23-12-2021, 09:59 PM
“साली नसीफा! पहले तो बड़ी अकड़ रही थी। मैंने तो पहले ही कहा था आज मैं तेरी गाँड फाड़ के रहुँगा । अभी तो केवल आधा गया है। अब मैं पूरा डालने वाला हूँ!” ऐसा कह कर मैंने पहले से भी तगड़ा एक शॉट और मारा और इस बार मेरा लंड उनकी गाँड में जड़ तक समा गया।
“अरे मादरचोद, मुझ पर से नीचे उतर… ना तो तुझसे से कार सीखनी, ना तुझसे चुदवाना, ना तुझे ईंग्लिश पढ़ाना… अरे मर गयीईईईई..... साले तूने मेरी गाँड फा....आआआ....ड़ दी!”
इधर नसीफा मैडम बड़बड़ाए जा रही थी और मैं धीरे धीरे लंड हिलाता उनकी गाँड में लंड के लिये जगह बना रहा था। कुछ ही देर में मेर लंड आसानी से उनकी गाँड में अंदर बाहर होने लगा। अब उन्हें भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूत्तड़ हिलाने लग गयी थी।
“हाँ इसी तरह… अब मज़ा आ रहा है। मेरी बात का मेरे दिलबर बूरा मत मानना। मैं जानती थी कि तुझसे गाँड मराने में मुझे बहुत मज़ा आयेगा तभी तो मैं तुझे घर लेके आयी। तेरी बातों से मुझे पता लग गया था कि तू गाँड का रसिया है। जब से तूने मेरे तरबूजों की तारीफ़ की तभी से मैं तुझसे गाँड मरवाने को तड़प उठी थी!”
“नसीफा रानी मेरी नज़र तो तेरी गाँड पर उस समय से है जब तू पहली बार क्लास लेने आयी थी। जब तू हाई हील के सैंडल पहन कर अपने बड़े-बड़े तरबूज जैसे चूत्तड़ मटकाती क्लास और कॉलेज में फिरती थी तौ मेरा लौड़ा तेरी गाँड में घुसने के के लिये तड़प जाता था… लेकिन इतनी जल्दी मेरा लंड तेरी गाँड में जड़ तक घुसा हुआ होगा इसकी उम्मीद नहीं थी… लेकिन जो हुआ अच्छा ही हुआ… लो अब मेरे लंड की ठाप सहो!”
ऐसा कह कर मैं बेतहाशा उनकी गाँड मारने लगा। नसीफा मैडम भी गाँड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। करीब १० मिनट बाद मैंने ढेर सारा वीर्य उनकी गाँड में झाड़ दिया। जब मैंने लंड उनकी गाँड से निकाला तो उनकी गाँड से सफेद-सफेद मेरा वीर्य ज्वाला मुखी से लवा की तरह बाहर निकलने लगा।
जब तक नसीफा मैडम के हसबैंड और बच्चे वापस नहीं आ गये, मैं रोज उसके घर जाता रहा। मैं उसके घर जाते ही उसको पूरी नंगी कर देता था। वो नंगी ही घर के काम भी करती थी, मुझ से चुदवाती थी, गाँड मरवाती थी और ये सब करने के बाद मुझे ईंग्लिश भी पढ़ाती थी। बाद में कॉलेज की छुट्टियाँ खतम होने पर, कॉलेज में भी मौका देख कर कॉलेज में ही किसी जगह पर अपनी सलवार नीचे करके मुझसे अपनी गाँड या चूत मरवाने लगी।
“अरे मादरचोद, मुझ पर से नीचे उतर… ना तो तुझसे से कार सीखनी, ना तुझसे चुदवाना, ना तुझे ईंग्लिश पढ़ाना… अरे मर गयीईईईई..... साले तूने मेरी गाँड फा....आआआ....ड़ दी!”
इधर नसीफा मैडम बड़बड़ाए जा रही थी और मैं धीरे धीरे लंड हिलाता उनकी गाँड में लंड के लिये जगह बना रहा था। कुछ ही देर में मेर लंड आसानी से उनकी गाँड में अंदर बाहर होने लगा। अब उन्हें भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूत्तड़ हिलाने लग गयी थी।
“हाँ इसी तरह… अब मज़ा आ रहा है। मेरी बात का मेरे दिलबर बूरा मत मानना। मैं जानती थी कि तुझसे गाँड मराने में मुझे बहुत मज़ा आयेगा तभी तो मैं तुझे घर लेके आयी। तेरी बातों से मुझे पता लग गया था कि तू गाँड का रसिया है। जब से तूने मेरे तरबूजों की तारीफ़ की तभी से मैं तुझसे गाँड मरवाने को तड़प उठी थी!”
“नसीफा रानी मेरी नज़र तो तेरी गाँड पर उस समय से है जब तू पहली बार क्लास लेने आयी थी। जब तू हाई हील के सैंडल पहन कर अपने बड़े-बड़े तरबूज जैसे चूत्तड़ मटकाती क्लास और कॉलेज में फिरती थी तौ मेरा लौड़ा तेरी गाँड में घुसने के के लिये तड़प जाता था… लेकिन इतनी जल्दी मेरा लंड तेरी गाँड में जड़ तक घुसा हुआ होगा इसकी उम्मीद नहीं थी… लेकिन जो हुआ अच्छा ही हुआ… लो अब मेरे लंड की ठाप सहो!”
ऐसा कह कर मैं बेतहाशा उनकी गाँड मारने लगा। नसीफा मैडम भी गाँड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी। करीब १० मिनट बाद मैंने ढेर सारा वीर्य उनकी गाँड में झाड़ दिया। जब मैंने लंड उनकी गाँड से निकाला तो उनकी गाँड से सफेद-सफेद मेरा वीर्य ज्वाला मुखी से लवा की तरह बाहर निकलने लगा।
जब तक नसीफा मैडम के हसबैंड और बच्चे वापस नहीं आ गये, मैं रोज उसके घर जाता रहा। मैं उसके घर जाते ही उसको पूरी नंगी कर देता था। वो नंगी ही घर के काम भी करती थी, मुझ से चुदवाती थी, गाँड मरवाती थी और ये सब करने के बाद मुझे ईंग्लिश भी पढ़ाती थी। बाद में कॉलेज की छुट्टियाँ खतम होने पर, कॉलेज में भी मौका देख कर कॉलेज में ही किसी जगह पर अपनी सलवार नीचे करके मुझसे अपनी गाँड या चूत मरवाने लगी।
****** समाप्त ********