18-12-2021, 11:01 PM
भाग ११
ऐसे ही एक शाम मैं नशे में स्टेज पर डाँस कर रही थी। बहुत ही उत्तेजक और तेज़ म्यूज़िक चल रहा था और स्टेज नाचने वाले लोगों से खचाखच भरा हुआ था। सभी नंग-धड़ंग हालत में झूम रहे थे और बहुत से तो पूरे नंगे थे और कईं जोड़े चुदाई में भी लगे थे। ताहिर अज़ीज़ खान जी पहले तो वहीं मौजूद मेरे पास ही डाँस रहे थे पर जब डाँस खत्म हुआ तो वो कहीं दिखायी नहीं दिये। हर तरफ कितने ही जोड़े नंगे होकर चुदाई में मसरूफ थे। सशा और हैमिल्टन भी चुदाई का मज़ा ले रहे थे और मेरी चूत भट्ठी की तरह जल रही थी। मेरे जिस्म पर सिर्फ छोटी सी स्कर्ट थी और मेरे मम्मे पूरे नंगे थे क्योंकि डाँस करते वक्त मेरे जिस्म से भी किसी ने मेरा टॉप खींच दिया था और अब उस टॉप के मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। डी-जे ने नया म्यूज़िक चालू किया तो मैं नशे में लड़खड़ाती हुई स्टेज से उतरी और उन नंगे लोगों की भीड़ में ससुर जी को खोजने लगी और अचानक हाई-हील सैंडल में मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं गिरने लगी तो किसी के मजबूत हाथ ने मुझे थाम लिया और गिरने से रोका। मैंने देखा एक हट्टा-कट्टा आफ्रिकी काला आदमी मेरे पीछे से मुझे थामे मुस्कुरा रहा था। मुझे अपने चूतड़ों के बीच कुछ ठोस चीज़ चुभती हुई महसूस हुई पर अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि वो और कुछ नहीं बल्कि उसका हलब्बी लंड था।
“थैंक यू सो मच!” मैंने संभलते हुए उसकी तरफ मुड़कर कहा।
“मॉय प्लेज़र.... ” वो मुस्कुराता हुआ बोला। मैं अभी भी उसकी मजबूत बाँह की गिरफ़्त में थी और उसके इतनी करीब थी कि उसका लंड मेरी नाभी के ऊपर चुभ रहा था। मेरी नज़र उसके काले लंड पर पड़ी तो मेरी आँखें फटी रह गयीं और मन-ही-मन में मैं सिसक उठी। इतना बड़ा लंड तो मैंने ज़िंदगी में नहीं देखा था। ऐसा लग रहा था किसी घोड़े का लंड हो और वो आदमी स्वयं भी बहुत ही ताकतवर और हट्टाकट्टा था। वो इतना लंबा था कि मेरे साढ़े-चार-पाँच इंच ऊँची हील के सैंडलों के बावजूद उसका लंड मेरी नाभी के ऊपर था।