Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3.14 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तरक्की का सफ़र
तुम लोगों में कोई नहीं चाहता कि मैं भी थोड़ा मज़ा लूँ! आयेशा ने हँसते हुए शिकायत की।

हमारे अगले दो दिन खूब मौज मस्ती में गुजरे, बल्कि ये कहो कि चुदाई में गुजरे। जब हम सब रूही से विदाई ले रहे थे तो मैंने रूही को हमारे यहाँ आने की दावत दी। शुक्रिया, मुझे जैसे ही टाईम मिलेगा मैं जरूर आऊँगी, रूही ने जवाब दिया।
 
रूही इस शनिवार को क्यों नहीं आ जाती हो? हम भी सोमवार को अपने घर वापस जाने वाले हैं। अगर आ जाओगी तो आखिरी बार हमारा मिलना हो जायेगा, जय ने कहा।
 
हाँ ये अच्छा रहेगा। फातिमा और आर्यन को भी अपने साथ ले आना, मैंने कहा।
 
रूही कुछ देर तक सोचती रही। ठीक है! रवि भी दो दिन बाद चला जायेगा फिर मैं फ़्री हूँ, रूही बोली, ठीक है हम शनिवार कि शाम तक पहुँच जायेंगे।
 
जब हमारा सामान गाड़ी की डिक्की में रखा जा रहा था तो मैंने देखा कि आयेशा हम सब के बीच नहीं थी। ज़ुबैदा! तुम्हें पता है कि आयेशा कहाँ है?” मैंने पूछा।
 
वो मुझसे बोली थी कि वो रवि और आर्यन को गुड-बॉय बोल कर आ रही है, ज़ुबैदा ने जवाब दिया।
 
गुड-बॉय करके तो मुझे आधा घंटा हो गया, रवि ने कहा। इतने मैं आयेशा और आर्यन हँसते हुए आ गये। हरामी साले, लगता है कि तेरा चुदाई से जी नहीं भरा अभी तक?” रूही ने आर्यन को धीरे से एक थप्पड़ लगाते हुए कहा।
 
ओह मम्मी! मैं आयेशा को कुछ दे रहा था जिससे वो मुझे याद रखे, आर्यन ने शर्माते हुए कहा।
 
कहीं देने के चक्कर में इसे प्रेगनेंट तो नहीं कर दिया..... जिससे ये तुम्हें ज़िंदगी भर याद रखे?” रूही हँसते हुए बोली।
 
आर्यन डरो मत! मैं प्रेगनेंट नहीं होऊँगी पर हाँ मैं तुम्हें हर वक्त हर पल याद रखुँगी, आयेशा ने उसे कहा।
 
जब हम घर पहुँचे तो मैंने जय से पूछा,अच्छा बताओ जब रूही यहाँ आयेगी तो तुम किस तरह की पार्टी करना चाहोगे।
 
जय कुछ कहता उससे पहले विजय बोल उठा, मुझे तो कुँवारी चूत चोदने में मज़ा आता है।
 
विजय तुम चुप बैठो। पिछली बार हम तुम्हारी बात मान चुके हैं। अब जय की बारी है। मैंने जवाब दिया।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 23-12-2021, 09:22 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)