18-12-2021, 10:49 PM
“श्याम, थोड़ी देर में चलते हैं ना!”
“ज़ुबैदा डार्लिंग! इस घर में कोई चुदवाने को मना नहीं करता”, रूही बोली, “श्याम एक काम करो इसकी गाँड हमारे सामने ही मारो।”
“ज़रा धीरे-धीरे करो ना!” ज़ुबैदा सिसक कर बोली जैसे ही श्याम ने अपना लंड उसकी गाँड में पेल दिया।
जय, रूही की ओर बढ़ कर उसके मम्मे दबा रहा था। मैंने भी फातिमा को अपनी गोद में खींच लिया था। अब सब चुदाई में मस्त हो रहे थे। चारों तरफ चुदाई का माहोल था। जब सब थक गये तो अपने अपने कमरे में जाकर सो गये।
शाम को नाश्ते की टेबल पर सबने आबिदा और सलमा से पूछा कि दोपहर को क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि किस तरह मालिश के दौरान आर्यन इतना उत्तेजित हो गया कि वो अपने आपको आबिदा को चोदने की चाह से रोक ना पाया। जब आबिदा ने मना किया तो उसने वादा किया कि वो आबिदा को कुतिया कभी नहीं बुलायेगा और दोपहर भर वो फ़िर आबिदा और सलमा को चोदता रहा।
अब जबकि आर्यन और आबिदा में सुलह गो गयी थी, माहोल और खुशनुमा हो गया था। रात का खाने खाने के बाद हम सब ड्रिंक्स पीते हुए टीवी पर एक ब्लू फिल्म देखने लगे।
फिल्म काफी सैक्सी थी। वो फिल्म एक कुँवारी लड़की की पहली चुदाई की कहानी थी, सब लोग शराब का मज़ा लेते हुए वो फिल्म देख रहे थे।
“वाह क्या पिक्चर है! काश मैं उस लड़के की जगह होता और चूत को फाड़ रहा होता!” राम अपने खड़े लंड को सहलाते हुए बोला।
“हाँ सही कह रहे हो...... देखो तो उसकी चूत का छेद कितना छोटा है!” शाम भी बोला।
“काश हमें भी कोई कुँवारी लड़की की चूत मिल जाती, हमारी बीवियाँ तो पहले इन साले राम और श्याम से चुदवा चुकी थीं, इसलिये ये मौका हमारे हाथ से जाता रहा”, जय और विजय दोनों साथ-साथ बोले।
“तुम सब लोग कुँवारी चूत की बात कर रहे हो, कुँवारी चूत में ऐसा क्या है?” आर्यन ने पूछा।
“आर्यन! तुम्हें नहीं पता कि कुँवारी चूत को चोदने में कितना मज़ा आता है”, राम ने कहा।
“यार! तुम्हें नहीं मालूम जब एक मस्ताना लंड किसी कुँवारी चूत में घुसता है तो उस कुँवारी चूत की झिल्ली उस लंड को अंदर जाने से रोक देती है। तब तुम्हें अंदर बाहर करके उस झिल्ली को फाड़ने के लिये जोर लगाना पड़ता है। और जब जोर लगाते हुए वो लंड चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ और उस झिल्ली को फाड़ता हुआ जड़ तक समाता है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है”, श्याम ने कहा।
“ज़ुबैदा डार्लिंग! इस घर में कोई चुदवाने को मना नहीं करता”, रूही बोली, “श्याम एक काम करो इसकी गाँड हमारे सामने ही मारो।”
“ज़रा धीरे-धीरे करो ना!” ज़ुबैदा सिसक कर बोली जैसे ही श्याम ने अपना लंड उसकी गाँड में पेल दिया।
जय, रूही की ओर बढ़ कर उसके मम्मे दबा रहा था। मैंने भी फातिमा को अपनी गोद में खींच लिया था। अब सब चुदाई में मस्त हो रहे थे। चारों तरफ चुदाई का माहोल था। जब सब थक गये तो अपने अपने कमरे में जाकर सो गये।
शाम को नाश्ते की टेबल पर सबने आबिदा और सलमा से पूछा कि दोपहर को क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि किस तरह मालिश के दौरान आर्यन इतना उत्तेजित हो गया कि वो अपने आपको आबिदा को चोदने की चाह से रोक ना पाया। जब आबिदा ने मना किया तो उसने वादा किया कि वो आबिदा को कुतिया कभी नहीं बुलायेगा और दोपहर भर वो फ़िर आबिदा और सलमा को चोदता रहा।
अब जबकि आर्यन और आबिदा में सुलह गो गयी थी, माहोल और खुशनुमा हो गया था। रात का खाने खाने के बाद हम सब ड्रिंक्स पीते हुए टीवी पर एक ब्लू फिल्म देखने लगे।
फिल्म काफी सैक्सी थी। वो फिल्म एक कुँवारी लड़की की पहली चुदाई की कहानी थी, सब लोग शराब का मज़ा लेते हुए वो फिल्म देख रहे थे।
“वाह क्या पिक्चर है! काश मैं उस लड़के की जगह होता और चूत को फाड़ रहा होता!” राम अपने खड़े लंड को सहलाते हुए बोला।
“हाँ सही कह रहे हो...... देखो तो उसकी चूत का छेद कितना छोटा है!” शाम भी बोला।
“काश हमें भी कोई कुँवारी लड़की की चूत मिल जाती, हमारी बीवियाँ तो पहले इन साले राम और श्याम से चुदवा चुकी थीं, इसलिये ये मौका हमारे हाथ से जाता रहा”, जय और विजय दोनों साथ-साथ बोले।
“तुम सब लोग कुँवारी चूत की बात कर रहे हो, कुँवारी चूत में ऐसा क्या है?” आर्यन ने पूछा।
“आर्यन! तुम्हें नहीं पता कि कुँवारी चूत को चोदने में कितना मज़ा आता है”, राम ने कहा।
“यार! तुम्हें नहीं मालूम जब एक मस्ताना लंड किसी कुँवारी चूत में घुसता है तो उस कुँवारी चूत की झिल्ली उस लंड को अंदर जाने से रोक देती है। तब तुम्हें अंदर बाहर करके उस झिल्ली को फाड़ने के लिये जोर लगाना पड़ता है। और जब जोर लगाते हुए वो लंड चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ और उस झिल्ली को फाड़ता हुआ जड़ तक समाता है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है”, श्याम ने कहा।