02-01-2022, 11:44 PM
राम और श्याम ने अपने लंड को ठीक अनिता के चेहरे और छाती का निशाना बना कर अपनी पिचकारी छोड़ना शुरू किया। अरे संभालो! विजय कुछ कहता इसके पहले उनके लंड से छूटा वीर्य उसके चेहरे पे गिर पड़ा।
फातिमा जोर से हँस पड़ी और आयेशा ताली बजाने लगी कि तभी दो और बौंछार विजय के चेहरे से टकरायी।
“गंदे साले! क्या और कोई जगह नहीं मिली निशाना साधने के लिये”, विजय गुस्से में बोला।
“अरे गुस्सा क्यों करते हो”, कहकर अनिता उसके चेहरे पर लगे वीर्य को चाटने लगी। जब उसने विजय को अच्छी तरह साफ कर दिया तो निढाल पड़ गयी।
जब सब कोई सुस्ता चुके थे तो आयेशा ने कहा, “सर! अब मेरी बारी है।”
“नहीं तुम्हारी नहीं! अब मीना की बारी है”, मैंने कहा, “मीना! तुम बताओ तुम्हारा क्या सपना है।”
“मेरा कोई खास सपना नहीं है। एम-डी और आप मुझे ऑफिस में चोदते हैं..... मैं उससे ही खुश हूँ”, मीना ने जवाब दिया। मीना बुरी तरह नशे में धुत्त थी और सोफे पर पसरी हुई थी।
“तो फिर दोनों के साथ यहाँ क्यों नहीं चुदवाती?” फातिमा ने कहा।
“दोनों मुझे कई बार एक साथ चोद चुके हैं..... इसलिये एक बार और चुदवाने से मुझे कोई फ़रक नहीं पड़ेगा”, मीना ने हँसते हुए कहा, “एम-डी सर! आप लेट जायें और नीचे से मेरी चूत में लंड को डालें और राज सर, आप पीछे से मेरी गाँड मारें। आपका मोटा और लंबा लंड मुझे अपनी गाँड में अच्छा लगता है।”
कमरे में फिर एक बार चारों तरफ चुदाई का आलम था। मैं यहाँ एम-डी के साथ मिलकर मीना को चोद रहा था और चारों तरफ कोई ना कोई किसी को चोद रहा था।
थोड़ी देर बाद सब थक कर निढाल पड़े थे। पार्टी करीब-करीब खत्म होने को आ गयी थी। “आयेशा! रात काफी हो चुकी है.... चलो तुम्हें घर छोड़ आऊँ”, मैंने आयेशा से कहा।
“सर! मुझे यहीं रहने दें ना...... वैसे भी घर में सबको पता है कि मैं यहाँ हूँ”, आयेशा थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली। नशे में उसकी आवाज़ बहक रही थी।
“वो तो सब ठीक है.... पर काम ऐसा करना चाहिये कि तुम्हें दोबारा भी यहाँ आने की इजाज़त मिल जाये”, मैंने उसे समझाते हुए कहा।
“ठीक है! पर क्या मैं सुबह यहाँ आ सकती हूँ? रूही मैडम! आप और आर्यन कल यहीं हैं ना?” आयेशा ने कहा।
फातिमा जोर से हँस पड़ी और आयेशा ताली बजाने लगी कि तभी दो और बौंछार विजय के चेहरे से टकरायी।
“गंदे साले! क्या और कोई जगह नहीं मिली निशाना साधने के लिये”, विजय गुस्से में बोला।
“अरे गुस्सा क्यों करते हो”, कहकर अनिता उसके चेहरे पर लगे वीर्य को चाटने लगी। जब उसने विजय को अच्छी तरह साफ कर दिया तो निढाल पड़ गयी।
जब सब कोई सुस्ता चुके थे तो आयेशा ने कहा, “सर! अब मेरी बारी है।”
“नहीं तुम्हारी नहीं! अब मीना की बारी है”, मैंने कहा, “मीना! तुम बताओ तुम्हारा क्या सपना है।”
“मेरा कोई खास सपना नहीं है। एम-डी और आप मुझे ऑफिस में चोदते हैं..... मैं उससे ही खुश हूँ”, मीना ने जवाब दिया। मीना बुरी तरह नशे में धुत्त थी और सोफे पर पसरी हुई थी।
“तो फिर दोनों के साथ यहाँ क्यों नहीं चुदवाती?” फातिमा ने कहा।
“दोनों मुझे कई बार एक साथ चोद चुके हैं..... इसलिये एक बार और चुदवाने से मुझे कोई फ़रक नहीं पड़ेगा”, मीना ने हँसते हुए कहा, “एम-डी सर! आप लेट जायें और नीचे से मेरी चूत में लंड को डालें और राज सर, आप पीछे से मेरी गाँड मारें। आपका मोटा और लंबा लंड मुझे अपनी गाँड में अच्छा लगता है।”
कमरे में फिर एक बार चारों तरफ चुदाई का आलम था। मैं यहाँ एम-डी के साथ मिलकर मीना को चोद रहा था और चारों तरफ कोई ना कोई किसी को चोद रहा था।
थोड़ी देर बाद सब थक कर निढाल पड़े थे। पार्टी करीब-करीब खत्म होने को आ गयी थी। “आयेशा! रात काफी हो चुकी है.... चलो तुम्हें घर छोड़ आऊँ”, मैंने आयेशा से कहा।
“सर! मुझे यहीं रहने दें ना...... वैसे भी घर में सबको पता है कि मैं यहाँ हूँ”, आयेशा थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली। नशे में उसकी आवाज़ बहक रही थी।
“वो तो सब ठीक है.... पर काम ऐसा करना चाहिये कि तुम्हें दोबारा भी यहाँ आने की इजाज़त मिल जाये”, मैंने उसे समझाते हुए कहा।
“ठीक है! पर क्या मैं सुबह यहाँ आ सकती हूँ? रूही मैडम! आप और आर्यन कल यहीं हैं ना?” आयेशा ने कहा।