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Adultery तरक्की का सफ़र
भाग- १७

आज मेरे घर में एक पार्टी थी। मैंने एक खेल रखा था और सब उसके नियम सुनने को बेचैन थे। १५ मिनट हो चुके थे।

 

दोस्तों! अब जो खेल मैंने रखा है..... प्लीज़ सब ध्यान से उसके नियम सुन लें, मैं सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हुए बोला। दीवार पर लगी घड़ी में इस समय साढ़े सात बजे हैं। ठीक सवा आठ पर बार बंद हो जायेगा। और सवा आठ से नौ के बीच में हर मर्द को अपनी औरतों की जोड़ी को एक बार जरूर चोदना है। ठीक नौ बजे औरतों को अपने-अपने मर्द का लंड चूसना है। जिस जोड़ी की औरत अपने मर्द का पानी पहले छुड़ाने में कामयाब होगी, वो ही इस खेल की विजेता होगी। कोई सवाल है किसी के दिल में?”

 

क्या हम औरतों की चुदाई एक से ज्यादा बार नहीं कर सकते?” आर्यन ने पूछा।

 

तुम्हारा दिल चाहे.... उतनी बार तुम उनको चोद सकते हो पर तुम्हारी जोड़ीदार औरतों को ही तकलीफ होगी तुम्हारा पानी छुड़ाने में, मैंने जवाब दिया।

 

पहले किसको चोदना है..... माँ को या बेटी को?” राम ने पूछा।

 

इसकी कोई पाबंदी नहीं है। ये तुम लोग आपस में तय कर सकते हो, मैंने उसकी बात का खुलासा किया।

 

नहीं मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ, मिली ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा, उम्र के हिसाब से अहमियत बड़ों को पहले मिलनी चाहिये। क्या सब मेरी बात को मानते हैं?”

 

सबने उसकी बात का समर्थन किया।

 

तो ठीक है! जो बड़ी है पहले वो चुदाई करायेगी, मैंने कहा।

 

क्या जीतने वाले को इनाम भी मिलने वाला है? अगर हाँ तो वो क्या है?” आयेशा ने पूछा।

 

इनाम ये है कि जीतने वाली आज अपना चुदाई का कोई भी ख्वाब पूरा कर सकती है, मैंने कहा, और कोई सवाल?”

 

क्या लंड चूसने के भी कोई नियम हैं?” अनिता ने पूछा।

 

नहीं उसके कोई नियम नहीं हैं, सिर्फ़ इतना कि लंड चूसते वक्त औरतें अपने हाथों का इस्तमाल नहीं करेंगी। मैंने कहा, और कुछ पूछना है किसी को।
 
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 02-01-2022, 11:40 PM



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