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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
ओके...अब मुझे थोड़ा कॉनफिडैंस आ रहा है... लेकिन तुम अपने हाथ रैडी रखना कहीं कार फिर से आउट आफ कंट्रोल हो जाये।

मैडम मेरे हाथ हमेशा रैडी रहते हैं।
 
सुमित मुझे कस के पकड़ना... कहीं ब्रेक मारने पर मैं स्टियरिंग में ना घुस जाऊँ!”
 
येस मैडम मैं कस के पकड़ता हूँ।
 
मैंने अपने हाथ स्टियरिंग से उठा कर मैडम की चूचियों पर रख दिये। मैं तो मैडम से डाँट की उम्मीद कर रहा था लेकिन मैडम ने कुछ ना कहा। मैंने तब मैडम की चूचियों को दबा दिया तो उनके के मुँह से आह निकल गयी।
 
सुमित... मेरे ख्याल से आज इतना सीखना ही काफ़ी है। चलो अब घर चलते हैं!”
 
ओके मैडम। मैडम मेरी गोद से उठ कर अपनी सीट पर बैठ गयी और हम मैडम के घर चल दिये।
 
ओके मैडम... मैं चलता हूँ!”
 
खाना खाके जाना!”
 
नहीं मैडम मैंने मम्मी को कहा था कि खाने के टाईम तक घर पर आ जाऊँगा
 
ठीक है... तो कल १० बजे आओगे ना?”
 
येस मैडम... आफ़ कोर्स!”
 
मैं अगले दिन भी पूरे १० बजे पहुँच गया। आज भी मैडम काफी खूबसूरत लग रही थीं। उन्होंने ने आज पीकॉक ब्लू कलर की सिल्क की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी और उनके सफ़ेद कलर के हाई हील सैंडल काफ़ी मैच कर रहे थे। मैडम ने आज बहुत ही अच्छा परफ़्यूम लगा रखा था। पढ़ने के बाद हम फिर से कार सीखने उसी ग्राऊँड में आ गये।
 
तो सुमित आज कहाँ से शुरू करेंगे?”
 
मैडम मेरे ख्याल से आप पहले स्टियरिंग में परफ़ेक्ट हो जाइये। उसके बाद और कुछ करेंगे!”
 
ठीक है। कल जैसे ही बैठना है?
 
येस मैडम
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-12-2021, 09:54 PM



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