23-12-2021, 09:38 PM
कोई ताज्जुब की बात नहीं थी कि उन हब्शियों ने पहले कभी किसी की गाँड नहीं मारी थी। कोई रंडी भी उनके खौफनाक लौड़ों से गाँड मरवाने की हिम्मत नहीं करेगी और चूत चुदवाने में भी सौ बार सोचेगी! वो तो मैं ही उनके हैरत-अंगेज़ लौड़े देखकर अपनी निहायत हवस के आगे बेबस पड़ गयी थी और बदहवासी में इस वहशियाना चुदाई में शरीक हो गयी। कुछ देर पहले मैं उनके लौड़ों से चुदने के लिये मरी जा रही थी और कोई भी कीमत अदा करने को तैयार थी और खुद को दुनिया की सबसे खुशकिस्मत औरत समझ कर खुदा का शुक्रिया अदा कर रही थी। लेकिन गाँड में इतना बड़ा लौड़ा घुसे होने से अब दर्द के मारे मेरी जान निकली जा रही थी। इतना दर्द तो मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं झेला था। उधर चूत में भी उतना ही बड़ा लौड़ा ठुका हुआ था और मुझे अपनी चूत और गाँड एक होती महसुस हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों लौड़े मेरे अंदर एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे।
ओरिजी की बात सुनकर माइक ने हंसते हुए कुछ कहा जो मैं अपनी चींखों की वजह से सुन नहीं सकी। अगले ही पल मुझे माइक का लौड़ा अपनी गाँड में धीरे से बाहर फिसलता हुआ महसूस हुआ। मेरी गाँड की सूखी दीवारें फैल कर उसके बाहर खिंचते हुए लौड़े पर जकड़ी जा रही थीं और मैं फिर एक बार दर्द से बिलबिला उठी। जब उसके लौड़े का मोटा सुपाड़ा ही मेरी गाँड के अंदर रह गया तो उसने एक ही झटके में जोर से पूरा लौड़ा एक बार फिर मेरी कसी हुई गाँड में ठोक दिया। इसी तरह माइक ने चार-पाँच बार अपना लौड़ा मेरी गाँड में अंदर बाहर ठोका। हर बार दर्द से तड़प कर मेरी चींखें निकल जाती थीं।
ओरिजी की बात सुनकर माइक ने हंसते हुए कुछ कहा जो मैं अपनी चींखों की वजह से सुन नहीं सकी। अगले ही पल मुझे माइक का लौड़ा अपनी गाँड में धीरे से बाहर फिसलता हुआ महसूस हुआ। मेरी गाँड की सूखी दीवारें फैल कर उसके बाहर खिंचते हुए लौड़े पर जकड़ी जा रही थीं और मैं फिर एक बार दर्द से बिलबिला उठी। जब उसके लौड़े का मोटा सुपाड़ा ही मेरी गाँड के अंदर रह गया तो उसने एक ही झटके में जोर से पूरा लौड़ा एक बार फिर मेरी कसी हुई गाँड में ठोक दिया। इसी तरह माइक ने चार-पाँच बार अपना लौड़ा मेरी गाँड में अंदर बाहर ठोका। हर बार दर्द से तड़प कर मेरी चींखें निकल जाती थीं।