02-01-2022, 11:43 PM
“राम! तुम इसकी बांयी आँख पर पिचकारी मारना और मैं इसकी दांयी आँख पर”, श्याम ने हँसते हुए कहा। इसके पहले कि विजय कुछ कहता, अनिता बोली, “विजय ये मज़ाक कर रहे हैं! और अगर ये ऐसा करते भी हैं तो तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें चाट-चाट कर साफ कर दूँगी।”
नज़ारा जो अनिता ने रखा था, वो देखने लायक था। जय उसकी गाँड में अपना लंड जड़ तक पेल देता जिससे जय का लंड भी अंदर तक घुस जाता। राम और श्याम के लंड अनिता की बंद हथेलियों में अगे पीछे हो रहे थे। और आर्यन के लंड को अनिता जोर-जोर से चूस रही थी।
कमरे में सबकी सिसकरियाँ गूँज रही थीं। जय उसकी गाँड में लंड पेलते हुए बड़बड़ा रहा था, “ले साली! और जोर से ले!!! बहुत शौक है ना पाँच मर्दों से चुदवाने का??? आज मैंने तेरी गाँड ना फाड़ दी तो कहना!!!”
वहीं आर्यन बड़बड़ा रहा था, “हाँ! और जोर से चूसो ना!!!! हाँ अपने गले तक ले लो!!! ओहहहह आआआहहहह।”
अनिता जोर-जोर से लंड चूसने लगी तो आर्यन तुरंत बोला “अनिता आँटी! धीरे! मेरा छूटने वाला है।” अनिता ने अपनी रफ़तार धीमी कर दी।
“भाई! कैसा चल रहा है?” जय ने पूछा।
“मज़ा आ रहा है, ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को स्पर्श कर रहा है। हाँ इसी तरह अंदर तक अपने लंड को इसकी गाँड में पेलते रहो।” विजय ने नीचे से धक्का लगाते हुए जवाब दिया।
“हाँ जोर से!!! जोर से चोदो मुझे सब मिलकर!!!! मेरा छूटने वाला है!!!” अनिता जोर-जोर से अपने कुल्हे उछाल रही थी।
आर्यन ने अनिता के सर को अपने हाथों से पकड़ रखा था और अपना लंड उसके गले तक डाल कर चोद रहा था।
बहुत ही दिलकश नज़ारा था। ऐसी सामुहिक और भयंकर चुदाई ना तो मैंने देखी थी ना ही मैंने की थी।
“ओहहह मेरा...आआ छूटा...आआआ!” अनिता का इतना कहना था कि आर्यन ने भी, “ओहहहह मेरा छूटा!!!!” कहकर अपने लंड की बौंछार अनिता के चेहरे पर कर दी।
विजय ने जोर से अनिता को कमर से पकड़ कर अपने लंड को ऊपर की ओर करते हुए अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। वहीं जय ने अपने लंड के दो चार धक्के उसकी गाँड में और मारे और अपना पानी अनिता की पीठ पर छोड़ने लगा।
नज़ारा जो अनिता ने रखा था, वो देखने लायक था। जय उसकी गाँड में अपना लंड जड़ तक पेल देता जिससे जय का लंड भी अंदर तक घुस जाता। राम और श्याम के लंड अनिता की बंद हथेलियों में अगे पीछे हो रहे थे। और आर्यन के लंड को अनिता जोर-जोर से चूस रही थी।
कमरे में सबकी सिसकरियाँ गूँज रही थीं। जय उसकी गाँड में लंड पेलते हुए बड़बड़ा रहा था, “ले साली! और जोर से ले!!! बहुत शौक है ना पाँच मर्दों से चुदवाने का??? आज मैंने तेरी गाँड ना फाड़ दी तो कहना!!!”
वहीं आर्यन बड़बड़ा रहा था, “हाँ! और जोर से चूसो ना!!!! हाँ अपने गले तक ले लो!!! ओहहहह आआआहहहह।”
अनिता जोर-जोर से लंड चूसने लगी तो आर्यन तुरंत बोला “अनिता आँटी! धीरे! मेरा छूटने वाला है।” अनिता ने अपनी रफ़तार धीमी कर दी।
“भाई! कैसा चल रहा है?” जय ने पूछा।
“मज़ा आ रहा है, ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को स्पर्श कर रहा है। हाँ इसी तरह अंदर तक अपने लंड को इसकी गाँड में पेलते रहो।” विजय ने नीचे से धक्का लगाते हुए जवाब दिया।
“हाँ जोर से!!! जोर से चोदो मुझे सब मिलकर!!!! मेरा छूटने वाला है!!!” अनिता जोर-जोर से अपने कुल्हे उछाल रही थी।
आर्यन ने अनिता के सर को अपने हाथों से पकड़ रखा था और अपना लंड उसके गले तक डाल कर चोद रहा था।
बहुत ही दिलकश नज़ारा था। ऐसी सामुहिक और भयंकर चुदाई ना तो मैंने देखी थी ना ही मैंने की थी।
“ओहहह मेरा...आआ छूटा...आआआ!” अनिता का इतना कहना था कि आर्यन ने भी, “ओहहहह मेरा छूटा!!!!” कहकर अपने लंड की बौंछार अनिता के चेहरे पर कर दी।
विजय ने जोर से अनिता को कमर से पकड़ कर अपने लंड को ऊपर की ओर करते हुए अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। वहीं जय ने अपने लंड के दो चार धक्के उसकी गाँड में और मारे और अपना पानी अनिता की पीठ पर छोड़ने लगा।