02-01-2022, 11:45 PM
कई महीने गुज़र गये। इसी दौरान हम कई बार रूही के यहाँ हो आये थे और रूही भी कई बार हमारे यहाँ आ चुकी थी। रीना के इक्किसवें जन्मदिन को अब एक हफ्ता ही रह गया था और हमें उसके जन्मदिन की तैयारियाँ करनी थी।
रीना के जन्मदिन से एक दिन पहले रजनी, योगिता, टीना, प्रीती और मैं, सब डिसकस कर रहे थे कि हम रीना की कुँवारी चूत को चोदने के प्रोग्रम को कैसे अंजाम दें। हमें पता था कि इस बार एम-डी पूरी सावधानी बरतेगा कि मैं उसकी बेटी कि कुँवारी चूत ना फाड़ पाऊँ। हम ये भी जानते थे कि टीना की तरह वो हमें रीना की बर्थडे पार्टी नहीं करने देगा।
“योगिता! तुम्हें क्या लगता है कि हमें मिली से भी होशियार रहना चाहिये?” मैंने पूछा।
“नहीं... मुझे ऐसा नहीं लगता। वो बड़ी प्रैक्टीकल किस्म की औरत है। उसे ये बात मालूम है कि उसकी बेटी की चूत को एक दिन तो फटना ही है, सो कल फटे या आज..... उसे कोई फ़रक नहीं पड़ता”, योगिता ने जवाब दिया।
“अगर ऐसा है तो क्या हम उसे सारी हकीकत बता कर अपना राज़दार बना सकते हैं?” मैंने पूछा।
“नहीं उसे बिल्कुल मत बताना। सारी बात जानने के बाद शायद वो अपनी बेटी की चूत चुदवाने में हमारी मदद ना करे पर चुद जाने के बाद शायद वो ऐतराज़ ना करे”, योगिता ने जवाब दिया।
“क्या उसके जन्मदिन की पार्टी होगी?” प्रीती ने पूछा।
“जरूर होगी! रीना अपने पापा की लाडली बेटी है। उन्होंने उसे एक बड़ी पार्टी का वादा किया है और वो अपना वादा जरूर पूरा करेंगे, बस सवाल ये उठता है कि वो पार्टी कहाँ पर रखेंगे”, टीना ने जवाब दिया।
“क्या रीना अब भी अपनी उस इंगलिश टीचर की चूत चाटती है और अपनी चटवाती है..... क्या नाम था उस टीचर का...... मुझे याद नहीं आ रहा...... हाँ याद आया, मिस ब्रिगेंज़ा!” प्रीती ने पूछा।
“बदकिस्मती से हाँ! पूरी लेस्बियन बन गयी है!” रजनी ने जवाब दिया, “और उसका यही शौक हमारे काम को अंजाम देने में आड़े आ सकता है।”
उसी समय फोन की घंटी बजी। एम-डी लाईन पर था, “राज! मैं तुम्हें और प्रीती को मेरी बेटी रीना की जन्मदिन की पार्टी की दावत देता हूँ.... पार्टी शनिवार की शाम को है..... सो जरूर से पहुँच जाना।”
“थैंक यू सर!” मैंने जवाब दिया, “पर सर! आपने क्यों तकलीफ उठायी? मुझसे कह दिया होता..... मैं पार्टी का सारा इंतज़ाम कर देता, जैसे मैंने टीना की पार्टी का इंतज़ाम किया था।”
“राज! क्या तुम मुझे बेवकूफ़ समझते हो?” एम-डी ने जोर से हँसते हुए कहा, “तुम्हें क्या लगता है कि मैं अपनी मासूम बेटी को तुम्हारे फ्लैट पे आसानी से आने दूँगा जिससे तुम मेरी बेटी की कुँवारी चूत को चोद सको? किसी भी हालत में नहीं राज! इस बार पार्टी मेरे घर पे होगी। और मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ कि अगर तुमने मेरी बेटी की ओर आँख उठा कर देखा तो मैं तुम्हें जान से मर दूँगा।”
रीना के जन्मदिन से एक दिन पहले रजनी, योगिता, टीना, प्रीती और मैं, सब डिसकस कर रहे थे कि हम रीना की कुँवारी चूत को चोदने के प्रोग्रम को कैसे अंजाम दें। हमें पता था कि इस बार एम-डी पूरी सावधानी बरतेगा कि मैं उसकी बेटी कि कुँवारी चूत ना फाड़ पाऊँ। हम ये भी जानते थे कि टीना की तरह वो हमें रीना की बर्थडे पार्टी नहीं करने देगा।
“योगिता! तुम्हें क्या लगता है कि हमें मिली से भी होशियार रहना चाहिये?” मैंने पूछा।
“नहीं... मुझे ऐसा नहीं लगता। वो बड़ी प्रैक्टीकल किस्म की औरत है। उसे ये बात मालूम है कि उसकी बेटी की चूत को एक दिन तो फटना ही है, सो कल फटे या आज..... उसे कोई फ़रक नहीं पड़ता”, योगिता ने जवाब दिया।
“अगर ऐसा है तो क्या हम उसे सारी हकीकत बता कर अपना राज़दार बना सकते हैं?” मैंने पूछा।
“नहीं उसे बिल्कुल मत बताना। सारी बात जानने के बाद शायद वो अपनी बेटी की चूत चुदवाने में हमारी मदद ना करे पर चुद जाने के बाद शायद वो ऐतराज़ ना करे”, योगिता ने जवाब दिया।
“क्या उसके जन्मदिन की पार्टी होगी?” प्रीती ने पूछा।
“जरूर होगी! रीना अपने पापा की लाडली बेटी है। उन्होंने उसे एक बड़ी पार्टी का वादा किया है और वो अपना वादा जरूर पूरा करेंगे, बस सवाल ये उठता है कि वो पार्टी कहाँ पर रखेंगे”, टीना ने जवाब दिया।
“क्या रीना अब भी अपनी उस इंगलिश टीचर की चूत चाटती है और अपनी चटवाती है..... क्या नाम था उस टीचर का...... मुझे याद नहीं आ रहा...... हाँ याद आया, मिस ब्रिगेंज़ा!” प्रीती ने पूछा।
“बदकिस्मती से हाँ! पूरी लेस्बियन बन गयी है!” रजनी ने जवाब दिया, “और उसका यही शौक हमारे काम को अंजाम देने में आड़े आ सकता है।”
उसी समय फोन की घंटी बजी। एम-डी लाईन पर था, “राज! मैं तुम्हें और प्रीती को मेरी बेटी रीना की जन्मदिन की पार्टी की दावत देता हूँ.... पार्टी शनिवार की शाम को है..... सो जरूर से पहुँच जाना।”
“थैंक यू सर!” मैंने जवाब दिया, “पर सर! आपने क्यों तकलीफ उठायी? मुझसे कह दिया होता..... मैं पार्टी का सारा इंतज़ाम कर देता, जैसे मैंने टीना की पार्टी का इंतज़ाम किया था।”
“राज! क्या तुम मुझे बेवकूफ़ समझते हो?” एम-डी ने जोर से हँसते हुए कहा, “तुम्हें क्या लगता है कि मैं अपनी मासूम बेटी को तुम्हारे फ्लैट पे आसानी से आने दूँगा जिससे तुम मेरी बेटी की कुँवारी चूत को चोद सको? किसी भी हालत में नहीं राज! इस बार पार्टी मेरे घर पे होगी। और मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ कि अगर तुमने मेरी बेटी की ओर आँख उठा कर देखा तो मैं तुम्हें जान से मर दूँगा।”