02-01-2022, 11:46 PM
“सर! आप जबरदस्ती मुझ पर शक कर रहे हैं”, मैंने झूठ बोलते हुए कहा, “मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है।”
“हो सकता है तुम्हारा इराद ना हो..... फिर भी मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ”, एम-डी हंसा, “ठीक है शनिवार कि शाम को मिलते हैं”, कहकर उसने फोन रख दिया।
“एम-डी था फोन पर.... उसने रीना के जन्मदिन की पार्टी के लिये शनिवार की शाम की दावत दी है हमें”, मैंने सबको बताया।
“पर तुमने ऐसा क्यों कहा कि तुम्हारा रीना की कुँवारी चूत चोदने का कोई इरादा नहीं है?” रजनी ने पूछा।
“मैंने ये इसलिये कहा कि जिससे वो निश्चिंत हो जाये और आखिरी वक्त पर अपना इरादा ना बदल ले”, मैंने जवाब दिया।
“अब जब पार्टी उसके घर पर है तो हम अपने इरादों को कैसे कामयाब बनायेंगे?” योगिता ने पूछा।
“जब मैं उससे बात कर रहा था तो एक ऑयडिया मेरे दिमाग में आया है..... हम वही तरीका आजमा सकते हैं जो हमने सायरा की कुँवारी चूत के लिये आजमाया था”, मैंने कहा।
“ये सायरा कौन है और क्या हुआ था?” योगिता ने पूछा।
तब रजनी ने उसे सब बताया कि किस तरह और कैसे हमने सायरा की कुँवारी चूत चुदवायी थी।
“ये तो सब समझ में आता है.... फिर भी ये बात समझ में नहीं आती कि रीना अपनी चूत चुदवाने को कैसे तैयार होगी?” योगिता ने पूछा।
“रुको सब लोग! मेरे पास एक प्लैन है”, प्रीती ने कहा, “उसकी चूत चूसने की आदत ही उसकी चूत का उदघाटन करायेगी।” फिर प्रीती हमें प्लैन समझाने लग गयी। हम सब उसकी बात से सहमत हो गये और शनिवार का इंतज़ार करने लगे।
शनिवार की शाम को मैं और प्रीती एम-डी के घर पहुँच गये। हमने एक बड़ा सा तोहफ़ा लिया था रीना के लिये। केक काटने की रस्म के बाद सबने रीना को तोहफ़े दिये। कमरे में म्यूज़िक चालू था और सब आपस में बातें कर रहे थे।
“सर! हम सबने मिलकर काफी समय से मज़ा नहीं किया है.... क्यों ना आज कर लें”, प्रीती ने एम-डी से कहा।
“हो सकता है तुम्हारा इराद ना हो..... फिर भी मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ”, एम-डी हंसा, “ठीक है शनिवार कि शाम को मिलते हैं”, कहकर उसने फोन रख दिया।
“एम-डी था फोन पर.... उसने रीना के जन्मदिन की पार्टी के लिये शनिवार की शाम की दावत दी है हमें”, मैंने सबको बताया।
“पर तुमने ऐसा क्यों कहा कि तुम्हारा रीना की कुँवारी चूत चोदने का कोई इरादा नहीं है?” रजनी ने पूछा।
“मैंने ये इसलिये कहा कि जिससे वो निश्चिंत हो जाये और आखिरी वक्त पर अपना इरादा ना बदल ले”, मैंने जवाब दिया।
“अब जब पार्टी उसके घर पर है तो हम अपने इरादों को कैसे कामयाब बनायेंगे?” योगिता ने पूछा।
“जब मैं उससे बात कर रहा था तो एक ऑयडिया मेरे दिमाग में आया है..... हम वही तरीका आजमा सकते हैं जो हमने सायरा की कुँवारी चूत के लिये आजमाया था”, मैंने कहा।
“ये सायरा कौन है और क्या हुआ था?” योगिता ने पूछा।
तब रजनी ने उसे सब बताया कि किस तरह और कैसे हमने सायरा की कुँवारी चूत चुदवायी थी।
“ये तो सब समझ में आता है.... फिर भी ये बात समझ में नहीं आती कि रीना अपनी चूत चुदवाने को कैसे तैयार होगी?” योगिता ने पूछा।
“रुको सब लोग! मेरे पास एक प्लैन है”, प्रीती ने कहा, “उसकी चूत चूसने की आदत ही उसकी चूत का उदघाटन करायेगी।” फिर प्रीती हमें प्लैन समझाने लग गयी। हम सब उसकी बात से सहमत हो गये और शनिवार का इंतज़ार करने लगे।
शनिवार की शाम को मैं और प्रीती एम-डी के घर पहुँच गये। हमने एक बड़ा सा तोहफ़ा लिया था रीना के लिये। केक काटने की रस्म के बाद सबने रीना को तोहफ़े दिये। कमरे में म्यूज़िक चालू था और सब आपस में बातें कर रहे थे।
“सर! हम सबने मिलकर काफी समय से मज़ा नहीं किया है.... क्यों ना आज कर लें”, प्रीती ने एम-डी से कहा।


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