23-12-2021, 09:51 PM
“येस मैडम.... और हाइएस्ट मार्क्स ९५ तक आते हैं... मैडम मैं चाहता हूँ कि मेरे भी ९०+ आयें।”
“बिल्कुल आ सकते हैं। लेकिन उसके लिये तुम्हें काफ़ी हार्डवर्क करना पड़ेगा... क्या तुम करोगे?”
“येस मैडम, मैं हार्डवर्क करूँगा... पर मेरे बेसिक्स ही क्लीयर नहीं हैं और मेरी ग्रामर बहुत वीक है।”
“सुमित तुम्हें सबसे पहले अपने बेसिक्स ही स्ट्रॉँग बनाने चाहिए। जिसके बेसिक्स स्ट्रॉँग नहीं उसे कुछ भी नहीं आता।”
“मैडम तो बेसिक्स स्ट्राँग कैसे होंगे।”
“उम्म... मैं तुम्हें बेसिक्स स्ट्राँग करने में हेल्प करूँगी।”
“येस मैडम... आप मुझे कुछ दिनों के लिये कोचिंग दे दिजिए।”
“तुम कल से सुबह मेरे पास आ जाया करो।”
“ओके मैडम।”
“कॉफी तो पियो... ठंडी हो रही है।”
“येस मैडम। मैडम आपकी फैमिली में कौन-कौन है?”
“मैं, मेरे हसबैंड और एक बेटी और एक बेटा।”
“मैडम… कहाँ हैं सब... कोई दिख नहीं रहा।”
“बच्चे तो अपनी नानी के यहाँ छुट्टियाँ बिताने गये हैं। एकचुअली मैं भी वहाँ से कल ही आयी हूँ पर बच्चे वहीं रुक गये हैं… और हसबैंड २ हफ़्ते के लिये आफिस के काम से आउट आफ स्टेशन गये हैं।”
“बच्चे कब तक आयेंगे?”
“वो भी दो हफ़्ते बाद आयेंगे... यही तो दिक्कत है... अब मुझे मार्केट से कुछ भी लाना हो तो मैं नहीं ला सकती।”
“क्यों मैडम?”
“मार्केट यहाँ से काफ़ी दूर है... रिक्शॉ से जाने में बहुत टाइम लगता है... और स्कूटर और कार मुझे चलानी नहीं आती।”
“बिल्कुल आ सकते हैं। लेकिन उसके लिये तुम्हें काफ़ी हार्डवर्क करना पड़ेगा... क्या तुम करोगे?”
“येस मैडम, मैं हार्डवर्क करूँगा... पर मेरे बेसिक्स ही क्लीयर नहीं हैं और मेरी ग्रामर बहुत वीक है।”
“सुमित तुम्हें सबसे पहले अपने बेसिक्स ही स्ट्रॉँग बनाने चाहिए। जिसके बेसिक्स स्ट्रॉँग नहीं उसे कुछ भी नहीं आता।”
“मैडम तो बेसिक्स स्ट्राँग कैसे होंगे।”
“उम्म... मैं तुम्हें बेसिक्स स्ट्राँग करने में हेल्प करूँगी।”
“येस मैडम... आप मुझे कुछ दिनों के लिये कोचिंग दे दिजिए।”
“तुम कल से सुबह मेरे पास आ जाया करो।”
“ओके मैडम।”
“कॉफी तो पियो... ठंडी हो रही है।”
“येस मैडम। मैडम आपकी फैमिली में कौन-कौन है?”
“मैं, मेरे हसबैंड और एक बेटी और एक बेटा।”
“मैडम… कहाँ हैं सब... कोई दिख नहीं रहा।”
“बच्चे तो अपनी नानी के यहाँ छुट्टियाँ बिताने गये हैं। एकचुअली मैं भी वहाँ से कल ही आयी हूँ पर बच्चे वहीं रुक गये हैं… और हसबैंड २ हफ़्ते के लिये आफिस के काम से आउट आफ स्टेशन गये हैं।”
“बच्चे कब तक आयेंगे?”
“वो भी दो हफ़्ते बाद आयेंगे... यही तो दिक्कत है... अब मुझे मार्केट से कुछ भी लाना हो तो मैं नहीं ला सकती।”
“क्यों मैडम?”
“मार्केट यहाँ से काफ़ी दूर है... रिक्शॉ से जाने में बहुत टाइम लगता है... और स्कूटर और कार मुझे चलानी नहीं आती।”