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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
माइक भी ताव में आ गया और मेरे बालों में अपनी अंगुलियाँ फंसाते हुए मेरे सिर को पीछे से अपने दोनों हाथों में और भी जोर से जकड़ कर अपने लंड को इस कदर झटके से अंदर ठेला कि उसके लंड का सुपाड़ा मेरा गला चीरते हुए मेरे हलक के नीचे उतर गया। मेरी तो साँस ही रुक गयी और मैं छटपटाने लगी लेकिन माइक पर तो जैसे भूत ही सवार था। बेरहमी से जोर-जोर के धक्के मारता हुआ वो पूरा लंड मेरे मुँह ओर हलक में उतारने पर अमादा था। साँस ना ले पाने की वजह से मेरा चेहरा लाल हो गया तो उसने अपना लौड़ा बाहर खींचा। खाँसते हुए गाढ़े थूक का थक्का सा मेरे गले से बाहर उगल पढ़ा।
 
मैंने साँस ली ही थी कि एक बार फिर मुझे उसकी मुठ्ठियाँ अपनी गर्दन के पीछे बालों पर कसती महसूस हुईं और उसने गालियाँ देते हुए अपना लंड फिर एक ही झटके में मेरे हलक में ठाँस दिया। दो तीन धक्कों में ही उसने पुरा लंड अंदर घुसा दिया। मेरे होंठ अब उसके लंड की जड़ में चिपके थे और मेरी नाक उसकी झाँटों में धँसी हुई थी। फैल कर बाहर को निकली मेरी आँखों से आँसू बहने लगे थे लेकिन मैंने उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इस दुर्दशा के बावजूद अपने पतन और नीचता का एहसास मेरी चुदास भड़का रहा था। मेरे जिस्म का पोर-पोर अल्लाह-ताला का शुक्रगुज़ार था कि मुझे एक नहीं बल्कि एक साथ दो-दो मुस्टंडे हब्शी लौड़े नसीब हुए। मैं तो ऐसे मोटे लंबे लौड़े को पूरा अपने मुँह में ले कर चूस पाने की काबिलियात पर ही मन ही मन इतरा रही थी। उसका लौड़ा अपने हलक में चूसते हुए साँसे रुकने से अगर मेरी जान भी निकल जाती तो मुझे गम ना होता।
 
मेरे गले से गोंगियाने की दबी-दबी आवाज़ें निकल रही थीं। माइक के बैल जैसे टट्टे मेरी थुड्डी पर चपटें मार रहे थे। दोनों काले हब्शियों के मुँह से लगातार मस्ती भरी आँहें और गालियाँ फूट रही थीं... स्लट... फकिंग कॉक सकर! यू हॉर्नी इंडियन बिच! सो फकिंग गुड! उनकी गालियाँ सुनकर मेरा जोश भी बढ़ता जा रहा था और अब मैं उस लंड की क्रीम चखने के लिये बेकरार होने लगी थी। मुझे ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा और कुछ ही देर में माइक का जिस्म अकड़ता हुआ महसूस हुआ और उसने मेरे बाल खींचते हुए अपने चुतड़ पुरी ताकत से आगे ठेल दिये। उसका लौड़ा पत्थर की तरह सख्त हो कर मेरे हलक में धँस कर धड़कने लगा। फिर उसके लंड में से उसका वीर्य तूफानी दरिया की तरह उमड़-उमड़ कर मेरे हलक में बहने लगा। मैं भी पूरे जोश से उसक वीर्य पीने लगी। उसका वीर्य भी उसके लौड़े के नाप की तरह बेशुमार था। मैंने पहले कभी इतना सारा वीर्य नहीं पीया था। गाढ़ा वीर्य लगातार उसके लंड में से फूट रहा था और मैं उसका मुकाबला नहीं कर पा रही थी। उसका गाढ़ा वीर्य मेरे मुँह में इस कदर भर गया कि मेरे गाल फूल गये और मेरे होंठों से वीर्य बुदबुदाता हुआ बहर निकलने लगा। मैंने अपने एक हाथ को अपने मुँह के नीचे ले जा कर वो वीर्य अपने चुल्लु में भर लिया।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 18-12-2021, 11:03 PM



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