23-12-2021, 09:38 PM
“हे मैन! लेट्स गो! दिस बिच इज़ रैडी फोर डबल-फकिंग ऑफ हर लाइफ!” माइक हाँफते हुए ओरिजी से बोला और अगले ही पल ओरिजी का लौड़ा भी मेरी चूत में हिलता हुआ महसूस हुआ।
“ओहहह... यू...यू आर गोइंग टू... टू किल मी बिटवीन यू...! आआआईईईऽऽऽ!” मैं तड़प कर कराह उठी। ओरिजी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर जोर-जोर से मेरी चूत में ठोकने लगा और मेरे पीछे माइक का लौड़ा भी मेरी गाँड की गहराइयों में धक्के मारने लगा। मैं दर्द से लगातर कराहने और सुबकने लगी और मुझे एक बार फिर अपनी ज़िल्लत और तकलीफ में अजीब सा मज़ा आने लगा। दोनों बहुत ही बेरहमी से एक साथ अपने फौलादी लौड़े मेरी चूत और गाँड में अंदर-बाहर पेल रहे थे। । इतने मोटे-मोटे खुंखार लौड़ों की दोहरी वहशियाना चुदाई से मेरी हवस एक बार फिर भड़क उठी और मेरे दर्द और तकलीफ के एहसास पर हावी हो गयी। मेरी चूत और गाँड दोनों हद से ज्यादा इस कदर फैली हुई थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे दोनों मिल कर एक हो गयी हों। दर्द इतना भयानक था कि मैं बयान नहीं कर सकती लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों- यही बेतहाशा दर्द मेरी मस्ती को बढ़ा रहा था। जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मिठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते। बहुत ही हैरत अंगेज़ एहसास था और मैंने खुद को उस दोहरी वहशियाना चुदाई के हवाले कर दिया। कुल मिलाकर मेरी चुदास भड़क उठी थी और मेरी दर्द और मस्ती भरी मिलीजुली चींखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
मेरी आग इतनी भड़क चुकी थी कि मुझे लगा कि चुदाई में कभी इससे ज्यादा मज़ा मिलना मुमकिन नहीं था। मेरी थरथराती चूत ओरिजी के लौड़े को जकड़ कर चसक रही थी और माइक के लंबे -लंबे गाँड-फाड़ू धक्के झेलते हुए मेरे चूतड़ थिरकने लगे थे। उन दोनों के बीच दबी होने की वजह से मैं ज्यादा हिलडुल नहीं सकती थी लेकिन मस्ती में फिर भी अपने चूतड़ जोर -जोर से हिलाते हुए मज़े लेने लगी। अपनी गाँड में माइक के लौड़े के झटकों के जवाब में मैं अपने चुतड़ पीछे ठेल रही थी तो साथ ही अपनी चूत नीचे गड़ाते हुए नीचे से ओरिजी के लौड़े के धक्के झेल रही थी।
“ओहहह... यू...यू आर गोइंग टू... टू किल मी बिटवीन यू...! आआआईईईऽऽऽ!” मैं तड़प कर कराह उठी। ओरिजी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर जोर-जोर से मेरी चूत में ठोकने लगा और मेरे पीछे माइक का लौड़ा भी मेरी गाँड की गहराइयों में धक्के मारने लगा। मैं दर्द से लगातर कराहने और सुबकने लगी और मुझे एक बार फिर अपनी ज़िल्लत और तकलीफ में अजीब सा मज़ा आने लगा। दोनों बहुत ही बेरहमी से एक साथ अपने फौलादी लौड़े मेरी चूत और गाँड में अंदर-बाहर पेल रहे थे। । इतने मोटे-मोटे खुंखार लौड़ों की दोहरी वहशियाना चुदाई से मेरी हवस एक बार फिर भड़क उठी और मेरे दर्द और तकलीफ के एहसास पर हावी हो गयी। मेरी चूत और गाँड दोनों हद से ज्यादा इस कदर फैली हुई थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे दोनों मिल कर एक हो गयी हों। दर्द इतना भयानक था कि मैं बयान नहीं कर सकती लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों- यही बेतहाशा दर्द मेरी मस्ती को बढ़ा रहा था। जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मिठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते। बहुत ही हैरत अंगेज़ एहसास था और मैंने खुद को उस दोहरी वहशियाना चुदाई के हवाले कर दिया। कुल मिलाकर मेरी चुदास भड़क उठी थी और मेरी दर्द और मस्ती भरी मिलीजुली चींखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
मेरी आग इतनी भड़क चुकी थी कि मुझे लगा कि चुदाई में कभी इससे ज्यादा मज़ा मिलना मुमकिन नहीं था। मेरी थरथराती चूत ओरिजी के लौड़े को जकड़ कर चसक रही थी और माइक के लंबे -लंबे गाँड-फाड़ू धक्के झेलते हुए मेरे चूतड़ थिरकने लगे थे। उन दोनों के बीच दबी होने की वजह से मैं ज्यादा हिलडुल नहीं सकती थी लेकिन मस्ती में फिर भी अपने चूतड़ जोर -जोर से हिलाते हुए मज़े लेने लगी। अपनी गाँड में माइक के लौड़े के झटकों के जवाब में मैं अपने चुतड़ पीछे ठेल रही थी तो साथ ही अपनी चूत नीचे गड़ाते हुए नीचे से ओरिजी के लौड़े के धक्के झेल रही थी।