Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
“डोंट वरी बेब! यू विल लव इट एंड थैंक अस फोर वंडरफुल एक्सपीरीयंस!” माइक हंसते हुए बोला और मेरे चूतड़ों पर अपने भुसण्ड लौड़े का सुपाड़ा फिराने लगा।

“नो! नो! आँआँहहह!! नहींऽऽऽऽ! प्लीज़ऽऽऽऽ! ऊँऊँममऽऽ! यू विल स्प्लिट मी! चिठड़े हो जायेंगे मेरे! ऊऊऊईईईई!! यू आर ठू बिग!” मैं गिड़गिड़ाते हुए रोने लगी लेकिन साथ-साथ मेरे मुँह से सिसकारियाँ भी नकल रही थी।
 
“कम ऑन मैन! दिस स्लट कैन टेक ऑल द कॉक वी कैन गिव हर! शी इज़ फकिंग मॉय कॉक इन हर कंट लाइक अ बिच इन हीट!” ओरिजी ने माइक को फिर उकसाया। ओरिजी गलत नहीं कह रहा था। वाकय में मैं तो अपने चूतड़ हिला-हिला कर ओरिजी के लौड़े का मज़ा ले रही थी। ओरिजी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मेरी चुत में अपना लौड़ा नीचे से ठोक ही रहा था और उसने कस कर मेरी कमर भी पकड़ी हुई थी। इस वजह से मैं उठ भी नहीं सकती थी और सच कहूँ तो शायद मैंने उठने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि मेरी बे-गैरत चूत तो उस हब्शी लौड़े की चुदाई का जम कर मज़ा ले रही थी और कईं बार झड़ चुकी थी।
 
मेरा खौफ, मेरा गिड़गिड़ाना तो शायद ऊपरी ही था क्योंकि माइक को रोकने के लिये जिस्मानी तौर पर मैं कोई खास कोशिश नहीं कर रही थी। अपने साथ ज़िल्लत भरा रंडियों जैसा सलूक और बे-रहम दर्द भरी चुदाई में मुझे इस कदर मज़ा आ रहा था कि मैं उन जानवरों जैसे लौड़ों की हवस में कुछ भी सहने और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थी। नशे की बदहवासी और उन लौड़ों से चुदने की हवस में कुछ सोचने-समझने की ताकत बाकी नहीं रह गयी थी। बस किसी राँड कुत्तिया की तरह मैं अपनी गंदी चुदासी हवस पर अमल कर रही थी।
 
ओरिजी ने मेरी कमर में अपनी बाँहें डाल कर कस के पकड़ ली और नीचे से अपने चूतड़ उचका कर मेरी ठंसाठस भरी चूत में अपना लौड़ा मेरी आँतड़ियों तक ठोक दिया। पीछे से माइक ने भी मुझे बड़ी बेरहमी से जकड़ रखा था और मैं पूरी तरह उन दोनों गिरफ्त में थी। अगले ही पल मुझे अपनी गाँड के छेद पर उसके लंड के मोटे सुपाड़े का प्रेशर महसूस हुआ। मेरी गाँड का छेद माइक के लौड़े के लिये बिल्कुल मुनासिब नहीं था और माइक को अपना लौड़ा मेरी सूखी गाँड में घुसाने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और पूरी ताकत से उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरे छोटे से छेद पर दबाना ज़ारी रखा और आखिर में उसे कामयाबी मिल ही गयी। उसका सुपाड़ा मेरी सूखी गाँड में अंदर घुसना शुरू हुआ तो दर्द से मेरी जान निकल गयी। मैं छटपटाते हुए चिल्लाने लगी। “आआआआआँआँऊँऊँऽऽऽ हाऽऽयय खुदाऽऽ केऽऽऽ लिये! प्लीज़ऽऽऽ स्टॉऽऽपऽऽ... नहींऽऽऽ।” मेरी चींख कमरे में गूँज उठी। मुझे लगा जैसे उसके लौड़े ने मुझे दो हिस्सों में चीर दिया हो। दर्द की इंतहाई ने मेरे होश उड़ा दिये और मैं दर्द भरी सुबकियों के साथ घुटी-घुटी सी साँसें लेने लगी।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 23-12-2021, 09:36 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)