाहेगा तो मैं अपने कपड़े उतार दूँगी”, योगिता ने जवाब दिया।
जब एम-डी और योगिता ये बातचीत कर रहे थे तो मैंने मिली को रूम में लगे दिवान पर लिटा दिया और उसे चोदने लगा।
एम-डी ने जब देखा कि योगिता साथ देने को तैयार नहीं है तो उसने प्रीती को खींच कर हमारे बगल में सोफ़े पर लिटा दिया। “प्रीती! जल्दी करो नहीं तो राज और मिली हमसे आगे निकल जायेंगे”, कहकर वो अपना लंड प्रीती की चूत में घुसाने लगा।
“नहीं! ऐसे मज़ा नहीं आयेगा”, प्रीती ने उसे रोकते हुए कहा, “पहले तुम मेरी चूत चूसो और ऐसे चूसो कि मैं चुदवाने कि लिये भीख माँगने लगूँ।”
“ठीक है... अगर तुम यही चाहती हो तो.....” एम-डी ने प्रीती को अपनी बाँहों में भर लिया और फिर उसकी टाँगों के बीच आ गया। इधर मैं जोर के धक्के मार कर मिली को चोद रहा था।
थोड़ी ही देर में प्रीती के मुँह से सिसकरियाँ फूटनी सुरू हो गयीं, “हाँ!!!! अच्छा लग रहा है!!!!” वो और सिसकी, “हाँ आआआआ और जोर से चूसो..... हाँ जोर से!!!!”
मिली भी उत्तेजना में पागल हो रही थी। वो भी अपने कुल्हे उछाल कर मेरी ताल से ताल मिला रही थी।
“हाँ अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर तक डाल दो”, प्रीती बड़बड़ा रही थी, “हाँ ऐसे ही!!!! हाँ अब अपनी जीभ से मेरी चूत को चोदो।”
“ओहहहहह राज!!!! जोर से हाँ और जोर से कितना अच्छा लग रहा है.......” मिली चिल्ला रही थी और मैं अपनी पूरी ताकत से उसकी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था।
“तुम इस बात की चिंता मत करो”, रजनी ने कहा।
जब स्टडी रूम में पहुँचे तो योगिता को छोड़ कर हम सबने अपने कपड़े उतार दिये। “क्या बात है डार्लिंग! क्या आज तुम हमे अपनी चूत नहीं दिखाओगी?” एम-डी ने पूछा।
“आज मैं तुम लोगों का साथ नहीं दे पाऊँगी। मेरी तबियत ठीक नहीं है”, योगिता ने जवाब दिया।
“मेरी जान अगर तुम्हारी चूत बिमार है तो क्या हुआ..... हम तुम्हारी गाँड तो मार ही सकते हैं”, एम-डी ने हँसते हुए कहा।
“जब कोई मेरी गाँड मारना चाहेगा तो मैं अपने कपड़े उतार दूँगी”, योगिता ने जवाब दिया।
जब एम-डी और योगिता ये बातचीत कर रहे थे तो मैंने मिली को रूम में लगे दिवान पर लिटा दिया और उसे चोदने लगा।
एम-डी ने जब देखा कि योगिता साथ देने को तैयार नहीं है तो उसने प्रीती को खींच कर हमारे बगल में सोफ़े पर लिटा दिया। “प्रीती! जल्दी करो नहीं तो राज और मिली हमसे आगे निकल जायेंगे”, कहकर वो अपना लंड प्रीती की चूत में घुसाने लगा।
“नहीं! ऐसे मज़ा नहीं आयेगा”, प्रीती ने उसे रोकते हुए कहा, “पहले तुम मेरी चूत चूसो और ऐसे चूसो कि मैं चुदवाने कि लिये भीख माँगने लगूँ।”
“ठीक है... अगर तुम यही चाहती हो तो.....” एम-डी ने प्रीती को अपनी बाँहों में भर लिया और फिर उसकी टाँगों के बीच आ गया। इधर मैं जोर के धक्के मार कर मिली को चोद रहा था।
थोड़ी ही देर में प्रीती के मुँह से सिसकरियाँ फूटनी सुरू हो गयीं, “हाँ!!!! अच्छा लग रहा है!!!!” वो और सिसकी, “हाँ आआआआ और जोर से चूसो..... हाँ जोर से!!!!”
मिली भी उत्तेजना में पागल हो रही थी। वो भी अपने कुल्हे उछाल कर मेरी ताल से ताल मिला रही थी।
“हाँ अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर तक डाल दो”, प्रीती बड़बड़ा रही थी, “हाँ ऐसे ही!!!! हाँ अब अपनी जीभ से मेरी चूत को चोदो।”
“ओहहहहह राज!!!! जोर से हाँ और जोर से कितना अच्छा लग रहा है.......” मिली चिल्ला रही थी और मैं अपनी पूरी ताकत से उसकी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था।