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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
“बिच इज़ सो टाइट!” ओरिजी जोर लगाते हुए फुफकारा। मुझे तब एहसास हुआ कि अभी तो सिर्फ सुपाड़ा ही मेरी चूत में दाखिल हुआ था। ओरिजी का लौड़ा बरछे की तरह मेरी चूत चीरते हुए अंदर घुसने लगा तो मैं दर्द के मारे फिर चींखने चिल्लाने लगी। इतना दर्द तो पहली बार अपनी सील तुड़वाते हुए भी नहीं हुआ था। मेरे चींखने - चिल्लाने का ओरिजी पर कुछ असर नहीं हुआ और उसने बेरहमी से पुरी ताकत लगाकर अपना लंड झटके से चूत की गहराइयों में ढकेल दिया। मुझे तो चूत के चिथड़े उड़ते महसूस होने लगे। उसके लंड का सुपाड़ा अब मेरे गर्भाशय पर धक्के मार रहा था। “आआहहह स्टॉपऽऽऽ हराऽऽऽमीऽऽऽ यू आर टियरिंग मी अप!” दर्द की लहरें मेरे पूरे जिस्म में दौड़ने लगीं। मेरे पसीने छूट गये और दिमाग सुन्न पड़ गया।

 
“लुक ऐट हर कंट! शी टुक द होल डिक! शी इज़ ए फकिंग हॉट बिच!” मेरे कानों में माइक के चहकने की आवाज़ आयी तो मुझे पता चला कि ओरिजी का पुरा लंड मेरी छिनाल चूत में दाखिल हो चुका है।
 
“शी इज़ अमेज़िंग मैन! नॉट मैनी वुमन कैन टेक अ कॉक दैट साइज़!” ओरिजी हाँफते हुए बोला। इतनी तकलीफ के बावजूद मैं अपनी तारीफ सुनकर मन ही मन इठला गयी। अपनी चूत की काबिलयत पर मेरा रोम-रोम फख्र से भर गया। ज़िंदगी में पहली बार मेरी चूत किसी लौड़े से इस कदर ठसाठस भरी थी । अचानक मुझे उस दर्द में मज़ा आने लगा और मेरी चींखें अब सुबकियों और सिसकियों में तबदील होने लगीं थीं। दर्द तो अब भी बहुत था पर अब उसमें मिठास सी घुल गयी थी और मेरी चूत उस हब्शी लौड़े पर कसमसाने लगी।
 
“येस्स! फक मी प्लीज़! ऑय लव योर बिग कॉक!” मैं फुसफुसायी और अपनी एक टाँग मोड़ कर अपना एक सैंडल उस डेस्क के कोने पर टिका दिया और दूसरी टाँग उसकी कमर में लपेट दी!
 
“यू आर अ हॉरनी स्लट!” ओरिजी हंसा और फिर दनादन धक्के लगाने लगा। करीब आधे से ज्यादा लौड़ा बाहर खींच-खींच कर बेरहमी से अंदर ठोक रहा था। “ओ‍ओहहह ओहह टू बिग... प्लीज़... मर गयी... येस्स...!” जानवरों की तरह बेरहमी से चुदते हुए मुझे भी निहायत मज़ा आने लगा था। अपना हाई हील सैंडल किसी तरह डेस्क के किनारे पर टिकाये मैं उसके धक्के झेलते हुए खुद भी अपने चूतड़ हिलाते डुलाते लगातार “ओह! ओह! ओह! ऊँह! आह! आँह!” आलाप रही थी। उसके हथोड़े जैसे लौड़े पर चिपकी हुई मेरी चूत बार-बार पानी छोड़ने लगी। अपने चूतड़ों पर उसके बैल जैसे टट्टों के थपेड़े मेरी चुदास में इज़ाफा कर रहे थे और मैं नशे में मस्ती से सिसकते, चींखते हुए अपने मम्मे अपने हाथों से भींचते हुए मज़े ले रही थी।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 23-12-2021, 09:34 PM



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