30-12-2021, 11:58 PM
भाग १३
कुछ देर लेटे रहने के बाद जब मैंने आँखें खोलीं तो दोनों पास ही कुर्सियों पर बैठे मेरी तरफ देख कर बेहुदगी से मुस्कुराते हुए कुछ तबसरे कर रहे थे जो मैं ठीक से सुन नहीं सकी। मैं भी पास ही दीवार के सहारे टिक कर टाँगें फैलाये बैठ गयी। मैंने पीने के लिये कुछ माँगा तो माइक ने उठ कर मिनी-बार में से ऑरेंज जूस की बोतल और वोदका की एक छोटी सी शीशी निकाली। ग्लास में जूस के साथ-साथ वो शीशी भी खाली करके मुझे ग्लास पकड़ा दिया। इतने में ओरिजी ने तीन सिगरेट जलायीं और एक सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी।
“सॉरी! ऑय डोंट स्मोक!” मैंने एक हाथ लहराते हुए मना किया।
“कम ऑन बेबी! देयर इज़ आलवेज़ अ फर्स्ट टाइम!” ओरिजी बोला।
“ऑय डोंट थिंक यू हैड एवर ड्रैंक पिस्स बिफोर बट यू जस्ट इंजॉयड ड्रिंकिंग हिज़ पिस्स!” माइक मुस्कुराते हुए बोला। मैं नशे में मदमस्त थी और उसकी बात सुनकर बिना वजह ही हंसी छूट गयी। मैंने और आनाकानी नहीं की और वो सिगरेट ले कर अपने होंठों से लगा कर कश लगाने लगी। सिगरेट पीना तो वैसे मामुली सी बात थी क्योंकि शाम से पिछले डेढ़-दो घंटों में मैं हवस-परसती की सारी हदें पार कर के इस कदर गिर गयी थी कि अपनी गाँड की टट्टी से लथपठ लौड़ा चूसने और एक अजनबी का पेशाब पीने जैसी ज़लील हरकतों में मैं निहायत बेशर्मी से शरीक हुई थी।
खैर, अभी तो पुरी रात बाकी थी और उस दिन खुदा भी शायद मुझ पर खास मेहरबान था, हमारी चोदन-चुदाई पूरी रात ज़ारी रही। सारी रात उन दोनों हब्शियों ने मुझे शराब और पता नहीं कौन-कौन सी नशीली ड्रग के नशे में मुझे मदमस्त रखा और दोनों ने मिलकर मेरे जिस्म को हर तरह से बार-बार जम कर चोदा। मैंने भी बढ़चढ़ कर उनका साथ दिया और चुदाई के मज़े लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी दौरान एक और काला हब्शी भी इस चुदाई में शरीक हो गया। मुझे इतना भी होश नहीं था कि वो इत्तेफाक से वहाँ पहुँचा या इन दोनों में से किसी ने उसे फोन करके न्यौता दिया। खैर मुझे क्या एतराज़ हो सकता था - दो से भले तीन लौड़े! खुदा के फज़ल से मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी। पूरी रात वो तीनों ने मेरी चूत और गाँड अपने भुजंग काले लौड़ों से चोद-चोद कर मुझे जन्नत की सैर करवायी। कईं बार तो तीनों ने एक साथ मेरी चूत, गाँड और मुँह में अपने लौड़े ठोक-ठोक कर मुझे चोदा। पता नहीं कितनी ही बार मैंने उनका पेशाब मज़े ले -लेकर पिया और उनके उकसाने पर मैंने बे-गैरती से अपना खुद का पेशाब भी ग्लास में भर-भर कर पिया।