02-01-2022, 11:41 PM
कुछ देर बाद सिसकरियाँ बड़बड़ाहट में बदल गयीं, “रुकना मत........ चोदते जाओ...... और जोर से...... मेरा छूटने वाला है......” और मर्दों ने एक जोर की “आआआआआहहहहह” के साथ अपना पानी उनकी चूत में छोड़ दिया।
जैसे ही सब मर्दों का लंड दोबारा खड़ा हुआ तो वो बेटियों की चूत में अपना लंड घुसा कर चोदने लगे। थोड़ी देर में सब औरतों की चुदाई एक बार हो चुकी थी। सब मर्द अपनी उखड़ी साँसों को संभालते हुए आराम कर रहे थे, सिवाय आर्यन के। “आयेशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते हैं। तुम्हारा तो सपना कोई होगा नहीं!”
“सच कहूँ तो एक नहीं...... कई हैं! और मैं आज उनमें से अपने एक सपने को जरूर पूरा करूँगी!” आयेशा ने जवाब दिया।
निराश होता हुआ आर्यन प्रीती के पास पहुँचा, “प्रीती! चलो चुदाई करते हैं।”
“अभी नहीं! मैं नहीं चाहती हूँ कि आयेशा इस खेल में हार जाये”, प्रीती ने जवाब दिया।
“जैसे सब बैठे हैं वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और नौ बजने का इंतज़ार करो”, कहकर आयेशा ने आर्यन को एक कुर्सी पर बिठा दिया।
ठीक नौ बजे औरतों की जोड़ी में जो छोटी थी, वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी, “आयेशा! जरा धीरे चूसो! तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे हैं”, आर्यन ने दर्द से सिसकते हुए कहा।
“आर्यन! अपना मुँह बंद रखो..... मेरे हिसाब से आयेशा सही ढंग से चूस रही है”, प्रीती ने उसे डाँटते हुए कहा।
टीना मेरे लंड को चूस रही थी। उसे भी लंड चूसने का अनुभव नहीं था इसलिये उसके भी दाँत मेरे लंड पर चूभ रहे थे। थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया। “शुक्रिया!!! आल्लाह!!!!” आर्यन ने एक गहरी साँस ली। “आयेशा तुमने तो मेरे लौड़े को चबा ही डाला था।”
मैंने अनिता को कहते हुए सुना, “मीना! कैसा चल रहा है?”
“वैसे तो ठीक है पर खड़ा नहीं हो रहा”, मीना ने जवाब दिया।
“लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो”, अनिता ने कहा, “मैं इसके लौड़े को थोड़ी देर में ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों ओर पिचकारी मारता रहेगा।” थोड़ी देर मैं जय के मुँह से सिसकरियाँ फूटनी शुरू हो गयीं। “हाँ.....आआआआ चूसो ऐए!!!!! हाय ओहहहहह हाँ जोर से..... ऊईईई।”
वैसे तो मिली भी काफी अच्छी तरह चूस रही थी पर जय के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जायेंगे।
जैसे ही सब मर्दों का लंड दोबारा खड़ा हुआ तो वो बेटियों की चूत में अपना लंड घुसा कर चोदने लगे। थोड़ी देर में सब औरतों की चुदाई एक बार हो चुकी थी। सब मर्द अपनी उखड़ी साँसों को संभालते हुए आराम कर रहे थे, सिवाय आर्यन के। “आयेशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते हैं। तुम्हारा तो सपना कोई होगा नहीं!”
“सच कहूँ तो एक नहीं...... कई हैं! और मैं आज उनमें से अपने एक सपने को जरूर पूरा करूँगी!” आयेशा ने जवाब दिया।
निराश होता हुआ आर्यन प्रीती के पास पहुँचा, “प्रीती! चलो चुदाई करते हैं।”
“अभी नहीं! मैं नहीं चाहती हूँ कि आयेशा इस खेल में हार जाये”, प्रीती ने जवाब दिया।
“जैसे सब बैठे हैं वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और नौ बजने का इंतज़ार करो”, कहकर आयेशा ने आर्यन को एक कुर्सी पर बिठा दिया।
ठीक नौ बजे औरतों की जोड़ी में जो छोटी थी, वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी, “आयेशा! जरा धीरे चूसो! तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे हैं”, आर्यन ने दर्द से सिसकते हुए कहा।
“आर्यन! अपना मुँह बंद रखो..... मेरे हिसाब से आयेशा सही ढंग से चूस रही है”, प्रीती ने उसे डाँटते हुए कहा।
टीना मेरे लंड को चूस रही थी। उसे भी लंड चूसने का अनुभव नहीं था इसलिये उसके भी दाँत मेरे लंड पर चूभ रहे थे। थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया। “शुक्रिया!!! आल्लाह!!!!” आर्यन ने एक गहरी साँस ली। “आयेशा तुमने तो मेरे लौड़े को चबा ही डाला था।”
मैंने अनिता को कहते हुए सुना, “मीना! कैसा चल रहा है?”
“वैसे तो ठीक है पर खड़ा नहीं हो रहा”, मीना ने जवाब दिया।
“लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो”, अनिता ने कहा, “मैं इसके लौड़े को थोड़ी देर में ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों ओर पिचकारी मारता रहेगा।” थोड़ी देर मैं जय के मुँह से सिसकरियाँ फूटनी शुरू हो गयीं। “हाँ.....आआआआ चूसो ऐए!!!!! हाय ओहहहहह हाँ जोर से..... ऊईईई।”
वैसे तो मिली भी काफी अच्छी तरह चूस रही थी पर जय के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जायेंगे।